कहानी ज़िंदगी की

<p>ना सिर्फ़ दुनिया बल्कि भारत की अलग- अलग भाषाओं की प्रसिद्ध कहानियां</p>

अलविदा नहीं, फिर मिलेंगे... कहानी रवि प्रकाश की: आठवां एपिसोड

रवि प्रकाश ने जीवन में बड़े उतार-चढ़ाव देखे हैं, उनका संघर्ष अब भी जारी है.

03-03
20:50

मेरी ज़िंदगी, हीरो भी मैं..कहानी रवि प्रकाश की: सातवां एपिसोड

ना सिर्फ़ पंकज त्रिपाठी बल्कि ऐसे बहुत से नाम हैं, जो रवि प्रकाश के लिए 'असल हीरो' हैं...

02-24
21:17

ज़िंदगी बचाने की कीमत कितनी..कहानी रवि प्रकाश की: छठा एपिसोड

कैंसर के इलाज में जेब का खाली होना तय है लेकिन जिनके पास पैसा ही ना हो वो क्या करें?

02-17
21:03

एक तरफ़ा प्यार..कहानी रवि प्रकाश की: पांचवा एपिसोड

जब कोई मेहमान आपके घर में अचानक आ जाए और जाने का नाम ही ना ले तो आप क्या करेंगे.

02-10
17:48

मुझे और जीने दो..कहानी रवि प्रकाश की: चौथा एपिसोड

कैंसर से जंग सांप सीढ़ी के खेल जैसी है, कभी उम्मीद तो कभी झटके की कहानी है ये.

02-03
20:35

एक शाम ज़िंदगी के नाम..कहानी रवि प्रकाश की: तीसरा एपिसोड

बंद मुठ्ठी से रेत की तरह फिसलती ज़िंदगी को रोकने का तरीका क्या है.रवि प्रकाश ने क्या किया

01-27
17:39

मौत के नाम खुला ख़त..कहानी रवि प्रकाश की: दूसरा एपिसोड

जब ज़िंदगी में अचानक मौत झांकने लगे तो क्या करेंगे आप.रवि ने इस स्थिति का सामना कैसे किया

01-20
19:13

कैंसर दबे पांव आया..कहानी रवि प्रकाश की: पहला एपिसोड

जनवरी 2021.रवि प्रकाश को पता चला कि उन्हें लंग कैंसर है और उनके पास हैं सिर्फ़ 18 महीने.

01-13
18:08

कैंसर और ज़िंदगी जीने की ज़िद- कहानी रवि प्रकाश की

ज़िंदगी के वो पन्ने जिनमें हर पूर्णविराम के बाद भी नये वाक़्य लिखने की स्याही है.

01-06
03:14

सुखांत

अबूरी छायादेवी की ये कहानी बताती है कि एक महिला को चैन की नींद नसीब होना कितना मुश्किल है

03-20
16:49

ख़ूनी कीचड़

साहित्यकार भास्कर चंदनशिव की प्रसिद्ध मराठी कहानी 'लाल चिखल' का हिंदी अनुवाद.

03-13
16:34

चीफ़ की दावत

भीष्म साहनी की ये कहानी पुत्र मोह में बंधी मां की पीड़ा बयान करती है.

03-06
16:51

रेवती

‘रेवती’ को उड़िया भाषा की पहली कहानी माना जाता है. लेखक हैं फकीर मोहन सेनापति.

02-27
18:07

सुनहरा शहर

पुडुमयपित्तन की ये कहानी बताती है कि गरीबी-लाचारी के चलते एक औरत को क्या नहीं करना पड़ता?

02-20
10:15

बेटा किसका

विजयदान देथा की कहानी में सुनिए कि बेटे का हक़ किसे मिलता है सेठ को, सेठानी को या सुनार को

02-13
14:54

एक है जानकी

उषा किरण ख़ान की लिखी ये कहानी बताती है कि एक नारी कैसे परिस्थितियों से समझौता करती है.

02-06
11:17

मैं कौन हूँ

पी.सत्यवती की ये कहानी है उस महिला की जो घर गृहस्थी के चक्कर में अपनी पहचान भूल चुकी है.

01-30
14:03

बस कंडक्टर

पंजाबी कथाकार दलीप कौर टिवाणा की लिखी ये कहानी इंसानी रिश्तों की नई इबारत लिखती है.

01-23
12:31

सती धनुकाइन

1958 में राजकमल चौधरी की लिखी कहानी समाज में निम्न वर्ग की महिलाओं की स्थिति बयां करती है.

01-16
12:14

ड्रेन में रहने वाली लड़कियाँ

असग़र वजाहत की ये कहानी सवाल उठाती है कि क्या हमारा पुरुष प्रधान समाज, नारी विरोधी है?

01-09
13:22

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