सोनू और उसकी मम्मा की कहानी। सोनू माँ के ऑफिस जाने के अपने घर में बेहद अकेला महसूस करता। सुनिए जब एक बच्चा घर में अकेला रह जाता है तो वह किस तरह के मनोभावों से होकर गुजरता है। यह कहानी बच्चों के साथ साथ कामकाजी पैरेंट्स के लिए भी बहुत कुछ सवालों को छोड़ जाने वाली है। यहाँ सोनू अपने घर में काम करने वाली बाई के बच्ची से संवाद करता है। और दोनों बच्चे अपने अनुभव साझा करते हैं। इनके संवादों के बीच बाई का भी दखल सुनने योग्य है।
सुनिए ब्रज की धरती से एक और लोक कथा। इस कथा को सुना रहे हैं मुकेश जी।
सुनिए एक रोचक कथा जिसमें लोग पेड़ पौधों से बात करते हैं और उनके सुख दुःख के साथी बनते हैं।
बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी। बात की बात में चलने वाली अतिशयो्तिपूर्ण कहानी।
यहां आपको लोककथाओं के बारे में कुछ जानकारी दी जा रही है। जो संक्षिप्त परिचय की तरह है।
राजू और अनुराग दोनों अपने स्वभाव में एक दूसरे से अलग- अलग थे. लेकिन ऐसा क्या हुआ की उनमें बेहद अच्छी दोस्ती हो गयी? यह जानने के लिए सुनिए कहानी दोस्ती का हाथ.
प्रकाश मनु की लिखी कहानी, एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों के जीवन को कितने संदर्भो में संवारता है, यह कहानी इस बात को बेहद खूबसूरत तरीके से बताती है. यह कहानी बताती है कि एक अच्छा अध्यापक अपने बच्चों को महज पढ़ने लिखने के क्षेत्र में ही आगे नहीं बढाता वरन वह उसके व्यक्तित्व का चहुंमुखी विकास करता है. वह अपने शिष्य को एक बेहतर इंसान बनने की दिशा में आगे बढ़ाता है.
प्रयाग शुक्ल की लिखी कहानी, 'रोने की जगह' बाल मनोभावों को बेहद खूबसूरत ढंग से व्यक्त करती है.