मिलापवाला तम्बू: यीशु मसीह का विस्तृत वर्णन (II)

हम मिलापवाले तम्बू में छिपे सत्य को कैसे ढूंढ सकते है? केवल पानी और आत्मा का सुसमाचार जानने के द्वारा, मिलापवाले तम्बू का सही मतलब हम ठीक से जान पाते है और इस प्रश्न के उत्तर को जान सकते है। हकीकत में, नीले, बैंजनी और लाल रंग का कपड़ा और बटी हुई सनी का कपड़ा जो मिलापवाले तम्बू के आँगन के द्वार में प्रगट होता है वह हमें नए नियम में यीशु मसीह के कार्य को दिखाते है जिसने मनुष्यजाति को बचाया था। इस तरह, पुराने नियम के मिलापवाले तम्बू के वचन और नए नियम के वचन बटी हुई सनी के कपड़े के जैसे आपस में मिलते जुलते है। लेकिन, दुर्भाग्यसे, मसीहियत में सत्य की खोज करनेवाले सारे लोगों से यह सत्य लम्बे समय तब छिपा हुआ था। इस पृथ्वी पर आने के बाद, यीशु मसीह ने यूहन्ना से बपतिस्मा लिया उअर क्रूस पर अपना लहू बहाया। पानी और आत्मा के सुसमाचार को समझे और विश्वास किए बिना, हम में से कोई भी मिलापवाले तम्बू में प्रगट हुए सत्य को नहीं ढूंढ सकता। अब हमें मिलापवाले तम्बू के इस सत्य को सीखना चाहिए और उस पर विश्वास करना चाहिए। हम सभी को मिलापवाले तम्बू के आँगन के द्वार पर के नीले, बैजनी, और लाल कपड़े और बटी जी सनी के कपड़े को समझना चाहिए और विश्वास करना चाहिए।

1. हम उन लोगों में से नहीं है जो अपने पापों की वजह से विनाश की ओर जाते है (यूहन्ना १३:१-११)

बाइबल के सारे वचन उन झूठे शिक्षकों के लिए रहस्य है जिन्होंने अभी तक नया जन्म नहीं पाया है। इसलिए वे परमेश्वर के वचन को मनुष्यों के बनाए हुए विचारों से अपनी तरह व्याख्यायित करने की कोशिश करते है। हालाँकि, वे जो सिखा रहे है उन पर वे खुद भी विश्वास नहीं करते। परिणाम स्वरुप, जो लोग यीशु पर विश्वास करते है उनके बिच बहुत कम लोग है जिन्हें अपने उद्धार पर विश्वास है। ऐसा क्यों है? ऐसा इसलिए है क्योंकि पानी और आत्मा के सुसमाचार को स्पष्ट रूप से जाने बिना ही वे कहते है की वे यीशु पर विश्वास करते है। ऐसे मसीही लोग सोचते है कि वे नाश नहीं होंगे क्योंकि वे यीशु पर विश्वास करते है। लेकिन उन्हें यह महसूस करने की ज़रूरत है कि जब बाइबल के नज़रिए से देखा जाता है, तो यदि वे पानी और आत्मा के सुसमाचार पर विश्वास नहीं करेंगे तो वे नाश होंगे।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
01:02:14

3. वे जो परमपवित्र स्थान में प्रवेश कर सकते है (निर्गमन २६:३१-३३)

मिलापवाला तम्बू छोटा तह करनेवाला घर था जो चार प्रकार के आवरण से ढँका हुआ था। यह अनेक सामग्री से बना हुआ था – उदाहरण के लिए, इसकी दीवार बबूल के लकड़ी के ४८ पटिए से बनी हुई थी। प्रत्येक पटिये की उंचाई ४.५ मीटर (१० हाथ: १५ फीट) थी, और चौड़ाई ६७.५ मीटर (१,५ हाथ: २.२ फीट) थी। सारे पटिये सोने से मढ़े हुए थे।मिलापवाले तम्बू का आवरण निम्नलिखित सामग्री से बना हुआ था: पहला आवरण नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े और बटी हुई सनी के कपड़े से बुने परदे से बना था; दूसरा आवरण बकरे के बाल से बना हुआ था; तीसरा आवरण लाल रंग से रंगी मेंढे की खाल से बना हुआ था; और चौथा आवरण सुइसों की खाल से बना हुआ था।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
29:19

2. पवित्र स्थान के परदे और खम्भे (निर्गमन २६:३१-३७)

मैं पवित्र स्थान के खम्भे और उसके परदों के रंगों में निहित आत्मिक मतलब पर मनन करना चाहूँगा। हम यहाँ जिस मिलापवाले तम्बू के बारे में बात कर रहे है वह १३.५ मीटर (४५ फीट) लंबा और ४.५ मीटर (१५ फीट) चौड़ा है, और यह पवित्र स्थान और परमपवित्र स्थान ऐसे दो कमरों में विभाजित किया गया है। पवित्र स्थान के अन्दर, दीवट, भेंट की रोटी की मेज, और धूप वेदी थी, जब की परमपवित्र अथां के अन्दर साक्षीपत्र का संदूक और दयासन को रखा गया था।पवित्र स्थान और परमपवित्र स्थान के अनुसार, मिलापवाला तम्बू चारों ओर से ७० सेंटीमीटर (२.३ फीट) चौड़े और ४.५ मीटर (१५ फीट) ऊँचे बबूल की लकड़ी से बने पटिये से घिरा हुआ था। और मिलापवाले तम्बू के द्वार पर, सोने से मढ़े बबूल की लकड़ी से बने पाँच खम्भों को रखा गया था। बहार से अन्दर प्रवेश करने के लिए जो द्वार था वह खुद नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े और बटी हुई सनी के कपड़े से बुना हुआ था।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
01:06:23

4. पर्दा जो फट गया (मत्ती २७:५०-५३)

परमपवित्र वह स्थान था जहाँ परमेश्वर निवास करते थे। और केवल महायाजक ही साल में एक बार प्रायश्चित के दिन इस्राएलियों के पापों की माफ़ी के लिए बलिदान के बकरे का लहू लेकर परमपवित्र स्थान में प्रवेश कर सकता था। उसने ऐसा किया क्योंकि मिलापवाले तम्बू का परमपवित्र स्थान, परमेश्वर का घर, पवित्र स्थान था जहाँ वह बलिदान के लहू को लिए बिना प्रवेश नहीं कर सकता था, जिसके सिर पर उसने पापियों के अपराधों को मिटने के लिए हाथ रखे थे। अलग तरह से देखे तो, जब तक महायाजक परमेश्वर के स्थान में प्रवेश करने से पहले बलिदान अर्पण करके अपने पापों की माफ़ी नहीं प्राप्त करता था तब तक वह परमेश्वर के दोष से बच नहीं सकता था।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
51:47

6. साक्षीपत्र के संदूक के अन्दर छिपा हुआ आत्मिक रहस्य (निर्गमन २५:१०-२२)

आज का विषय है साक्षी का संदूक। साक्षी का संदूक ११३ सेंटीमीटर (३.७ फीट) लंबा, ६८ सेंटीमीटर (२.२. फीट) चौड़ा, ६८ सेंटीमीटर (२.२ फीट) ऊँचा था जो बबूल की लकड़ी से बना था और शुध्ध सोने से मढ़ा हुआ था। इस संदूक के अन्दर, दस आज्ञाए लिखे हुए दो पत्थर की तख्तियाँ और मन्ना से भरा सोने का कटोरा था, और बाद में हारून की छड़ी को उसमे जोड़ा गया जिसमे कलियाँ फूटी थी। तो फिर साक्षी के संदूक में राखी यह तिन चीजे हमें क्या बताती है? इन चीजों के द्वारा, मैं यीशु की तिन सेवकाई के बारे में विस्तृत जानकारी देना चाहता हूँ। आइए अब हम साक्षी के संदूक में राखी इन तिन चीजों में प्रगट हुए आत्मिक सत्य की जाँच करे।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
39:20

5. मिलापवाले तम्बू के प्रत्येक तख्ते के लिए दो चाँदी की कुर्सियां और दो चूलें हो (निर्गमन २६:१५-३७)

मिलापवाला तम्बू ४८ पटिए से बना हुआ था; दक्षिण और उत्तर की बाजू के लिए २० पटिए, पश्चिम बाजू के लिए छह पटिए, और दो पटिए पीछे के दोनों कोनो के लिए। प्रत्येक पटिए का नाप ४.५ मीटर (१५ फीट) लंबा और तक़रीबन ६७.५ सेंटीमीटर (२.२. फीट) चौड़ा। प्रत्येक पटिए को सीधा खड़ा रखने के लिए, दो चाँदी की कुर्सिया और दो कडिया थी उन दोनों को एक दुसरे के साथ बाँधा गया था। यह हमें फिर से बताता है की परमेश्वर का उद्धार केवल मसीह पर विश्वास के द्वारा उसके अनुग्रह से दिया गया है।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
01:00:34

7. दयासन पर दिया गया पाप की माफ़ी का अर्पण (निर्गमन २५:१०-२२)

एक हाथ का नाप हाथ की ऊँगली के छोर से लेकर कोहनी तक की लम्बाई। बाइबल में, एक हाथ की लम्बाई अज के ४५ सेंटीमीटर जीतनी होती है। प्रायश्चित के ढकने की लम्बाई ढाई हाथ थी, इस लिए जब उसे मीट्रिक प्रणाली में रूपांतर किया जाए, तो इस की लम्बाई तक़रीबन ११३ सेंटीमीटर (३.७ फीट) होगी। और इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ की थी, तक़रीबन ६७.५ सेंटीमीटर (२.२ फीट)। यह हमें प्रायश्चित के ढकने के बारे में व्यापक समझ देता हा।साक्षी के संदूक को पहले बबूल की लकड़ी से बनाया गया था और फिर अन्दर से बहार की ओर सोने से मढ़ा हुआ था। लेकिन प्रायश्चित का ढकना, जो साक्षी के संदूक में रखा गया था, उसे केवल सोने से बनाया गया था। और उसके दोनों छोर पर, करुबों को अपने पंख फैलाए हुए, संदूक के ढकने को ढंके हुए रखा गया था – अर्थात्, प्रायश्चित का ढकना – और करुबों का मुँह प्रायश्चित के ढकने की ओर रखा गया था। प्रायश्चित का ढकना वह जगह है जहा परमेश्वर लोगों पर अपना अनुग्रह करता था जो विश्वास से उसके पास आते थे।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
35:19

9. सोने की दीवट (निर्गमन २५:३१-४०)

सोने की दीवट को चोखे सोने के एक ही तुकडे से बनाया गया था। चोखा सोना ढालकर पूरा दीवट एक ही तुकडे का बनाया गया था, जिसके दोनों बाजू से तिन डालियाँ निकली हुई थी, और सात दीपक को पुष्पकोष और उसकी छह डालियों के ऊपर रखा गया था। जैसे सोने की दीवट को चोखे सोने से बनाया गया था, इसलिए वह देखने में बहुत ही मोहक था।सोने की दीवट के सबसे ऊपर, तेल को रखने के लिए सात दीपक रखे गए थे, जिसे हर समय पवित्र स्थान में प्रकाश फ़ैलाने के लिए जलाया जाता था। व्यक्ति केवल नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े और बटी हुई सनी के कपड़े से बुने तम्बू के द्वार को उठाकर और खोलने के द्वारा ही पवित्र स्थान में प्रवेश कर सकता है। जो लोग इस स्थान में प्रवेश कर सकते है वे वही लोग है जो नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े में प्रगट हुए उद्धार के कार्य में विश्वास करते है। उसी रूप से, कोई भी व्यक्ति इस विश्वास के बगैर पवित्र स्थान में प्रवेश नहीं कर सकता, क्योंकि यह वो जगह है जहाँ केवल उन लोगों को प्रवेश करने की अनुमति है जो तम्बू के द्वार के परदे में प्रगट हुए नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े और बटी हुई सनी के कपड़े के रहस्य को जानते है।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
25:47

8. भेंट की रोटी की मेज (निर्गमन ३७:१०-१६)

भेंट की रोटी की मेज, मिलापवाले तम्बू में पाए जाने वाले पत्रों में से एक, बबूल की लकड़ी से बना था, और सोने से मढ़ा हुआ था। उसका नाप दो हाथ (९० सेंटीमीटर: ३ फीट) लंबा, डेढ़ हाथ (६७.५ सेंटीमीटर: २.२ फीट) ऊँचा, और एक हाथ (४५ सेंटीमीटर: १.५ फीट) चौड़ा था। भेंटी की रोतो की मेज पर हमेशा के लिए १२ रोटियाँ राखी जाति थी, और यह रोटियाँ केवल याजक के द्वारा ही खाई जा सकती थी (लैव्यव्यवस्था २४:५-९)। भेंट की रोटी के मेज की कुछ विशेषता: उसके चारों ओर एक पटरी थी; और इस पटरी के लिए चारों ओर सोने कोई एक बाड़ बनाई; सोने के चार कड़े उसके चारों कोने में लगाए; मेज उठाने के लिए डंडो को बबूल की लकड़ी से बनाए और उसे सोने से मढ़े जो मेज उठाने के काम आते थे। मेज के ऊपर रखे पात्र – परात, धूपदान, कटोरे, और उंडेलने के बर्तन सब चोखे सोने से बने थे।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
44:38

11. महायाजक जो प्रायश्चित के दिन अर्पण चढ़ाता था (लैव्यव्यवस्था १६:१-३४)

महायाजक वो व्यक्ति था जो प्रायश्चित के दिन इस्राएल के लोगोप्न केन लिए बलिदान अर्पण करता था। यह बलिदान इस्राएली केलेंडर के अनुसार साल में एक बार सांतवे महीने के दसवें दिन दिया जाता था। इस दिन, जैसे महायाजक हारून इस्राएल के लोगों के बदले में बलिदान अर्पण करता था, तब वास्तव में उनके सारे अपराध बलिदान के ऊपर डाले जाते थे और उन्हें शुध्ध किया जाता था। इसलिए प्रायश्चित का दिन इस्राएल के लोगों के लिए बहुत बड़ा त्योहार बन गया था।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
01:20:34

10. धूप वेदी (निर्गमन ३०:१-१०)

धूप वेदी बबूल की लकड़ी से बनी थी, और वह समकोण आकर की थी, उसकी लम्बाई और चौड़ाई एक हाथ (४५ सेंटीमीटर: १.५ फीट) थी, और उसकी उंचाई २ हाथ थी। पवित्र स्थान में राखी गई धूप वेदी को पूरी तरह से सोने से मढ़ा गया था, और उसके चारो ओर सोने की बाड़ बनाई गई थी। वेदी को उठाने के लिए इस्तेमाल हुए डंडो को रखने के लिए इसकी बाड़ के निचे सोने के चार कड़े लगाए गए थे। धूप की इस वेदी पर, केवल अभिषेक का पवित्र तेल और सुंगंध द्रव्य का ही इस्तेमाल होता था (निर्गमन ३०:२२-२५)।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
43:46

12. मिलापवाले तम्बू के आवरण में छिपे हुए चार रहस्य (निर्गमन २६:१-१४)

अब हमें हमारा ध्यान मिलापवाले तम्बू की ओर लगाना चाहिए। तम्बू का आवरण चार परतो से बना हुआ था। जब परमेश्वर ने मूसा से तम्बूबनाने के लिए कहा, तब उन्होंने उसे विस्तृत सुचनाए दी। विशिष्ट रूप से, पहले आवरण को केवल तम्बू के अन्दर से ही दखा जा सकता था, तम्बू के सारे पटिए और पात्रों के उपर का आवरण। यह आवरण तम्बू के पवित्र स्थान, परमपवित्र स्थान के सारे पटिए को लिपटा हुआ भूमि तक निचे आरहा था। और यह नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े और बटी हुई सनी के कपड़े से बना हुआ था और करुबों का सुन्दर चित्र भी उसमे बुना हुआ।   https://www.bjnewlife.org/ https://youtube.com/@TheNewLifeMission https://www.facebook.com/shin.john.35 

12-09
01:17:28

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