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Chota Sa Fasana
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Chota Sa Fasana

Author: Loveleena Ghai

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Description

बचपन से लेकर अब तक हमारी ज़िंदगी कई मायनों में काफ़ी बदल चुकी है. वो चाहे हमारे रहन-सहन का ढंग हो या फिर दोस्त के साथ मस्ती करने का अंदाज़.मैं हमेशा सोचती हूं कि पहले जैसे न अब हमारे पास ज़िंदगी जीने का समय है और न ही दोस्तों के साथ ज़्यादा घूमने-फिरने का. यही वजह है कि आज भी मुझे बचपन बहुत याद आता हैं.
5 Episodes
Reverse
बचपन बड़ा ही सुहाना था, आज रिग्रेट करते है की हमे बड़े होने की जल्दी क्यों थी? ज़िंदगी में कुछ मिले न मिले, बस एक ही ख्वाहिश है की एक बार फिरसे ये बचपन जीने को मिल जाए तो मज़ा आजायेगा 
बचपन हर माईने में ख़ास था, न रोक टोक न जल्दबाज़ी और न ही ज़िम्मेदारियों का बोझ. आज स्थिति और लोग दोनों ही अलग है. आज की जनरेशन फ़ोन के अलावा शायद ही कुछ जानती हो.. आज कल के बच्चे बचपन से ही मातुरे है और मुझे तो याद है की में २१ साल की उम्र तक भी immature हुआ करती थी, या शायद आज भी. चलिए छोटा सी झलक दिखती हु मेरे बचपन से, आप बताना न भूलिएगा अपने बचपन की कहानी।
मैं कोई ऐसा गीत गाउ ने अपने 23 साल पुरे कर लिए है, और येस बॉस मूवी ने हमे कुछ यादगार लम्हे दिए है जीने के लिए, तो चलिए आज छोटा सा फ़साना के एपिसोड-2 से कुछ यादो को आप भी चुन लीजिये  और खो जाइये अभिजीत के इस गाने के खूबसूरत लफ्ज़ो में..
बचपन में हम कैसे करामाते किया करते थे न? आप ने भी कुछ खट्टे मीठे पालो को ज़रूर संजो के रखा होगा, क्यों ना आप मुझे अपने बचपन की बातो को रिकॉर्ड करके साझा करे?
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में  फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते  बशीर बद्र के इन लफ़्ज़ों को हर कोई रोज़ जीता होगा! हर दिन ऑफिस और ऑफिस से घर के चक्कर में हमने अपनी ज़िन्दगी की तमाम खुशियों की कुर्बानी दी है. आज फिर से उस बचपन को वापस लौटने आयी हु में, जहा हमारा हर पल खूबसूरत था, अब नहीं कहना पड़ेगा, "यार बचपन ही अच्छा था."
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