Discoverकिस्सागो
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उसने माँ का धर्म तो ग्रहण नहीं किया था, पर मन में माँ की पूजा करता था। वह माँ तो अब नहीं रहीं, किन्तु उनकी स्मृति की रक्षा के लिए उसने समाज से ठुकराई गई पीड़ित हिन्दू लड़कियों को विशेष रूप से आश्रय देने का प्रण उठाया हुआ है।
भिखारिन होते हुए भी सेठ से महान थी। इस समय सेठ याचक था और वह दाता थी।
गोनू झा का जन्म १४ वी शताब्दी में दरभंगा बिहार (मिथिलांचल) के भरवारा गाँव में हुआ था । उनके बारे में कई किद्वान्तिया है । वे चुटकियों में समस्याओं को सुलझा देते थे। उनके चुटकुले सुनकर लोग लोटपोट हो जाते थे।उन्हें मिथिला में वही सम्मान प्राप्त था जो दक्षिण में तेनालीराम और उत्तर भारत में बीरबल को प्राप्त था । चतुराई और बुद्विमता के प्रतीक गोनू झा समाज के हर तबके में लोकप्रिय हैं गोनू झा के करिश्माई कारनामों और कहानियों को मिथिला में घर-घर सुनाये जाते है ।
तरह-तरह के संघर्ष में तरह-तरह के दुख हैं। एक जीवित रहने का संघर्ष है और एक संपन्नता का संघर्ष है। एक न्यूनतम जीवन-स्तर न कर पाने का दुख है, एक पर्याप्त संपन्नता न होने का दुख है। ऐसे में कोई अपने टुच्चे दुखों को लेकर कैसे बैठे ?
तरुण - क्या आप ब्राह्मण हें, और ब्राह्मण है तो किस प्रकार के ब्राह्मण है।
तरुणी -क्यों, क्या बात है?
तरुण - कुछ नहीं ! ज़रा आपसे प्रेम करने का इरादा है
तरुणी - मैं तो खत्री हूँ
तरुणी- तो फिर मेरा आपसे प्रेम नहीं हो सकता, क्योंकि मैं ब्राह्मण हूँ|
स्मगलिंग यों अनैतिक है। पर स्मगल किए हुए सामान से अपना या अपने भाई-भतीजों का फायदा होता हो, तो यह काम नैतिक हो जाता है|
राम के अयोध्या आगमन से खाता-बही बदलने का क्या सम्बन्ध? और खाता-बही लाल कपड़े में ही क्यों बाँधी जाती है? Welcome to the Season 2!
रात एक बजे का समय। तीर्थ बाबू की नींद टूट गयी। टेलीफ़ोन बज रहा था। आधी रात में टेलीफ़ोन बजने से क्यों इतना डर लगता है?
“हैलो। सुनिए… अस्पताल से बोल रहा हूँ…आपका पेशेंट अभी-अभी मर गया। हैलो।…”
“हमारा पेशेंट? हमारा कोई पेशेंट अस्पताल में नहीं है।”
“आपका नम्बर?”
“रॉन्ग नम्बर! टेलीफ़ोन रख दीजिए।”
वह सोच रही है कि यह साँवली मालकिन कौन है, वह मुझे प्यार क्यों करती है, वह मेरे लिए फ्राक क्यों ख़रीद कर लायी, इन सवालों के जवाब सुलू को नहीं मालूम। वह धीरे से पुकारती है, "अप्पा..."
"क्या है बेटी?''
"मेरी माँ कब आएगी?"
इस दुनिया में लगातार एक लड़ाई मृत्यु से चल रही है और उस दु:ख और कष्ट एक से हैं दर्द और यातना तो दर्द और यातना ही है - इसमें इंसान और इंसान के बीच भेद ...
नहीं, नहीं, यह कैसे हो सकता है ।' कन्हैया नहीं माना,' तुम्हें अगले जनम में मेरी जरूरत है तो क्या मुझे तुम्हारी नहीं है? सुनिए करवा का व्रत-यशपाल और जानिए कहानी में क्या होता है।
अपने लिए मौजपूर्ण गैरजिम्मेदार और दूसरों के लिए परिश्रम, कर्तव्य और जिम्मेदारी, यही आपका जीवन दर्शन है। पर मैं आपसे यह पूछती हूँ कि आपने मेरा जीवन क्यों बरबाद किया? जानिए लड़की ने ऐसा क्यों कहा?
सुधा फिर डूब गई, ताहिरा जागी। जानिए एक लड़की का सुधा से ताहिरा बनने का सफर।
मेरा अनुरोध उन्होंने मान लिया। वही हुआ जैसा मैं चाहता था। मैंने शब्द से बिदा ली... शाश्वत रूप से और सन्नाटे से निपट रहा हूँ। कभी-कभी सोचता हूँ - बधिर होने के लाभ और क्या-क्या हैं? जानिए क्या होता है कहानी में।
एक तेलुगू कहानी का हिंदी अनुवाद है। एक बड़े अधिकारी द्वारा सौंपा गया काम दुष्कर होने पर बहाना किए बिना 'हां सर' का सकारात्मक रुख अपनाना एक अच्छे कर्मचारी का गुण है। तो देखते हैं कि आगे क्या होता है कहानी में।
यह कहानी रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखी गई है। यह एक पिता के बलिदान की कहानी है।
एक अकेली स्त्री को देखकर समाज के लोगों के द्वारा उसके बारे में बनाई गई धारणा की कहानी। जानिए आखिर क्या होता है।
आज की नारी पति की अव्हेलना या उपेक्षा सहन नहीं करेगी, करे भी क्यों? जब दोनों समकक्ष है तो सहयोगी की तरह रहना चाहिए।
गुलाब सिंह एक देशभक्त की कहानी है। कहानी ने आजादी का महत्व बताया गया है। एक देश का संकेत उसका झंडा होता है। झंडा फहराना देशभक्ति का प्रतीक है। इसके लिए त्याग और बलिदान भी देना पड़ता है।
कहानी में हम देखेंगे किस तरह से सरकारी तंत्र आजाद होकर भी अंग्रेजों के गुलाम हैं उन्हें अपने उस अतिथि की नाक बहुत मूल्यवान प्रतीत होती है जिसने भारत को गुलाम बनाया और अपमानित किया।