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Author: Nyaaya India

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A profession is a paid occupation, especially one that involves prolonged training and a formal qualification. The people who engage in a profession are termed as professionals. Professional ethics are principles that govern the behaviour of professionals or professional groups in a work environment. This may include rules on how a person should act towards other people and institutions in such an environment etc. To know more about professional ethics about various people/professionals, visit nyaaya.org
Who can file an FIR

Who can file an FIR

2021-11-2000:41

First Information Report (FIR) is a written document prepared by police when they receive information about any criminal offence. It is a complaint lodged by the victim or by someone on their behalf and sets the process of criminal justice in motion.
First Information Report (FIR) is a written document prepared by police when they receive information about any criminal offence. It is a complaint lodged by the victim or by someone on their behalf and sets the process of criminal justice in motion.
First Information Report (FIR) is a written document prepared by police when they receive information about any criminal offence. It is a complaint lodged by the victim or by someone on their behalf and sets the process of criminal justice in motion.
First Information Report (FIR) is a written document prepared by police when they receive information about any criminal offence. It is a complaint lodged by the victim or by someone on their behalf and sets the process of criminal justice in motion.
How to file an FIR

How to file an FIR

2021-11-1901:59

First Information Report (FIR) is a written document prepared by police when they receive information about any criminal offence. It is a complaint lodged by the victim or by someone on their behalf and sets the process of criminal justice in motion.
Chargesheet

Chargesheet

2021-11-1901:35

First Information Report (FIR) is a written document prepared by police when they receive information about any criminal offence. It is a complaint lodged by the victim or by someone on their behalf and sets the process of criminal justice in motion.
First Information Report (FIR) is a written document prepared by police when they receive information about any criminal offence. It is a complaint lodged by the victim or by someone on their behalf and sets the process of criminal justice in motion. 
किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
किसी आपराधिक जुर्म की सूचना प्राप्त होने के बाद पुलिस द्वारा तैयार की गई लिखित दस्तावेज, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) होती है। यह जुर्म के शिकार व्यक्ति द्वारा, या उसकी तरफ से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत होती है और इससे ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया की शुरुआत होती है। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
जमानत एक अपराध के आरोपी व्यक्ति की अदालत द्वारा अस्थायी रिहाई है। न्यायालय आरोपी व्यक्ति को इस शर्त पर जेल से बाहर रहने की अनुमति देता है कि वे जब भी आवश्यक हो न्यायालय के समक्ष पेश होंगे और कोई अपराध नहीं करेंगे। ज्यादातर मामलों में जहां जमानत दी जाती है, एक राशि या संपत्ति को अदालत में इस गारंटी के रूप में जमा करना पड़ता है कि व्यक्ति जब भी आवश्यक हो, अदालत में वापस उपस्थित हो। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
जमानत एक अपराध के आरोपी व्यक्ति की अदालत द्वारा अस्थायी रिहाई है। न्यायालय आरोपी व्यक्ति को इस शर्त पर जेल से बाहर रहने की अनुमति देता है कि वे जब भी आवश्यक हो न्यायालय के समक्ष पेश होंगे और कोई अपराध नहीं करेंगे। ज्यादातर मामलों में जहां जमानत दी जाती है, एक राशि या संपत्ति को अदालत में इस गारंटी के रूप में जमा करना पड़ता है कि व्यक्ति जब भी आवश्यक हो, अदालत में वापस उपस्थित हो। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
जमानत एक अपराध के आरोपी व्यक्ति की अदालत द्वारा अस्थायी रिहाई है। न्यायालय आरोपी व्यक्ति को इस शर्त पर जेल से बाहर रहने की अनुमति देता है कि वे जब भी आवश्यक हो न्यायालय के समक्ष पेश होंगे और कोई अपराध नहीं करेंगे। ज्यादातर मामलों में जहां जमानत दी जाती है, एक राशि या संपत्ति को अदालत में इस गारंटी के रूप में जमा करना पड़ता है कि व्यक्ति जब भी आवश्यक हो, अदालत में वापस उपस्थित हो। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
जमानत एक अपराध के आरोपी व्यक्ति की अदालत द्वारा अस्थायी रिहाई है। न्यायालय आरोपी व्यक्ति को इस शर्त पर जेल से बाहर रहने की अनुमति देता है कि वे जब भी आवश्यक हो न्यायालय के समक्ष पेश होंगे और कोई अपराध नहीं करेंगे। ज्यादातर मामलों में जहां जमानत दी जाती है, एक राशि या संपत्ति को अदालत में इस गारंटी के रूप में जमा करना पड़ता है कि व्यक्ति जब भी आवश्यक हो, अदालत में वापस उपस्थित हो। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
जमानत एक अपराध के आरोपी व्यक्ति की अदालत द्वारा अस्थायी रिहाई है। न्यायालय आरोपी व्यक्ति को इस शर्त पर जेल से बाहर रहने की अनुमति देता है कि वे जब भी आवश्यक हो न्यायालय के समक्ष पेश होंगे और कोई अपराध नहीं करेंगे। ज्यादातर मामलों में जहां जमानत दी जाती है, एक राशि या संपत्ति को अदालत में इस गारंटी के रूप में जमा करना पड़ता है कि व्यक्ति जब भी आवश्यक हो, अदालत में वापस उपस्थित हो। इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ऑडियो व्याख्याता को सुने।
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