Author: Manish Chandra
Description
लोगों ने कहा था..
2022-09-1102:28
Gala dabaya hoga..
2022-08-1402:57
आवाज़ आई तो है मुड़के देखा
2022-03-2002:23
किरदार से मुझे ये माँझा ही बचाता है
खाली पन्ना किताब का
2022-03-2001:54
क्या तुमको ये पता है?
2022-03-2001:59
वक़्त का पहिया
2022-03-2002:28
कुछ था भी या नहीं?
2021-10-1801:28
बेअसर
2021-10-1800:56
ख़र्चों की फ़ेहरिस्त
2021-10-1801:55
ओहदे और रिश्ते
2021-07-2800:48
ये शाम आकर चली गई
2021-07-2701:19
लम्बा है सफ़र
2021-07-0801:31
वक्त की चीखें
2021-07-0700:45
Few two liners of my choice
2021-06-2803:48
काग़ज़ (kagaz)
2021-05-2302:10
Ya phir (या फिर)
2021-05-1101:15
Few Nazms ( कुछ नज़्में)
2021-05-0908:56
तुम्हें कैसे मैं सुनाऊँ
2021-12-2502:01
ग़ज़लों में कोई चेहरा
2021-09-1203:24