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Kalam (Hindi Poetry)
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Kalam (Hindi Poetry)

Author: Dr. Sudhanshu Kumar

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Description

Presented podcasts will feature spoken lines of Hindi poems written and narrated by Sudhanshu Dubey. The episodes are a trial to reach out various sentiments and thoughts through the words.
82 Episodes
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एक बार फिर चुनाव का मौसम आने वाला है। सत्ता की चाहत रखने वाले नेतागण अपनी बाजीगरी दिखाने लगे हैं। उनके गठजोड़ पर गाँव के चौराहों परचर्चाओं का बाजार गरम है। आइए इस गर्मागर्म माहौल में अपना हाथ सेंकते हैं हमारी कविता "चौराहे पर राजनीतिक चर्चा" से। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
व्यक्ति का जीवन संघर्षों की कहानी है। इन्हीं संघर्षों में ही शारीरिक तथा मानसिक पीड़ा और आनंद सन्निहित है। शरीर की जीवन यात्रा में इन अनुभूतियों से प्राणिमात्र का चोली-दामन का साथ है। श्मशान मानव जीवन यात्रा का अन्तिम सत्य है। काया से किए हुए सारे कर्म और धर्म का बन्धन यहीं टूट जाता है। पीड़ा देने वाले आग के अंगारे यहाँ पीड़ा का अंत करते हुए प्रतीत होते हैं। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
जिस प्रकार सबसे छोटी और सबसे बड़ी संख्या को बताया नहीं जा सकता उसी प्रकार सबसे प्राचीन और आधुनिक को हम नहीं बता सकते। प्रत्येक प्राचीन काल का अगला समय आधुनिक होता है और आज का आधुनिकीकरण कल प्राचीन हो जायेगा तथा भविष्य आज की तुलना में आधुनिक होगा। प्राचीन से अर्वाचीन के इन्हीं संदर्भों को ध्यान में रखते हुए मानव जीवन मूल्यों पर काल के प्रभाव को देखते हैं हमारी कविता " प्राचीन से अर्वाचीन " में। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
योग

योग

2023-06-2004:16

योग जीवन जीने की कला है।यह शरीर, चित्तवृत्तियाँ, मनोविकार और मस्तिष्क के परिशोधन का संस्थान है। भारतीय सनातन परंपरा का यह संस्थान भारतीयता का धरोहर है। विश्व को उद्देश्यपूर्ण शांति से जीवन जीने की कला योगसूत्र ने ही दी है। योग के विभिन्न आयामों पर सुनते हैं हमारी कविता " योग "। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
रंग

रंग

2023-05-0603:42

रंग का प्राणिमात्र के जीवन में अत्यधिक महत्व है। रंग से ही उनकी रंगत है और रंग से ही वे बेरंग हो जाते हैं। रंग शब्द को अनेक अर्थों में प्रयुक्त किया जाता है। हमारे रग रग में रंग की भूमिका को प्रकट करेगी हमारी कविता " रंग "। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
हम भारत के लोग अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से देश का शासन करते हैं। हमारा प्रतिनिधि जब पार्टी प्रतिनिधि बन जाय तो हमारा क्या होगा?आज हमारे नेता जी हमारी समस्याओं को सुलझाने के बजाय पार्टी की समस्याओं को सुलझाने में उलझे रहते हैं। हमारे हित में उनका हित उन्हें क्यों नहीं समझ आता? आइए समस्याओं के इसी भँवर जाल को सुनते हैं हमारी कविता " जन प्रतिनिधि " से। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
क्या जगत में जीव का अस्तित्व जीवन से है या जीवन का जीव से अथवा दोनों की सम्भूति एक दूसरे के साहचर्य में ही निहित है? नर और नारी युगल से ही नवल सृजन होता है जिससे जीवन और जीव की निरंतरता जगत में अनन्तकाल से बनी हुई है और बनी रहेगी। पत्नी स्वयं में पूर्ण है पर पति के दिवंगत होने पर अपूर्णता का आभास करती है। मन के इसी भ्रम के साथ-साथ क्षण भंगुर संसार में जीव और जीवन की अनन्तता का दर्शन करायेगी हमारी कविता " जीवन और जीव "। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
परंपरा और आधुनिकता प्रत्येक समाज की पहचान है। समय के साथ हर किरदार में परिवर्तन हो रहा है। वर्तमान समय में ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे सदियों की परम्पराओं को छोड़कर भारतीय नारी, पुरुष से समानता के लिए तथाकथित देवी स्वरूप को छोड़कर सामान्य नारी ही बने रहना चाहती है। आधुनिक नारी यही चाहती है कि पति और पत्नी दोनों को समान अधिकार प्राप्त हो। आइये इसी समानता की आकांक्षा को सुनते है हमारी कविता "आधुनिक नारी" से। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
रिश्ते

रिश्ते

2022-12-0504:19

जीवन में रिश्तों का अपना महत्व है। समय के साथ इनमें गर्मी आती है और कालांतर में ये ठंडे पड़ जाते हैं। रिश्ते रक्त सम्बंध से बने हों, मानवीय अथवा अमानवीय सम्बन्ध से, जीवन में मिठास अथवा खटास सम्बन्धों के कारण ही होते हैं। सम्बन्धों पर चाटुकारों और रायबहादुरों का विशेष प्रभाव पड़ता है। आइये इन्हीं प्रभावों को महसूस करते हैं हमारी कविता " रिश्ते " से। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
मनुष्य के जीवन में कुछ विषय ऐसे हैं जिन पर उसका वश नहीं चलता जैसे व्यक्ति का जन्म, उसकी धड़कन, साँसो की संख्या, कंठ से उत्पन्न ध्वनियों की संख्या , शारीरिक संरचना, मृत्यु इत्यादि। इन गतिविधियों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है और यही गतिविधियाँ जीवन आधार हैं। इन्हीं गतिविधियों के सहारे जीवन प्रवाह के पक्षों को सुनते और समझते हैं हमारी कविता " प्रारब्ध " से। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
सैनिकों के त्याग, बलिदान और बहादुरी के अनेक किस्से और कहानियाँ आप लोगों नें सुना होगा। क्या कभी उनके व्यक्तिगत जीवन में झाँकने का प्रयास कभी किसी ने किया है। आइए आज हम एक सैनिक के मन की बात, उसकी पत्नी की पीड़ा को अपनी कविता " मन की बात " से व्यक्त करने का प्रयास करते हैं। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
बेसिक शिक्षा में नित नये प्रयोग होते रहते हैं। इसी प्रयोग की कड़ी में एक नया नाम सामने आया है, जिसका नाम है टास्क फोर्स। इस टास्क फोर्स का नाम सुनते ही शिक्षकों में भय व्याप्त हो जाता है। इस भय से कितना गुणवत्तापूर्ण शिक्षण हो रहा है, आइए जानते हैं हमारी कविता "शिक्षक शिक्षण और वो" से। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
स्वतंत्रता दिवस के खुशनुमा, शरीर में सिहरन पैदा करने वाले प्रभात की बधाई और शुभकामनायें। आजादी के इस अमृत महोत्सव में आज हम उन अमर बलिदानियों को याद करेंगे जिनका देश के किसी भी अभिलेख में नामोनिशान नहीं है। वे गुमनाम हैं। उन्होंनें निष्काम भाव से हमें स्वतंत्रता दिलाई पर खुद काल के गाल में समा गये। आइए उन्हीं मतवालों को स्मरण करते हैं हमारी कविता "गुमनाम परिंदे" से। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
भाई-बहन के अटूट विश्वास और प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन के पावन पर्व पर हम सभी श्रोताओं का हार्दिक स्वागत, अभिनन्दन और वंदन करते हैं। वैसे तो इस प्रेम को शब्दों में व्यक्त करना सम्भव नहीं है फिर भी उसके कुछ अंशों को हमारी कविता "स्नेह सूत्र" के माध्यम से व्यक्त करने का प्रयास किया गया है। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
आइये आज हम अपने सुखद अतीत में खो जायें। गाँवों में अतीत की भावनाओं की खुशबू को महसूस करें। गाँव से शहर की ओर जाने और विचार परिवर्तन से होने वाली समस्याओं उजागर करते हुए अतीत के आनन्ददायी पलों को भी याद करायेगी हमारी कविता "गाँव छोड़कर हम बैठे"। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
हृदय

हृदय

2022-07-1804:25

हृदय का रक्त से सम्बन्ध अन्योन्याश्रित है। रुधिर वायु और भोजन से समन्वय करके स्थूल काया की गतिविधियों को संचालित करता है तथा तन मन और जीवन का समन्वय प्राणिमात्र की गतिशीलता के लिए आवश्यक है। जीवन काया के साथ अनवरत प्रवाहमान बना रहे , इसी अवधारणा को व्यक्त करेगी हमारी नई कविता " हृदय "। यहाँ दिल के भाव पक्ष के बजाय उसके भावनाहीन पक्ष अर्थात यांत्रिक पक्ष को महत्व दिया गया है। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
भूख

भूख

2022-07-1004:07

एक कहावत हम लोग अक्सर सुनते हैं "पेट न होता तो किसी का किसी से भेंट न होता"। भूख जीव के गतिशीलता का प्रमुख कारक है। प्राणिमात्र के सभी इन्द्रियों की चैतन्यता भूख में सन्निहित है। भूख की तीव्रता हमारे कार्य की प्रक्रिया को गतिमान करती है। ज्ञान की जिज्ञासा हो या शान की भूख, प्रेम की प्यास हो या भक्ति की आकांक्षा भूख ही समस्त क्रियाओं का केन्द्र है। भूख के इन्हीं आयामों से परिचित करायेगी हमरी कविता "भूख"। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
निवेदन

निवेदन

2022-07-0104:04

मानव जीवन संघर्ष की गाथा बने। व्यक्ति नवल सृजन  खुद करे। उसे किसी बैसाखी की जरूरत महसूस न हो। उसके विचारों में सूक्ष्म सत्ता का आभास तो हो लेकिन वह उससे किसी भी दशा में याचना न करे। वह अपने भाग्य का विधाता खुद बने। इन्हीं भावों का अहसास कराएगी हमारी कविता " निवेदन "। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
नारी

नारी

2022-06-2203:57

समष्टि में शक्ति निराकार है उसके अनेक साकार रूपों में नारी सर्व शक्तिमान है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योकि ईश्वर को भी मानव रूप में आसुरी शक्तियों का विनाश करने के लिए नारी शक्ति की उपासना करनी पड़ी। सृष्टि का सृजन भी नारी शक्ति के अभाव में असम्भव है। नारी जगत की समस्त रचनात्मक प्रक्रियाओं के केंद्र में है। नारी के अनेक रूपों का दर्शन करायेगी हमारी कविता " नारी "। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
माँ अपनी सन्तान के जीवन को सुखमय बनाने के लिए क्या कुछ नहीं करती। लेकिन उसकी ही सन्तान उसके प्राण के प्यासे हो जाय तो माँ का क्या हाल होगा। आज हम ऐसी ही दुख भरी कहानी के साथ प्रस्तुत हैं। आइए सुनते हैं माँ भारती के दुख को हमारी कविता "अश्क" से। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/sudhanshu-dubey7/message
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