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Krishna Vaani By TV Chuspaa Planet
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#learntolove krishna vaani segment by team TV Chuspaa Planet in voice of Pallavi Shekhar. Join us in this journey of understanding love 💝
ये मटकी देख रहे है आप?
इसमें जल रखा जाता है,
जल जो शुद्ध रहता है,
शीतल रहता है,
जल जो प्यास बुझाता है।
सोचिये,
यदि इस मटकी की माटी ठीक ना हो,
यदि इसे भली प्रकार रौंधा ना गया हो,
आकार देकर इसे अग्नि में ठीक से
पकाया ना गया हो तो क्या होगा? यही मन के साथ भी होता है।
क्योंकि यदि प्रेम ये जल है तो इसकी मटकी है मन,
मन रुपी पात्र में यदि विश्वास की माटी ना हो,
यदि आंसुओं से उसे भिगोया ना गया हो,
समय रुपी कुम्हार ने उसे आकार ना दिया हो
और परीक्षा की अग्नि में उसे पकाया ना गया हो
तो प्रेम मन में नहीं ठहर सकता। तो यदि प्रेम को पाना है तो हृदय पर काम करना होगा
और मन से कहना होगा
राधे-राधे!
प्रतिदिन सूर्य उगने के साथ ही जाग उठती है कुछ कहानियां, कुछ संघर्ष, कुछ इच्छाएं, कुछ यात्राएं और
सभी कहानियां सम्पन्न नहीं होती,
सभी संघर्ष जीते नहीं जाते,
सभी इच्छाएं प्राप्त नहीं होती और कुछ यात्राएं रह जाती है अधूरी, क्यों?
अब आप में से कुछ कहेंगे प्रयास अधूरा था,
कुछ मानेंगे निश्चय दृढ़ नहीं था, कुछ क्रोध करेंगे,
तो कुछ इस असफलता का बोझ अपने भाग्य के कांधों पर डाल देंगे।
परन्तु इन सबका कारण केवल एक तत्व की कमी,
कमी है ;ढाई अक्षर की कमी है "प्रेम"
प्रेम जो ना शास्त्रों की परिभाषा में मिलेगा,
ना शस्त्रों के बल में, ना पाताल की गहराईयों में,
ना आकाश के तारों में।
तो ये प्रेम है कहाँ, कैसे पाया जाता है इसे?
क्या है मार्ग प्रेम को पाने का?
प्रयास रहेगा आपको यही समझाने का तो आइये,
भागी बनिये इस यात्रा के, साक्षी बनिये प्रेम की
इस भावविभोर कर देने वाली इस महागाथा के,
जो अलौकिक होकर भी इसी लोक में रची गयी
और इस यात्रा के लिए ना आपको कोई शुल्क लगेगा,
ना ही कोई परिचय पत्र, बस एक बार मन से बोलना होगा
राधे-राधे!





