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Padhaku Nitin
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Padhaku Nitin

Author: Aaj Tak Radio

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Description

Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein.

कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है?

भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.
144 Episodes
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दिल्ली से 180 किमी दूर यमुना किनारे बसा है मथुरा. इतना पुराना शहर कि दो हजार साल पहले इजिप्ट के खगोलशास्त्री टॉल्मी ने इस शहर का ज़िक्र मोदुरा नाम से किया. लैटिन में इसका मतलब हुआ- सिटी ऑफ गॉड्स. यहीं है वृंदावन.. मंदिरों का शहर. यहां हर टीले के नीचे इतिहास दफन है. आपने कभी मथुरा वृंदावन की ऐसी दिलचस्प कहानी नहीं सुनी होगी जिसमें चैतन्य महाप्रभु हैं, औरंगज़ेब है, अकबर है, मान सिंह है, चर्चिल भी है और हैं कुछ प्राचीन मंदिर जिनका रिश्ता कलिंग तक से है. इस बार पढ़ाकू नितिन में सुनिए मदन मोहन मंदिर पर किताब लिखने वाले सुशांत भारती से गज़ब किस्से. सुशांत कन्ज़रवेशन आर्किटेक्ट और रिसर्चर हैं. रॉयल एशियाटिक सोसायटी ऑफ आयरलैंड एंड ग्रेट ब्रिटेन के फैलो भी और साथ ही लंदन की रॉयल हिस्टोरिकल सोसायटी के असोसिएट फैलो भी. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
प्रधानमंत्री हमारे देश का सबसे ताकतवर पद है। नीतियां तय करना, लागू कराना, देश का विदेशों में प्रतिनिधित्व करना सब उसकी ही असीम ताकत का हिस्सा है। हम प्रधानमंत्रियों के फैसले देखते हैं लेकिन कभी उस प्रक्रिया को नहीं देखते जो फैसले के पीछे होती है और ना कभी इस पद पर बैठे शख्स के मूड, पूर्वाग्रहों और ज़िद को देख पाते हैं। छह प्रधानमंत्रियों पर अवॉर्ड विनिंग जर्नलिस्ट नीरजा चौधरी ने किताब लिखी है- How Prime Ministers Decide. चार दशकों तक राजनीतिक कोठरियों से कहानियां निकालती रहीं नीरजा ने पढ़ाकू नितिन में इंदिरा, मोरारजी, राजीव, राव, चंद्रशेखर, चरण सिंह, अटल, मनमोहन पर जमकर किस्से सुनाए। Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
ये कहानी ऐसे राष्ट्रपति की है जो पंजाब के ठेठ गांव से निकला और अंग्रेज़ों से लड़ता हुआ राजनीति में आ गया. फिर मंत्री बना, मुख्यमंत्री भी, गृहमंत्री और आखिरकार राष्ट्रपति.. राष्ट्रपति भी ऐसा जिसने पद संभालने से पहले कह दिया नेता कहेंगी तो झाड़ू भी लगाऊंगा लेकिन जब राष्ट्रपति बना तो प्रधानमंत्री आशंकित रहे कि जाने कब सरकार बर्खास्त हो जाए. ऑपरेशन ब्लूस्टार, इंदिरा की हत्या, सिख दंगे, राजीव गांधी सरकार का अविश्वास.. ये सब देखनेवाले देश के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह से जुड़े किस्से सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में उन्हीं के उप सचिव रहे पूर्व डिप्लोमेट के सी सिंह से. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
हिंदुस्तान में मुसलमानों का इतिहास इस्लाम जितना पुराना है। भारतीय लोकतंत्र में भी उनकी भागीदारी भरपूर है लेकिन सियासी मुहावरों में वो वोट बैंक भी हैं। इस्लाम के भारतीय वर्ज़न में हमारी आपकी समझ के लिए बहुत कुछ छिपा है। ये भी कि मुसलमानों में भी जातियां हैं, ये भी कि मुस्लिम होते हुए धर्मनिरपेक्ष हुआ जा सकता है क्या और ये भी कि गांधी मुसलमानों के बारे में क्या कहते थे? इस बार हिलाल अहमद ने पढ़ाकू नितिन में कुछ मुश्किल सवालों के जवाब दिए जिनसे वो अपनी किताब “अल्लाह नाम की सियासत” में भी मुखातिब थे। Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
नागरिकता का कॉन्सेप्ट बहुत नया है या ज़्यादा पुराना? नागरिक कौन होता है? नागरिकता कैसे छिन जाती हैं? भारत का नागरिकता कानून क्या बोलता है और सीएए कानून की बारीकियाँ.. आज के 'पढ़ाकू नितिन' में इन्हीं सवालों के जवाब देने आई हैं जेएनयू में पढ़ानेवाली और नागरिकता पर कई किताबें लिखनी वालीं प्रोफेसर अनुपमा रॉय. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
लेखक अपने समय का इतिहासकार है। पंजाबी लेखक नानक सिंह भी वही थे। उन्होंने जलियांवाला से लेकर पंजाब का विभाजन तक अपनी आंखों से देखा। उसके बारे में कहानी-किस्से-उपन्यास लिखे। उन्हीं नानक सिंह के पोते पूर्व डिप्लोमेट नवदीप सूरी ने हमसे साझा किया कि उनके दादा उस हिंदुस्तान के बारे में क्या कहते थे जिसे बस हम किताबों में पढ़ते हैं। Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं
भारत और श्रीलंका के बीच चूना पत्थरों की कड़ी को एडम्स ब्रिज या रामसेतु कहा जाता है. धार्मिक आख्यानों से लेकर पर्यावरणीय विविधता तक इसका महत्व झुठलाया नहीं जा सकता. ये भी बड़ी हकीकत है कि इस संरचना को लेकर भ्रम, सवाल, जिज्ञासा अनंत हैं. इन्हीं की शांति के लिए हमारे मेहमान बने हैं प्रो अरूप के चटर्जी, जिन्होंने एक किताब “एडम्स ब्रिज” भी लिखी है. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं
किसी देश के लिए इतना ही काफी नहीं कि वहां कितने अमीर बसते हैं, ज़रूरी ये आंकड़ा भी है कि कितने गरीब रहते हैं. महिला सुरक्षा, सेहत, शिक्षा, जीवन प्रत्याशा के नंबर भी बताते हैं कि देश किस राह पर है. स्वाति नारायण ने एक किताब लिखी है 'Unequal', जिसकी चर्चा संसद तक में है. किताब का दावा है कि बहुत से इंडिकेटर्स में भारत के पड़ोसी उसे पछाड़ रहे हैं. ये किताब चिंता पैदा करती है और ये चाह भी कि गड़बड़ियों को दुरुस्त करके आगे बढ़ा जाए. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
कहते हैं कि हिंदुस्तान हमेशा इलेक्शन में रहता है. कहीं ना कहीं चुनाव चल रहा होता है. दुनिया की सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश में चुनाव करना-करवाना आठवां अजूबा ही है मगर ये अजूबा चुनाव आयोग करीब 75 सालों से कराता चला जा रहा है. इस पूरे भारी भरकम प्रोसेस में मुश्किलें भी कम नहीं. कभी इलेक्टोरल बॉन्ड का झंझट, कभी EVM पर मचमच और कितनी बार तो नेताओं के गिले शिकवे. 'पढ़ाकू नितिन' में इस बार आए हैं देश के 17वें मुख्य चुनाव आयुक्त रहे एस वाई कुरैशी साहब. उनसे हमने किए मुश्किल सवाल और उन्होंने दिए सबके तसल्लीबख्श जवाब.
चंद्रकांता का क्रूर सिंह, गंगाजल का डीएसपी भूरेलाल, सरफरोश का मिर्ची सेठ और लगान का अर्जन सिंह… सब एक ही थे. नाम है- अखिलेंद्र मिश्र. बच्चों बच्चों को उनका “यक्कू” याद है. 40 साल एक्टिंग की यात्रा करके आज वो 'पढ़ाकू नितिन' के मेहमान हुए. बातें ज़बरदस्त हुई हैं. मज़े का वादा पक्का है...सुनिएगा.
चीन आबादी में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा और इलाके में तीसरा सबसे बड़ा देश है लेकिन उसका सपना इकोनॉमी में सबसे बड़ा देश बनना है. दर्जनों विद्वान कहते हैं बन भी जाएगा लेकिन हमारी टेंशन है कि पड़ोस में बसा ये देश हमें बराबरी का दर्जा नहीं देता. और ऐसा होने की वजहें ढेर हैं. कई तो हिस्ट्री में छुपी हैं. 'पढ़ाकू नितिन' इसे ही उघाड़ने आए हैं भारत के 32वें विदेश सचिव और चीन में राजदूत रहे विजय गोखले. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
23 साल पहले भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ था. इस केस की गुत्थी 48 घंटों में सुलझाई गई और अफ़ज़ल गुरू को फांसी भी इसी केस में हुई. लेकिन इनवेस्टिगेशन को अंजाम कैसे दिया गया? जिस पुलिस अफसर ने मामला खोला उनका नाम है अशोक चांद. 32 सालों में उन्होंने ढेरों हाई प्रोफ़ाइल केस सुलझाए. 13 साल में दो बार आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी उनके हिस्से है. तो आज के 'पढ़ाकू नितिन' में बात करेंगे दिल्ली के रिटायर्ड एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अशोक चांद और आजतक के एडिटर क्राइम एंड इन्वेस्टिगेशन अरविंद ओझा से और सुनेंगे संसद हमले से लेकर लाल किला आतंकी हमला केस तक की कहानी. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
दुनिया पैसे से चलती है ये आपने सुना होगा, लेकिन कितना पैसा किसकी जेब में जाएगा तय कौन करता है? किसी देश का वित्त मंत्रालय. अब वित्त मंत्रालय चलाते हैं मंत्री और सेक्रेटरी. मगर आपको इसकी बारीकी और काम करने का तरीका शायद पता नहीं होगा. आज हमने पढ़ाकू नितिन में एक इनसाइडर को न्यौता दिया है. उनका नाम है सुभाषचंद्र गर्ग. वर्ल्ड बैंक और राजस्थान के वित्तीय मामलों को संभालने के बाद उन्होंने दो सालों तक वित्त सचिव का कामकाज संभाला, वो भी तीन तीन मंत्रियों के साथ. इस दौरान उनके कार्यकाल में खूब दिलचस्प घटनाएं घटीं. सुनिए और बताइए कैसा लगा हमारा ये पॉडकास्ट.
कश्मीर का ज़िक्र हमेशा शेख अब्दुल्ला के बिना अधूरा है. नेशनल कॉन्फ़्रेंस के इस नेता ने विद्रोही, शासक, कैदी हर रोल में छाप छोड़ी. जिन्ना से शेख का हमेशा झगड़ा रहा क्योंकि वो इस्लाम के नाम पर राजनीति नहीं करना चाहते थे, विभाजन होते ही क़बायली वेश में पाकिस्तानी आर्मी घाटी में घुस आई तो शेख के वर्कर्स ही लाठी लेकर लड़ने उतरे, राजशाही से जूझते शेख ने हमेशा लोकतंत्र की पैरवी की मगर क्या हुआ जो वो आज़ाद भारत में जेल भेजे गए। क्या हुआ कि नेहरू से उनकी दूरी बढ़ गई। क्या हुआ कि वो अलगाववादी कहलाए गए, सुनिए पढ़ाकू नितिन में प्रो चित्रलेखा ज़ुत्शी से जिन्होंने शेख और कश्मीर पर कई किताबें लिखी हैं।
एक लड़के पर फर्ज़ी केस लगा, पुलिस टॉर्चर हुआ, जेल गया, फिर खुद वकालत पढ़के बरी हुआ. आपको लग रहा होगा किसी वेबसीरीज़ या फिल्म की कहानी है, लेकिन ये हकीकत है सिस्टम की. सिस्टम में बैठे करप्ट लोगों के बावजूद कामयाब होने की, हिम्मत ना हारने की. 'पढ़ाकू नितिन' में सुनेंगे बागपत के अमित चौधरी से उनकी आपबीती जो अब मेरठ में कामयाब वकील हैं. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
अयोध्या को देखने का सबका अपना नज़रिया है. कुछ लोग इसे इतिहास मानते हैं तो कुछ ऐसा मिथक जो रामायण से शुरू हुआ. बावजूद इसके ये सच है कि अयोध्या नाम का शहर सैकड़ों साल से मौजूद है अपने बदलते नामों के साथ और उस भूगोल के भी जिसका विवरण पुराणों में मिलता है. वाल्मीकि कृत रामायण में तो अयोध्या पर जो बारीक जानकारियाँ मिलती हैं वो हैरतनाक हैं. आज के पढ़ाकू नितिन में 'अमेज़िंग अयोध्या' की लेखिका नीना राय से जानेंगे त्रेताकालीन अयोध्या की कहानी. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
तवायफों को हमने फिल्मों में देखा है, उनके बारे में उपन्यासों से जाना है. होना ये चाहिए था कि दौलत और रुतबा रखनेवाली इन तवायफों को इतिहास में तवज्जो मिलती लेकिन मिला तिरस्कार. हिंदुस्तान की मशहूर तवायफों के क़िस्से आज 'पढ़ाकू नितिन' में सुनेंगे एकता कुमार से जिन्होंने तवायफों पर किताब भी लिखी है. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
जहां चाह वहां राह. ये मुहावरा सही साबित किया बुलंदशहर के सुशांत सिंह ने. दलित परिवार के बेटे सुशांत ने गरीबी और मार्गदर्शन के अभाव से लड़ते हुए लंदन यूनिवर्सिटी में ना सिर्फ कानून की पढ़ाई की बल्कि दो दो बार छात्रसंघ चुनाव जीता. सुशांत बाबासाहेब अंबेडकर को अपनी प्रेरणा मानते हैं और हर सवाल का जवाब उनके जीवन में खोजते हैं. 'पढ़ाकू नितिन' में सुशांत के सफ़र के ज़रिए सुनिए ब्रिटेन में स्टूडेंट पॉलिटिक्स की कमाल कहानियां. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
राम मनोहर लोहिया हिंदुस्तानी सियासत के सबसे आकर्षक नेताओं में एक रहे हैं. उनकी राजनीतिक सोच समझ से प्रेरित होकर बहुत सारे नेताओं और दलों ने अपनी पारी खेली. लोहिया ने आज़ादी के पहले जितने जूझकर लड़ाई लड़ी, उतनी ही बड़ी लड़ाई आज़ादी के बाद संसद में लोकतंत्र के लिए लड़ी. उनके जीवन में कलर्स की कोई कमी नहीं. ज़िद्दी थे, स्वच्छंद भी, जुझारू और ज़बरदस्त बौद्धिक भी. आज उन्हीं लोहिया के जीवन से ढेरों दिलचस्प पहलू खोलने के लिए 'पढ़ाकू नितिन' की बैठकी में पधारे हैं पत्रकार और लेखक अरविंद मोहन. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
इंदिरा गांधी ने देश पर सोलह साल शासन किया. उनके हिस्से तारीफ और आलोचना दोनों आईं. इमरजेंसी वाला मामला उन पर मौत के बाद भी हावी रहा लेकिन इसके अलावा भी उनके दामन पर कई तरह के दाग रहे. लेखक विष्णु शर्मा की किताब “इंदिरा फाइल्स” 50 आरोप लगाती है, 'पढ़ाकू नितिन' पॉडकास्ट के इस एपिसोड में सुनिए उनसे दिलचस्प बातचीत. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
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Comments (14)

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सईद अंसारी एक सच्चे मुसलमान नही बल्कि एक अच्छे इंसान है ।

Nov 15th
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Modi like challenges, तुम लोग जितना बोलोगे UCC आ नही सकता, UCC उतना ही जल्दी आएगा । मोदी है तो मुमकिन है ।

Jul 13th
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गुजरात के दंगों पे जितना रोना है रो लो । तुम लोग शुरुआत करोगे तो जवाब तो मिलेगा ही । गजवा ए हिंद का सपना देखोगे तो तुम लोगों को हिंदू मिट्टी में मिला देंगे ।

Jun 8th
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सूअर के बच्चे आ गया अपनी औकात पर, राहुल गांधी के disqualify होने पे बड़ा दुःख हो रहा है तुझे । कट्टर कटुआ है ना तू इसीलिए ।

Jun 8th
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JNU की गंदी पैदाइश सारे पॉडकास्ट मुसल्लो पे ही करता रहेगा क्या ।

Mar 2nd
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जो कल फर्श पर था आज वो अर्श पर, जो कल अर्श पर था आज फर्श पर । समय का चक्कर सबसे बलवान । अगले मिनट, अगले घंटे, अगले दिन, अगले साल, अगले दशक और अगली सदी सबका समय बदलता है । नियति का न्याय ।

Oct 27th
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नीच इंसान तूने गरबा में मुसलमानो की linching की एक तरफा बात करके अपनी घटिया सोच का उदहारण दिया है । भारत माता की जय बोलने में मुसलमानो की जीभ को लकवा मार जाता है । और गरबा में हिन्दू लड़कियों को छेड़ने और फसाने की कुकृति की बात पे पर्दा डाल गया । वाह रे पाखंडी secular वादी ।

Oct 6th
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sum black

कितना घटिया और पाखंडी है तू "देवदत पटनायक" । मुस्लिम, जो की सबसे कट्टर और आतंकी है तूने उसके मजहब को लेके कोई बात नही की अपने podcast में । अगर भय, आतंक और कट्टरता ही तुझ जैसों को अपनी आस्था पर टिपनी करने से रोकने का एक मात्र रास्ता है तो, तो आज के युग में वही बहेतर है ।

Jul 7th
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sum black

कटुओ हरामजादो तुम्हे काटने और मरने के आलावा दूसरा कोई काम नही आता । i wish someday, somebody will hunt you. sooner than later. मेरा दिली तमन्ना है तुम मुसलमानों की गर्दन धड़ से अलग करने की ।

Jul 1st
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sum black

मक्कारो को मक्कारी से मारा जाता है । अगर मैं होता शिवाजी की जगह तो सारे मुसलमानों को नमाज पढ़ते वक्त मारता, क्योंकि मुसलमानों का नमाज का वक्त एक ही होता है और सारे एक ही वक्त पे पड़ते है । हैवानों को खत्म करने के लिए शैतान बनना पड़ता है । शैतान जिंदाबाद ।

Jun 3rd
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sum black

i had to marked it listen.

Jan 13th
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sum black

don't make useless podcasts on topic like Nobel winners or so. don't waste one hour of listeners. nobody interested in Nobel prize winners biography.

Jan 13th
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sum black

लोगो को कोई तकलीफ नहीं है, सारी तकलीफ इस भड़वे प्रोफेसर को ही है CAA & NRC की । मुसल्ला है ना, सारी भड़ास यही निकालेगा । This asshole don't make sense at all. can't see what India did for World in corona vaccination, supplies and free food for Afghanistan? and a lot more. his problem is he is a extremest mind Muslim and don't like Modi and current Indian govt.

Dec 9th
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sum black

ये भड़वा (प्यूश बबेले) सिर्फ नेहरू की पैरवी करने आया है । अय्याश नेहरू के सारे पापो पे पानी डाल रहा है अपनी किताब के जरिए । जो की कभी सफल नहीं होगी इसकी कोशिश ।

Nov 19th
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