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हरिप्रिया
Author: Dainik Jagran
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Description
जागरण पॉडकास्ट की एक नई पेशकश में आपका स्वागत है " हरिप्रिया - गुणगान विष्णुप्रिया माँ लक्ष्मी का " इसके पहले अध्याय में आप जानेंगे कैसे लक्ष्मी जी की उत्पत्ति हुई।
माता लक्ष्मी की उत्पत्ति से जुड़ी दो कथाएँ हैं और उन्ही पौराणिक कथाओं के अनुसार लक्ष्मी जी समुद्र मंथन में 14 रत्नो के साथ अवतरित हुई थी। जिन्हे भगवान् विष्णु जी ने अपनी अर्धांगिनी के रूप में धारण किया था। लक्ष्मी जी के अवतार के बारे में ये भी कहा जाता है की वो ऋषि भृगु की पत्नी ख्याति के गर्भ से पैदा हुई थी।
माता लक्ष्मी की उत्पत्ति से जुड़ी दो कथाएँ हैं और उन्ही पौराणिक कथाओं के अनुसार लक्ष्मी जी समुद्र मंथन में 14 रत्नो के साथ अवतरित हुई थी। जिन्हे भगवान् विष्णु जी ने अपनी अर्धांगिनी के रूप में धारण किया था। लक्ष्मी जी के अवतार के बारे में ये भी कहा जाता है की वो ऋषि भृगु की पत्नी ख्याति के गर्भ से पैदा हुई थी।
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र्ग्रंथों में धन समृद्धि की देवी लक्ष्मी को बताया गया है। इन्हें भगवान विष्णु की पत्नी और आदिशक्ति भी कहा गया। धन समृद्धि के लिए लोग इनकी पूजा अर्चना करते हैं लेकिन देवी लक्ष्मी एक नहीं पूरी 8 हैं और यह अलग-अलग माध्यमों से अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं। इसलिए धर्मग्रंथों में अष्ट लक्ष्मी का उल्लेख किया गया है। ये अष्ट लक्ष्मी अपने नाम के अनुसार फल देती हैं इसलिए आपको मनोकामना और सुख-समृद्धि की चाहत के अनुसार ही देवी लक्ष्मी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करनी चाहिए इससे फल की प्राप्ति शीघ्र होती हैSee omnystudio.com/listener for privacy information.
एक समय की बात है. दुर्वासा ऋषि अपने शिष्यों के साथ भगवान शिव के दर्शन के लिए कैलाश जा रहे थे. तभी रास्ते में उनको देवराज इंद्र मिले. वे ऐरावत पर सवार थे. उन्होंने दुर्वासा जी को प्रणाम किया, तो उन्होंने आशीर्वाद देते हुए भगवान विष्णु का दिव्य पुष्प पारिजात इंद्र को दे दिया. इंद्र ने उस पुष्प को ऐरावत हाथी के सिर पर रख दिया. यह इंद्र के अहंकार का प्रमाण था.दिव्य पुष्प के प्रभाव से ऐरावत हाथी भी तेजस्वी हो गया और वह इंद्र को छोड़कर पुष्प को रौंदते हुए वन में चला गया. यह देखकर दुर्वासा ऋषि क्रोधित हो गए. उन्होंने इंद्र को श्राप दे दिया कि तुम श्रीहीन हो जाओगे. दुवार्सा जी के श्राप के कारण माता लक्ष्मी तुरंत स्वर्ग छोड़कर चली गईं. इस वजह से सभी देवता धन-वैभव और शक्ति से हीन हो गए.See omnystudio.com/listener for privacy information.
धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हिन्दू धर्मशास्त्रों में मंत्रों का जाप करने का विधान बताया गया है. माता के अलग-अलग मंत्रों के जाप से आर्थिक प्राप्तियां होती हैं और माता की अखंड कृपा से सभी कार्य सफलता पूर्वक सम्पन्न होते हैं. आइए जानते हैं मंत्रों के बारे में. See omnystudio.com/listener for privacy information.
शीला और उसके पति से जुड़ी है। शीला और उनका पति ईमानदारी से जीते थे। वे किसी की बुराई करते न थे और प्रभु भजन में अच्छी तरह समय व्यतीत कर रहे थे। शहर के लोग उनकी गृहस्थी की सराहना करते थे। शीला की गृहस्थी इसी तरह खुशी-खुशी चल रही थी। पर शीला के पति के अगले जन्म के कर्म भोगने के बाकी रह गये थे ऐसे में वह बुरे लोगों से दोस्ती कर बैठा। वह जल्द से जल्द ‘करोड़पति’ होने के ख्वाब देखने लगा। इसलिए वह गलत रास्ते पर चल गया। रास्ते पर भटकते भिखारी जैसी उसकी हालत हो गई थी।See omnystudio.com/listener for privacy information.
सुनिए कैसे कर सकते हैं आप माता लक्ष्मी को प्रसन्न, और पा सकते हैं कृपा हरिप्रिया की साथ ही यह पॉडकास्ट आपको बताएगा कि कैसे आप कर सकते हैं अपने मंगल भविष्य की कामना. माता लक्ष्मी की आराधना की एक भावपूर्ण विधि होती है और इस भाग में आप जानेंगे कि कैसे आप माता हरिप्रिया की आराधना कर अपने सभी कष्टों को दूर कर सकते हैं.
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हरिप्रिया के इस खास भाग में आप सुनेंगे कि कैसे हमे माता वैभव लक्ष्मी कि विधि विधान पूर्वक पूजा और अराधना करनी चाहिए, आइए सुनते हैं वैभव लक्ष्मी को प्रसन्न करने कि पूजा विधि ।See omnystudio.com/listener for privacy information.
शुक्रवार मां लक्ष्मी का दिन है। मान्यता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा करने पर माता की कृपा हमेशा व्यक्ति पर बनी रहती है। साथ ही व्यक्ति को सुख-समृद्धि और शांति भी मिलती है।मां लक्ष्मी की महिमा को तो हम सभी जानते हैं लेकिन इस लेख में हम आपको मां लक्ष्मी के 8 स्वरूपों की जानकारी दे रहे हैं। मां लक्ष्मी के हर स्वरूप की महिमा अपरमपार है। मां लक्ष्मी का हर रूप विभिन्न कामनाओं को पूरा करता है। इनके हर रूप की पूजा करने से व्यक्ति को असीम सम्पदा और धन की प्राप्ति होती है।See omnystudio.com/listener for privacy information.
क्यूं मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु की बात ना मानी और कर दिया एक पाप, जानिए क्या किया था धन की देवी ने? परमेश्वर के तीन मुख्य स्वरूपों में से एक भगवान विष्णु का नाम स्वयं ही धन की देवी मां लक्ष्मी के साथ लिया जाता है. शास्त्रों में विख्यात कथाओं के अनुसार मां लक्ष्मी हिन्दू धर्म में धन, सम्पदा, शान्ति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं. माता लक्ष्मी विष्णु जी की अर्धांगिनी हैं.यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में धन का वास चाहता है तो हमेशा ही मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की आराधना अवश्य करे. इन दोनों का रिश्ता काफी शुद्ध व सर्वश्रेष्ठ माना जाता है परंतु ऐसा क्या हुआ था जो लक्ष्मी जी के कारण भगवान विष्णु की आंखें भर आईं? पुराणों में विख्यात एक कथा के अनुसार लक्ष्मी जी की किस बात से विष्णु जी इतने निराश हो गए?See omnystudio.com/listener for privacy information.
हरिप्रिया: गुणगान विष्णुप्रिया माँ लक्ष्मी का
कैसे कर सकते हैं आप माता लक्ष्मी को प्रसन्न , कैसे होती है माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा और किस प्रकार माता लक्ष्मी आपके घर में एक अंश के रूप में स्थापित हो जाती हैं ये सब आप सुनेंगे इस खास आज के कार्यक्रम में । कौन से मंत्र के साथ आपको करना चाहिए पूजा स्थान को पवित्र ?
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विष्णुप्रिया, गुणगान माँ लक्ष्मी जी का" के पिछले भाग में हमने आपको बताया था कि दिवाली के त्योहार के उपलक्ष्य पर धनतेरस को खरीदारी में हमे क्या क्या अपने घर लाना चाहिए। और इस भाग में आपको हम बताएंगे की दिवाली के पर्व पर क्यूँ करते हैं माँ लक्ष्मी जी का पूजन। साथ ही इससे जुडी एक पौराणिक कथा भी आप सुनेंग।
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विष्णुप्रिया- गुणगान माँ लक्ष्मी जी का" के पिछले भाग में हमने आपको बताया था कि माँ लक्ष्मी जी और धन के देवता कुबेर का क्या सम्बन्ध है, और इस भाग मैं आप जानेगे कि , दीपावली से पहले धनतेरस को खरीददारी करने से क्या लाभ मिलते हैं और हमे धनतेरस को क्या क्या खरीदना चाहिए जिससे माँ लक्ष्मी जी कि कृपा हम पर बानी रहे साथ ही घर और काम मैं सुख तथा समृद्धि कि भी बढ़ोतरी हो जाये। See omnystudio.com/listener for privacy information.
क्या है कुबेर और और माता लक्ष्मी का संबंध , क्यूँ होती है धनतेरस पर उनकी पूजा , कैसे आप बन सकते हैं धन धान्य आइए सुनते हैं इस खास podcast में. विष्णुप्रिया गुणगान माँ लक्ष्मी जी के पिछले भाग में हमने आपको बताया था कि माँ लक्ष्मी जी का विवाह कैसे हुआ और क्यों माँ लक्ष्मी सदैव भगवान श्री हरि के चरणों मैं विराजमान रहती है। तो अब इस भाग मैं आपको हम बताएंगे की माँ लक्ष्मी जी का धन के प्रहरी कुबेर से क्या सम्बन्ध है। See omnystudio.com/listener for privacy information.
हरिप्रिया : गुणगान विष्णुप्रिया माँ लक्ष्मी का
आखिर क्यूँ रहती हैं माता लक्ष्मी श्री विष्णु के चरणों में ?
विष्णुप्रिया :- गुणगान माँ लक्ष्मी जी का के पिछले भाग में हमने आपको बताया था कि कैसे माँ लक्ष्मी जी उत्पत्ति हुई , और अब इस भाग में हम बात करेंगे कि कैसे माँ लक्ष्मी जी और भगवान् विष्णु जी का विवाह हुआ , और साथ ही ये भी जानेंगे कि माता लक्ष्मी क्यूँ भगवान् विष्णु जी के चरणों में रहती हैं।
क्या आप जानते हैं नारद जी भी माता लक्ष्मी से विवाह करना चाहते थे ?
परंतु माता लक्ष्मी श्री विष्णु को ही अपना पति मान चुकी थी सुनिए पूरी कहानी
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जागरण पॉडकास्ट की एक नई पेशकश में आपका स्वागत है " हरिप्रिया - गुणगान विष्णुप्रिया माँ लक्ष्मी का " इसके पहले अध्याय में आप जानेंगे कैसे लक्ष्मी जी की उत्पत्ति हुई। माता लक्ष्मी की उत्पत्ति से जुड़ी दो कथाएँ हैं और उन्ही पौराणिक कथाओं के अनुसार लक्ष्मी जी समुद्र मंथन में 14 रत्नो के साथ अवतरित हुई थी। जिन्हे भगवान् विष्णु जी ने अपनी अर्धांगिनी के रूप में धारण किया था। लक्ष्मी जी के अवतार के बारे में ये भी कहा जाता है की वो ऋषि भृगु की पत्नी ख्याति के गर्भ से पैदा हुई थी।
आइए जानते हैं इसके बारे विस्तृत रूप से ।See omnystudio.com/listener for privacy information.