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Storybox with Jamshed Qamar Siddiqui
Storybox with Jamshed Qamar Siddiqui
Author: Aaj Tak Radio
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Description
जमशेद क़मर सिद्दीकी के साथ चलिए कहानियों की उन सजीली गलियों में जहां हर नुक्कड़ पर एक नया किरदार है, नए क़िस्से, नए एहसास के साथ. ये कहानियां आपको कभी हसाएंगी, कभी रुलाएंगी और कभी गुदगुदाएंगी भी. चलिए, गुज़रे वक्त की यादों को कहानियों में फिर जीते हैं, नए की तरफ बढ़ते हुए पुराने को समेटते हैं. सुनते हैं ज़िंदगी के चटख रंगों में रंगी, इंसानी रिश्तों के नर्म और नुकीले एहसास की कहानियां, हर इतवार, स्टोरीबॉक्स में.
Jamshed Qamar Siddiqui narrates the stories of human relationships every week that take the listener on the rollercoaster of emotions, love, and laughter. Stories are written by Jamshed and by his fellow writers that talks about the various colors of life conflicts from father-son relationships to love triangle. Stories that let you be someone else for some time to see this world from a different angle.
Jamshed Qamar Siddiqui narrates the stories of human relationships every week that take the listener on the rollercoaster of emotions, love, and laughter. Stories are written by Jamshed and by his fellow writers that talks about the various colors of life conflicts from father-son relationships to love triangle. Stories that let you be someone else for some time to see this world from a different angle.
174 Episodes
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एक थे बन्ने भाई, कानपुर में उनकी कोयले की दुकान थी जहां दिन भर वो ग्राहकों के साथ झकमारी करते थे लेकिन शाम को घर आते ही सफ़ेद सिल्क का कुर्ता-पायजामा पहनते, कंधे पर डाल लेते एक नकली पशमीना शॉल और फिर मोहल्ले के पास वाली चाय की दुकान पर बैठकर ऐसी फलसफ़ी टाइप की बातें करते थे कि लगता था उनसे बड़ा बुद्दिजीवी, उनसे बड़ा इंटलैक्चुअल पूरे शहर में कोई नहीं है. मीर-ओ-ग़ालिब की शायरी हो या मुल्कों की सियासत... सब पर ऐसी राय रखते थे कि मुहल्ले वाले दांतों में उंगली दबा लेते थे. फिर एक रोज़ मोहल्ले में एक नया लड़का आया और वो बन्ने भाई के लिए बवाल-ए-जान बन गया. सुनिए पूरी कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
डिप्टी साहब वैसे तो आदमी बड़े सख्त मिज़ाज थे. दफ़्तर में तो उनके एक दस्तखत से बड़े-बड़े फ़ैसले हो जाते थे लेकिन घर में डिप्टी साहब की ज़रा नहीं चलती. बेगम साहिबा ज़रा गुस्से वाली थीं और जिस सुबह उन्हें ग़ुस्सा आ गया तो फिर लोग देखते थे कि बेचारे डिप्टी साहब का क्या हाल होता था. एक सुबह मैं किसी फ़ाइल पर उनके दस्तखत लेने उनके घर पहुंचा तो देखा कि डिप्टी साहब कमीज़ और टाई लगाए कुर्सी पर बैठे थे मगर उनकी पतलून गायब थी. बेचारे एक पटरे वाली नेकर पहने हुए बार-बार घड़ी की तरफ देख रहे थे. मैंने पूछा 'क्या हुआ? सब ख़ैरियत तो है' फिर जो उन्होंने वजह बताई, वो सुनकर मुझे बड़ी हैरत हुई. सुनिए चौधरी मोहम्मद अली रुदौलवी की एक तहरीर 'बीवी कैसी होनी चाहिए?' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
एक शायर था जिसकी तस्वीरें गर्ल्स हॉस्टल में लड़कियों के तकियों के नीचे मिलती थी... जो इश्क़ भी लिखता था और इंकलाब भी, लेकिन उसके हिस्से आई ज़िंदगी की मायूसी, अधूरी मुहब्बत और एक दर्दनाक मौत. स्टोरीबॉक्स में इस बार सुनिए उर्दू शायर मजाज़ लखनवी की कहानी जमशेद क़मर सिद्दीकी से.
एक राइटर ने शहर से दूर एक सुनसान किराए के घर में बैठकर नॉवेल लिखने का फैसला किया, लेकिन उस घर में उसकी मुलाकात हुई एक भूत से. एक भूत जिसके पास उस राइटर के लिए एक काम था, जो वो खुद ज़िंदा रहते नहीं कर पाया. अब वो इस काम के लिए उस राइटर को कीमत भी चुकाने वाला था - सुनिए शरदिंदु बंद्योपाध्याय की लिखी कहानी का हिंदी वर्ज़न 'एक राइटर और भूत' स्टोरीबॉक्स मे जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
घर पर बॉस की दावत थी इसलिए शामनाथ साहब सुबह से तैयारियों में लगे थे. पर्दे बदल दिए गए, मेज़पोश नए बिछाए, अलमारी में सजे बर्तन निकाल लिए गए. यहां तक की सोफे़ के नीचे की गर्द भी साफ की गई थी लेकिन पूरे चमचमाते घर में मां अटपटी लग रही थीं. गांव की मां जो ना ढंग से बोल पाती है, न उसे कुछ आता-जाता है, चेहरा भी अब झुर्रियों से ढक गया है. शामनाथ साहब ने मां की तरफ़ देखा और सोचा कि इनको कहां छिपाया जाए कि अंग्रेज़ बॉस की नज़र ना पड़े - सुनिए स्टोरीबॉक्स में भीष्म साहनी की लिखी कहानी जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
दो बहनों में से एक को खूबसूरती और कॉलेज में मोहब्बत मिली, जबकि बड़ी बहन को बिल्कुल साधारण शक्ल और जीवन. छोटी बहन ने जब पहली बार अपने आशिक़ का खत बड़ी बहन को दिखाया, तो बस यहीं से एक ऐसी हलचल शुरू हुई जिसने दोनों के रिश्ते की बुनियाद हिला दी. इसी एक घटना से जलन, तकरार और एक ऐसा झगड़ा जन्म लेता है जो आगे चलकर दोनों की ज़िंदगी बदल देता है, सुनिए स्टोरीबॉक्स सआदत हसन मंटो कहानी ‘बदसूरती’ जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
वो हमारे कॉलेज के सबसे शरीफ़ स्टूडेंट थे, लड़कियों की तरफ़ देखना तो दूर उनकी परछाईं से भी दूर भागते थे. ढीले कपड़े पहनते थे और सादा खाना खाते थे लेकिन फिर कॉलेज में आई एक अंग्रेज़ लड़की और हम दोस्तों ने रचा एक खेल. उस लड़की के नाम से इन भाई साहब को एक फर्ज़ी ख़त भेजा और फिर जो हुआ जानने के लिए स्टोरीबॉक्स में सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'विनोद' का एक हिस्सा.
सुपरहीरो वो नहीं जो आसमान में उड़ते हैं, बिल्डिंग्स से लटकते हैं या फिर विलेंस को मारते हैं. सुपरहीरो तो वो होते हैं जो ज़िंदगी की तकलीफ़ों, दूरियों और ग़म के बीच कुछ ऐसा कर जाते हैं कि दुनिया उन्हें याद रखती है. ये कहानी है कारगिल के एक ऐसे ही हीरो की. जमशेद क़मर सिद्दीक़ी इस बार स्टोरीबॉक्स में सुना रहे हैं 'एक सुपरहीरो की सच्ची कहानी'.
एक सर्द शाम को पूरे शहर में सनसनी फैल गई जब पता चला कि एक हमलावर ने सियासी पार्टी के नेता पर जानलेवा हमला किया, लेकिन इंसाफ मिलने के लिए ये क्यों ज़रूरी था कि अस्पताल में भर्ती नेता की मौत रात को बारह बजे ही हो. ऐसी क्या मजबूरी थी? - सुनिए स्टोरीबॉक्स की नई कहानी 'मिडनाइट मर्डर' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
सर्दियों की रात में जब बूढ़ा-बूढ़ी अपनी झोपड़ी में आग के सामने बैठे हाथ ताप रहे थे, तभी किसी ने दरवाज़ा खटखटाया और बताया कि डॉ साहब के बेटे को सांप ने काट लिया है - सुनिए मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी 'मंत्र' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
तभी मेले के भोंपू से आवाज़ गूंजी, "तो दोस्तों... अब समय है विजेता लॉटरी नंबर बताने का. आज का विनर है लॉटरी नंबर 1 0 0 5". ये सुनते ही मेरे हाथ पांव कांपने लगे क्योंकि यही नंबर तो मेरी लॉटरी पर था. मैंने आंखे मलकर नंबर दोबारा चेक किया, बिल्कुल वही नंबर था - सुनिए कहानी 'लॉटरी का टिकट' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
रात के ख़ामोश पहर में उस घर में जहां मैं अकेले रहता था, दूसरे कमरे से वो आवाज़ दरअसल कई दिनों से आ रही थी. रात की खामोशी को चीरती हुई वो आवाज़ हर रात मुझे परेशान करने लगी थी. किसकी थी वो आवाज़? और क्या थी उस आवाज़ की दर्दनाक कहानी - सुनिए स्टोरीबॉक्स विद जमशेद में कहानी 'आधी रात की ख़ामोशी'.
सुबह की अज़ान हुई ही थी कि पता चला मुहल्ले के चचा मियां गुज़र गए. वैसे उम्र काफ़ी थी उनकी और लंबे समय से बीमार थे लेकिन उनके जाने के बाद उनकी कब्र को लेकर एक ऐसा मसला खड़ा हो गया कि वो दिन भुलाए नहीं भूलता. सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'चचा मियां की कब्र' स्टोरीबॉक्स में.
पांच साल के बाद वो अचानक दिखी एक अस्पताल में. ये वही लड़की थी जो हमेशा ब्रैंडेड कपड़े पहनती थी. महंगे शौक रखती थी लेकिन आज उसकी हालत ख़राब थी. कपड़े औसत, बाल बिखरे, चप्पलें घिसी हुई, चेहरे का रंग उड़ा और हाथ में मेडिकल रिपोर्ट्स. ये वही लड़की थी जिसने कभी मेरा इश्क़ ठुकराया था. सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'एक कागज़ का फूल' स्टोरीबॉक्स में.
बंदूक मेरी कनपटी पर थी और उंगली ट्रिगर पर. मेरी ज़िंदगी और मौत के बीच बस चंद लम्हों का फ़ासला था, लेकिन तभी मन किया कि ज़िंदगी की एक आख़िरी सिगरेट पी लूं - सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'स्टोरीबॉक्स' में.
सैलून पर मैंने अभी शेव बनवाना शुरु ही किया था कि मेरे हाउस ब्रोकर का फोन आया और उसने कहा कि कोई मेरा घर किराए पर लेना चाहता है. मैंने हां बोल दिया लेकिन तभी उसने किरायेदार का नाम बताया और वो नाम सुनकर मैं चौंक गया - सुनिए पूरी कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ.
आतिश साहब को एक रोज़ सड़क पर एक औरत पर्चा पकड़ा गई जिसमें लिखा था कि ये पर्चा आगे एक हज़ार लोगों को छपवाकर बढ़ाइए, अब क्या करेंगे आतिश साहब... क्या वाकई पर्चा नहीं छपवाने पर कुछ बुरा होगा? सुनिए स्टोरीबॉक्स में नई कहानी जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ
एक ट्रेन में मिले दो जादूगर और एक-दूसरे को दिया चैंलेज. कौन है बड़ा जादूगर? उस्ताद और शागिर्द के बीच हुए जादू के मुकाबले में कौन जीता और किसकी हुई हार? सुनिए सत्यजीत रे की लिखी कहानी का ऑडियो वर्जन स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
आजकल जो नहारी दिल्ली में मिलती है वो कोई नहारी है साहब? नहारी तो बंटवारे से पहले मिलती थी दिल्ली में. दुकान का नाम था गंजे भाई की नहारी. ऐसी नहारी कि अलीगढ़ से लेकर लाहौर तक से खाने वाले आते थे. सुनिए कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
पारितोष साहब के घर के पास उस शाम मैंने जिस आदमी को देखा वो कौन था और क्या ये सिर्फ़ इत्तिफ़ाक था कि जिस दिन शैंकी गायब हुआ और पारितोष साहब की मौत हुई, वो उस दिन भी दिखाई दिया था - सुनिए नई थ्रिलर कहानी 'वो कौन था' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से























