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Ek Bakhat Ki Baat
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Ek Bakhat Ki Baat

Author: Aaj Tak Radio

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Welcome to 'Ek Bakhat Ki Baat', where we unravel the untold tales of pivotal historical moments that shaped the course of business and sports. In each episode, we navigate the twists of fate that altered the trajectory of the whole story. 'Ek Bakhat Ki Baat' invites you to witness the convergence of passion, strategy, and destiny that forever etched these extraordinary stories into the annals of human achievement. Embark on a voyage where the past becomes the present, and the present reshapes the future.

कुछ किस्से ऐसे होते हैं जिनका मुकद्दर लम्हों में तय होता है. एक फ़ैसला, ज़िद्द या घटना वक्त की धार बदल देती है.  ‘एक बखत की बात है’ में हम लेकर आए हैं आपके लिए कुछ ऐसी ही चुनिंदा ऐतिहासिक कहानियां, जिसे सुनकर आप भी कहेंगे, “अगर तब वैसा न हुआ होता तो आज ऐसा न हुआ होता”.
12 Episodes
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वकालत से आर्देशिर गोदरेज का मन नहीं मिला, नौकरी ने भी उन्हें उत्साहित नहीं किया, जब पहला धंधा शुरू किया तो बिज़नेस पार्टनर से ठन गई. गोदरेज पहली सफ़लता के लिए बेचैन हो रहे थे. हर चीज़ को मौके की नज़र से देखते थे. आज हम जिसे आन्ट्रप्रनर कहते हैं, वो असल मायने में एक आन्ट्रप्रनर थे, उन्हें पहली सफ़लता मिली एक ख़बर की वजह से, क्या है पूरा किस्सा सुनिए 'एक बखत की बात' में नितिन ठाकुर से. प्रोड्यसूर- कुंदन साउंड मिक्सिंग- कपिल देव सिंह
एडोल्फ हिटलर के बाद का जर्मनी चार टुकड़ों में बांटा गया. विजेता अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और सोवियत यूनियन के बीच. राजधानी बर्लिन की भी चार फांकें की गईं.. लेकिन जब कुछ सालों बाद इन देशों की सेनाएं लौट गई तो जर्मनी के चार से दो ही हिस्से रह गए. एक हिस्सा वो जिसे पश्चिमी देश छोड़ गए.. जबकि दूसरा वो जिस पर अभी भी सोवियत यूनियन काबिज़ था.दोनों हिस्सों का एडमिनिस्ट्रेशन दो अलग अलग जर्मन चांसलर संभालते थे और इसे एक दीवार ने बर्लिन को बांट रखा था, इसके बनने और टूटने की कहानी सुनिए, एक बखत की बात में नितिन ठाकुर से. प्रोड्यसर- कुंदन साउंड मिक्स- सचिन द्विवेदी
दुनिया में एक आर्टिस्ट आया था रॉबर्ट जॉनसन नाम का, उसकी ज़िंदगी ऐसी थी कि उससे जुड़ी शैतान की कहानी भी भरोसे लायक लगती है, न पैदा होने की तारीख का पता न ये मालूम मरा कब, उसकी ज़िंदगी के बारे में कुछ भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता, 27 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई, शोहरत भी मिली तो दुनिया को छोड़ने के बाद, कैसे रॉबर्ट जॉनसन ने संगीत की दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया और उसके शैतान से जुड़ा किस्सा क्या है, सुनिए एक बखत की बात में, नितिन ठाकुर के साथ. प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्सिंग- कपिल देव सिंह नोट- कहानी को रोचक बनाने के लिए कुछ हिस्सों में नाटकीयता का सहारा लिया गया है. Reference- Up Jumped the Devil: The Real Life of Robert Johnson- Gayle Dean Wardlow
पहले बांधना, फिर टॉर्चर और आख़िर में क़त्ल और सबकुछ के बाद पुलिस को इसकी सूचना देना, ये इस सीरियल किलर का तरीका था. अपनी सेक्सुअल फैंटसी के लिए BTK ने कई महिलाओं को बेरहमी से मारा था, उसकी वजह से पूरा शहर दशकों तक दशहत में रहा BTK आज भी नहीं पकड़ा जाता, अगर उसने ख़ुद एक ग़लती न की होती, पुलिस के जाल में नहीं फंसता अगर उनके झूठे वादे पर भरोसा कर टेक्नॉलिजी का इस्तेमाल न किया होता. उसकी पहचान कभी न खुलती अगर उसने ईगो न पाला होता, ‘एक बखत की बात’ में सुनिए 30 सालों तक पुलिस से चूहे-बिल्ली का खेल खेलना वाले सीरियल किलर का किस्सा. प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्सिंग- सचिन द्विवेदी Reference Bind, Torture, Kill- Tim Potter Confession of a Serial Killer- Katherine Ramsland
नेशनल हैराल्ड का दिल्ली ऑफ़िस में एडिटर खुशवंत सिंह के पास एक लिफ़ाफ़ा आया उसमें कुछ फ़ोटोग्राफ़्स थे, फ़ोटो में एक लड़के और लड़की की इंटिमेट मोमेंट्स उतारे गए थे. खुशवंत सिंह उन फ़ोटोज़ के साथ इंदिरा गांधी के पास ले गए. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर यदि ये फ़ोटो अगर फोटो में दिख रहा लड़का देश की रक्षा मंत्री का बेटा न होता, यदी ये फोटो लीक होकर अख़बारों तक नहीं पहुंची होती, यदि बाबू जी कहे जाने वाले जगजीवन राम शायद 80 की दशक में देश को पहला दलित प्रधानमंत्री मिल जाता, 'एक बखत की बात में' नितिन ठाकुर से सुनिए किस्सा जगजीवन राम के बार-बार प्रधानमंत्री न बन पाने का. नोट- कहानी को रोचक बनाने के लिए कुछ हिस्सों में नाटकीयता का सहारा लिया गया है. Book References: How Prime Ministers Decide- Neerja Chowdhury Truth, Love & a Little Malice- Khushwant Singh All The Janata Men- Janardan Thakur Courting Destiny- Shanti Bhushan प्रड्यूस- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
अगर ह्यू हेफ़्नर को उसके ड्रीम जॉब में बस 5 डॉलर और मिल जाता तो शायद न 200 मिलियन डॉलर का अंपायर खड़ा होता और न दुनिया की सबसे मशहूर कंपनी प्लेबॉय बनती और न ही दुनिया बो टाई पहने रैबिट लोगो को कभी नहीं देख पाती, प्लेबॉय मैगज़ीन के बनने से बिगड़ने तक का किस्सा, सुनिए 'एक बखत की बात' में नितिन ठाकुर से. प्रड्यूस- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
मुंबई शहर में अब दो स्टेडियम हैं, वानखेड़े और ब्रेबॉर्न. ये तब की बात है जब एस. के. वानखेड़े बॉम्बे क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष थे, जो उस वक्त शहर में क्रिकेट को कंट्रोल करता था और विजय मर्चेंट क्रिकेट क्लब ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष थे, जिसके पास शहर का अकेला स्टेडियम था, ब्रेबॉन स्टेडियम. जब भी BCA को बंबई में कोई मैच ऑर्गनाइज़ कराना होता था वो CCI के पास दरख्वास्त लेकर जाता. दोनों के बीच टिकट के बंटवारे को लेकर झगड़ा था और ये झगड़ा इतना बढ़ गया कि वानखेड़े ने अलग स्टेडियम बनाने की ज़िद्द ठान ली, जिससे शुरू हुई कहानी ब्रेबॉर्न के पतन की, क्या है पूरा किस्सा सुनिए 'एक बखत की बात' में नितिन ठाकुर से. प्रड्यूस: कुंदन  साउंड मिक्स: कपिल देव सिंह
पृथ्वीराज चौहान के बाद 350 साल बीते तब जाकर दिल्ली की गद्दी पर एक हिन्दू राजा बैठा. नाम था हेमचंद्र विक्रमादित्य जो 22 युद्धों को जीतकर दिल्ली पहुंचा था. राजा बनने से पहले वह एक नमक व्यापारी हुआ करता था और दिल्ली की तख़्त पर बैठने के महीनेभर बाद वो ज़िंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ने पानीपत पहुंचा. हेमू की सेने के पराक्रम के सामने पस्त होती मुग़ल सेना के बीच से एक तीर चली और पूरी बाज़ी पलट गई. इस तीर के नोक पर किसी की मौत तो नहीं लिखी थी पर जो लिखी थी वो थी हिन्दुस्तान की नियति, सुनिए नितिन ठाकुर से ‘एक बखत की बात’ में पानीपत की दूसरी लड़ाई का वो किस्सा जिसमें हेमचंद्र विक्रमादित्य एक जीता हुआ युद्ध हार गया. नोट- कहानी को रोचक बनाने के लिए कुछ हिस्सों में नाटकीयता का सहारा लिया गया है. प्रड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
इटली के फरुचिओ लैंबॉर्गिनी दूसरे विश्व युद्ध के दौरान विदेशी धरती पर क़ैद में थे. जंग ख़त्म होने के बाद अपने देश वापस आकर ज़ीरो से शुरुआत की, ट्रैक्टर बनाने लगे. दौलत-शोहरत सब कमाया. फिर एक दिन फरुचिओ को फ़रारी के सर्विस सेंटर जाना पड़ा और वहां उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिससे लग्ज़री स्पोर्ट्स कार इंडस्ट्री में कहानी शुरू होती है लैंबॉर्गिनी बनाम फ़रारी की, सुनिए ये मज़ेदार किस्सा, नितिन ठाकुर से ‘एक बखत की बात’ में. प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
एक शख़्स जो कभी खेल के मैदान पर भी नहीं उतरा लेकिन उसने बिना बल्ला या बॉल पकड़े क्रिकेट को इतना बदल दिया, जितना कभी कोई खिलाड़ी नहीं बदल पाया, वो भी बस एक ज़िद्द की ख़ातिर, ज़िद्द भी खेल के लिए नहीं, बिज़नेस के लिए… कैरी पैकर की ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड से एक डील नहीं बनी तो उसने वर्ल्ड क्रिकेट को ही हाईजैक कर लिया, सुनिए किस्सा ‘एक बखत की बात’ में नितिन ठाकुर से.  प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
एक बखत की बात है- दुनिया अपनी रफ़्तार से चल रही थी. औद्योगिक क्रांति के बाद यूरोपियन देशों के पास पैसा और असलहे- बारूद की कमी नहीं थी. सभी देशों के भीतर अपनी धाक जमाने और ताकत आज़माने की ललक थी. इसके लिए तमाम ताक़तवर मुल्क बस एक मौक़े की इंतज़ार में थे. तभी एक दिन बोस्निया की राजधानी में ऑस्ट्रिया-हंगरी के प्रिंस आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की गाड़ी ने रॉन्ग टर्न लिया और वर्ल्ड वॉर की नींव पड़ गई. 5 साल तक चले इस विश्वयुद्ध में 1 करोड़ 70 लाख से ज्यादा जानें चली गईं. तो 'एक बखत की बात' के दूसरे एपिसोड में नितिन ठाकुर से सुनिए प्रथम विश्व युद्ध के शुरू होने की वही कहानी. प्रड्यूसर: कुंदन कुमार साउंड मिक्सिंग: कपिलदेव सिंह
एक बखत की बात है- भारत पर अंग्रेज़ों का राज़ था. यहां के बड़े बड़े होटलों में Indians और Dogs allowed नहीं थे. ऐसे ही एक बार बड़े उद्योगपति जमशेद जी टाटा को अपमान झेलना पड़ा और उसी वक़्त उन्होंने ठान लिया कि एक ऐसा आलीशान होटल बनाना है, जिसे दुनिया याद रखेगी. आज उस होटल का नाम दुनिया के सबसे मशहूर होटलों में शुमार है. देश-दुनिया की कई नामी गिरामी हस्तियों की मेज़बानी करने वाले और कई ऐतिहासिक घटनाओं के गवाह रहे Hotel Taj की कहानी, सुनिए पहले एपिसोड में नितिन ठाकुर से.प्रड्यूसर: कुंदन कुमारसाउंड मिक्सिंग: कपिलदेव सिंह
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