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SUSHUMNA VANI HINDI (सुषुम्ना वाणी)

SUSHUMNA VANI HINDI (सुषुम्ना वाणी)
Author: DIVYA BABAJI SUSHUMNA KRIYA YOGA FOUNDATION
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© DIVYA BABAJI SUSHUMNA KRIYA YOGA FOUNDATION
Description
सुषुम्ना वाणी के हिंदी प्रकाशन में आपका स्वागत है! .... श्री श्री आत्मानंदमयी माताजी द्वारा विश्व को दिए गए सुषुम्ना क्रिया ध्यान के ज्ञान को हिंदी भाषी साधकों में फैलाने के लिए ये एक पॉडकास्ट श्रृंखला है।
हमारी गुरु माँ हमें बार-बार कहती हैं - हमें दिन की शुरुआत ध्यान से करनी चाहिए लेकिन इसे आत्मनिरीक्षण से ख़त्म करना चाहिए। और ध्यान और आत्मनिरीक्षण के बीच हम अपना जीवन कैसे जीते हैं, यह हमारे आध्यात्मिक विकास की गति और पथ को तय करता है। यह पॉडकास्ट श्रृंखला सुषुम्ना क्रिया योग में हमारे प्रयासों को सशक्त बनाने के लिए जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगी।
हमारी गुरु माँ हमें बार-बार कहती हैं - हमें दिन की शुरुआत ध्यान से करनी चाहिए लेकिन इसे आत्मनिरीक्षण से ख़त्म करना चाहिए। और ध्यान और आत्मनिरीक्षण के बीच हम अपना जीवन कैसे जीते हैं, यह हमारे आध्यात्मिक विकास की गति और पथ को तय करता है। यह पॉडकास्ट श्रृंखला सुषुम्ना क्रिया योग में हमारे प्रयासों को सशक्त बनाने के लिए जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगी।
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यह एपिसोड चर्चा करता है कि नौ संख्या और "रात्रि" का क्या महत्व है और साधक की यात्रा में इन नौ रातों का क्या उद्देश्य है।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या विचार हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें:sushumnavani@divyababajikriyayoga.org
यह एपिसोड देव ऋण अर्थात देवताओं और प्रकृति से जुड़े ऋण तथा उपासना और संरक्षण से उसे संतुलित करने के मार्ग पर चर्चा करता है।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या विचार हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें:sushumnavani@divyababajikriyayoga.org
यह एपिसोड ऋषि ऋण अर्थात गुरुओं और ऋषियों से प्राप्त ज्ञान के ऋण और उसे साधना व अध्ययन से निभाने के उपायों पर चर्चा करता है।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या विचार हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें:sushumnavani@divyababajikriyayoga.org
यह एपिसोड पंच ऋण, यानी पाँच प्रकार के ऋणों की अवधारणा पर चर्चा करता है, जिन्हें हम सभी अपने जीवन में वहन करते हैं।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या विचार हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें:sushumnavani@divyababajikriyayoga.org
यह एपिसोड पितृ ऋण अर्थात हमारे पूर्वजों से जुड़े ऋण और उन्हें स्मरण तथा कृतज्ञता से चुकाने के महत्व पर चर्चा करता है।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या विचार हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें:sushumnavani@divyababajikriyayoga.org
गणेश जी के बड़े कान हमें यह सिखाते हैं कि केवल सुनना ही नहीं, बल्कि ध्यानपूर्वक, धैर्यपूर्वक और बिना निर्णय किए सुनना जीवन की आधी समस्याओं का समाधान है।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या विचार हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें:sushumnavani@divyababajikriyayoga.org
क्या हम स्वतंत्र हैं? इसी विषय पर चर्चा की गयी है इस एपिसोड मे। यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या विचार हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें:sushumnavani@divyababajikriyayoga.org
इस एपिसोड में श्रीकृष्ण के जन्म की कथा को साझा किया गया है, जो सभी सुषुम्ना क्रिया योग साधकों के लिए अत्यंत गहरा आध्यात्मिक अर्थ रखती है।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या विचार हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें:sushumnavani@divyababajikriyayoga.org
यह एपिसोड गोस्वामी तुलसीदास और उनके जीवन की एक विशेष घटना पर आधारित है, जो उनकी आध्यात्मिक यात्रा में एक निर्णायक मोड़ साबित हुई।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या विचार हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें:sushumnavani@divyababajikriyayoga.org
इस एपिसोड में हम कारण शरीर की रहस्यमयी परतों की गहराई में उतरते हैं। जानिए कारण शरीर क्या है, इसमें क्या छिपा होता है, और यह हमारे जीवन, ध्यान और आत्मिक यात्रा को कैसे प्रभावित करता है।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणियाँ हों, तो कृपया हमें sushumnavani@divyababajikriyayoga.org पर लिखें।
इस एपिसोड में हमने सूक्ष्म शरीर के प्रमुख अंगों पर चर्चा की—और जाना कि ये कैसे हमारे विचार, भावनाएँ और पहचान का निर्माण करते हैं।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणियाँ हों, तो कृपया हमें sushumnavani@divyababajikriyayoga.org पर लिखें।
इस एपिसोड में शरीर के तीन स्तरों की चर्चा की गई है और विशेष रूप से स्थूल शरीर को समझा गया है।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणियाँ हों, तो कृपया हमें sushumnavani@divyababajikriyayoga.org पर लिखें।
कम चीज़ें, कम तनाव – आइए सीखें संग्रह मुक्त जीवन जीने का तरीका । इस पॉडकास्ट एपिसोड में हम जानेंगे कि कैसे बाहरी अव्यवस्था को हटाकर हम अपने मन और जीवन में भी शांति और स्पष्टता ला सकते हैं।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणियाँ हों, तो कृपया हमें sushumnavani@divyababajikriyayoga.org पर लिखें।
इस एपिसोड में जानिए आदि शंकराचार्य के जीवन, विचार और भारत को जोड़ने वाले उनके अद्वैत दृष्टिकोण की प्रेरक कहानी।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणियाँ हों, तो कृपया हमें sushumnavani@divyababajikriyayoga.org पर लिखें|
यह एपिसोड आयुर्वेदिक दिनचर्या की अवधारणा पर आधारित है और बताता है कि यह कैसे स्वस्थ जीवन व प्रभावी साधना का मार्गदर्शन कर सकती है।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणियाँ हों, तो कृपया हमें sushumnavani@divyababajikriyayoga.org पर लिखें।
इस एपिसोड में हम आयुर्वेद के तीन प्रमुख दोष - वात, पित्त और कफ - के बारे में चर्चा करेंगे। इस एपिसोड का उद्देश्य आपको आयुर्वेद के सिद्धांतों से परिचित कराना और यह बताना है कि कैसे आप अपनी प्रकृति को समझकर एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकते हैं।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणियाँ हों, तो कृपया हमें sushumnavani@divyababajikriyayoga.org पर लिखें।
यह एपिसोड प्रसिद्ध "हनुमान चालीसा" की उत्पत्ति और उसके रचयिता गोस्वामी तुलसीदास द्वारा इसकी रचना की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालता है। साथ ही, इसमें हनुमान जी की भक्ति के सार के कुछ पहलुओं पर भी चर्चा की गई है।यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणियाँ हों, तो कृपया हमें sushumnavani@divyababajikriyayoga.org पर लिखें।
यह एपिसोड अभिनिवेश के सिद्धांत को गहराई से समझने का प्रयास करता है। इस चर्चा में न केवल इसके दार्शनिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है, बल्कि इसे अपने जीवन में कैसे पहचाना और कम किया जा सकता है, इस पर भी कुछ व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं।अगर आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणी हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें: sushumnavani@divyababajikriyayoga.org
राग-द्वेष: यह एपिसोड हमारे मन में उठने वाली आसक्ति (राग) और घृणा (द्वेष) की गहरी पकड़ को समझने का प्रयास करता है। हम जानेंगे कि ये भावनाएँ हमारे जीवन के निर्णयों को कैसे प्रभावित करती हैं और योगदर्शन हमें इनसे मुक्त होने का क्या मार्ग दिखाता है।अगर आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणी हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें: sushumnavani@divyababajikriyayoga.org
यह एपिसोड होली के त्योहार की आध्यात्मिक महत्ता को एक कहानी के माध्यम से खोजता है और साथ ही होली की कई सांस्कृतिक परंपराओं की प्रासंगिकता पर भी चर्चा करता है।अगर आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणी हों, तो कृपया हमें इस पते पर लिखें: sushumnavani@divyababajikriyayoga.org