कोरोना वायरस से लड़ाई में फ़्रंटलाइन पर खड़े कोरोना योद्धाओं पर केंद्रित हमारी इस ख़ास सीरीज़ कोरोना फ़्रंटलाइनर्स के इस आख़िरी एपिसोड में आज सुनिए हमारी व्यवस्था और समाज के आख़िरी पायदान पर खड़े सफ़ाई कर्मचारियों के बारे में और जानिए वो किन मुश्किल हालात में काम कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले एक सफ़ाई कर्मी के परिवार की आपबीती आपको रुला ही देगी. पेश कर रही हैं पूनम कौशल.
एंबुलेंस ड्राइवर्स दुनिया भर में कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में फ्रंटलाइन पर हैं. वो ना सिर्फ़ संक्रमितों को अस्पताल पहुंचाते हैं बल्कि कोरोना से मरने वाले लोगों को भी अंतिम संस्कार स्थल तक पहुंचाते हैं. इस लड़ाई में कई ड्राइवर स्वयं संक्रमित हो चुके हैं. फ्रंटलाइनर्स के इस अंक में पूनम कौशल ने बात की ऐसे ही ड्राइवर्स से जो दिन रात कोरोना वायरस के संक्रमितों को लाने-ले जाने का काम कर रहे हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की तादाद में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है. ऐसे में संक्रमितों और संदिग्धों को अस्पताल में रोके रखना भी एक चुनौती बन गया है. नर्सों के लिए पीपीई किट पहनकर काम करना भी बेहद मुश्किल है. मरीज़ों के मन में डर और आशंकाओं की स्थिति के बीच नर्सें किन चुनौतीपूर्ण हालात में काम कर रहीं हैं यही समझने की कोशिश की फ्रंटलाइनर्स के इस अंक में पूनम कौशल ने.
कोरोना वायरस ने दुनियाभर में तबाही मचा दी है. अब तक एक लाख पैतालिस हज़ार से अधिक लोग मर चुके हैं. अंतिम संस्कार चुनौती बन गया है. कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार कर रहे लोग बेहद चुनौतीपूर्ण हालात में काम कर रहे हैं. आज तक रेडियो की इस ख़ास पॉडकास्ट सीरीज़ फ्रोंटलीनेर्स के इस अंक में पूनम कौशल ने बात की सूरत के अब्दुल भाई मालाबारी से जो कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. जानिए कैसे होता है कोरोना से मरने वालो का अंतिम संस्कार.
भारत सख़्त लॉकडाउन में हैं. लोग घरों में हैं और पुलिस सड़क पर. वर्दीवाले लॉकडाउन को लागू करने के लिए अपने कर्तव्य से भी आगे बढ़कर काम कर रहे हैं. आज फ्रंटलाइनर के इस एपिसोड में हम बात करेंगे कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में मोर्चे पर खड़े पुलिसकर्मियों से और समझेंगे वो कैसे और किन हालात में अपना काम कर रहे हैं. पुलिस ने लोगों को समझाने के कई नए तरीके भी निकाले हैं. उनकी झलक भी आपको मिलेगी.
सारी दुनिया कोरोनावायरस से जंग लड़ रही है. हम जैसे बहुत से लोग अपने घरों में क़ैद हैं. लेकिन बहुत से जांबाज़ इस ख़तरे से फ्रंटलाइन पर लड़ रहे हैं. आज तक की इस ख़ास सीरीज़ फ्रंटलाइनर्स में हम उन्हीं जाबांजो की बात करेंगे जो आपको और हमको सुरक्षित रखने के लिए बन गए हैं हमारा कवच. पहले एपिसोड में सुनिए कोरोना वार्ड में तैनात डॉक्टर्स को, समझिए कितना बड़ा है कोरोना का ख़तरा और कैसे कर रहे हैं ये लोग उसका सामना.