बिट्रिश लैंड रैवेन्यू पॉलिसी(British Land Revenue Policy in Hindi) रैयतवाडी व्यवस्था रैयतवाडी व्यवस्था फ्रांस में प्रचलित व्यवस्था की नकल थी और मलवाडी भारतीय आर्थिक समुदाय की नकल थी और स्थाई बंदोबस इंग्लैड में प्रचलित सामंतवाडी व्यवस्था थी स्थाई बंदोबस्त ये व्यवस्था भारत की लगभग 19 % भूमि पर लागू की गई थी ये व्यवस्था लार्ड ... Read more
कृषक आंदोलन सर्वप्रथम बंगाल में नील कृषकों की हडताल हुई 1858 से 1860 तक ये आंदोलन अंग्रेजों भूमिपतियों के बीच किया गया था नील खेती कम्पनी के कुछ अवकाश प्राप्त अधिकारी बंगाल तथा बिहार के जमींदारों से भूमि प्राप्त कर नील की खेती करवाते थे वे किसानों पर अत्याचार करते रहते थे और मनमानी शर्तों ... Read more
Tribal Uprising in British India इसमें कोल, संथाल, अहोम, खासी, मुंडा, रमपाई कुछ प्रमुख है कोल विद्रोह यह 1820से 1836 तक हुआ छोटा नागपुर के कोलो ने अपना क्रोध उस समय प्रकट किया जब उनकी भूमि उनके मुखियाओ से छिन के कृषिक मुस्लिमों तथा सिक्खों को दे दी गई 1831 ई. में कोलो ने लगभग ... Read more
1857 के बाद के विद्रोह(Revolt after 1857) 1857 के विद्रोह के बाद भारत में और भी अनेक विद्रोह हुए जिनमें कुछ नागरिक विद्रोह थे कुछ आदिवासी तथा कुछ कृषक विद्रोह थे सन्यासी विद्रोह (Sanyasi Vidroh) यह 1763 ई. से 1800 ई. तक चला अंग्रेजो के द्वारा बंगाल के आर्थिक शोषण से जमींदार ,शिल्पकार, कृषक सभी ... Read more
राजनैतिक कारण डलहौजी की राज्य हडप ने की नीति , भारतीयो के साथ अंग्रेजों का घृणित व्यवहार (रंगभेद करना अच्छा व्यवहार ना करना उच्च पदों पर केवल अंग्रेजों को ही आसीन किया जाता था और भारतीयोंको छोटे पदों पर आसीन किया जाता था ) आर्थिक कारण अंग्रेजों की नीति की वजह से उद्योग धंधे भी ... Read more
1857 का विद्रोह कम्पनी के अधीनस्थ भारतीय सैनिकों की बगावत से प्रारम्भ हुआ1857 का विद्रोह का प्रारम्भ 29 मार्च 1857 को बंगाल के बैरकपुर सैन-ए छावनी में तैनात 19 वीं और 34 वीं नैटिव इंफेंटरी में जो सैनिक थे उन्होंने चर्बी लगे कारतूसों को प्रयोगों में लाने से मना कर दिया बॉथ की हत्या इन्हीं ... Read more
द्वितीय आंग्ल मराठा युध्द द्वितीय आंग्ल मराठा युध्द 1803 ई0 से 1806 ई0 तक चला आंग्ल माराठा युध्द का दूसरा दौर फ्रांसीसी भय से संलग्न था लार्ड वेलेजली का निर्णय लार्ड वेलेजली ने इससे बचने के लिए सभी भारतीय प्रांतों को अपने अधीन करने का निश्चय किया द्वितीय आंग्ल मराठा युध्द का कारण लार्ड वेलेजली ... Read more
British East India Company History Audio Notes in Hindi अंग्रेजों का भारत आगमन 1578ई. में सर फ्रांसिस ड्रेक नामक एक अंग्रेज नाविक ने जो कि समुद्र मार्ग से पृथ्वी की परिक्रमा करने निकला था उसने लिसबन जो कि पुर्तगाल की राजधानी थी वहाँ जने वाले एक पुर्तगाली जहाज को लूटा इस लूट से उसे कुछ ... Read more