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हफ्ते भर के समाचार का समावेश| संचालन: अतुल चौरसिया https://www.newslaundry.com/hindi Click here to support Newslaundry: http://bit.ly/paytokeepnewsfree
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इस हफ्ते कलकत्ता के आर.जी. कर अस्पताल में हुए बलात्कार मामले में अदालत के निर्णय, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ और उनके द्वारा लिए गए बड़े फैसलों समेत सैफ अली खान पर हमले के बाद शत्रु संपत्ति अधिनियम पर हो रही बहस को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा नागपुर के पास भंडारा ज़िले में आर्डिनेंस फैक्ट्री में धमाके से आठ लोगों की मौत, कोलकाता रेप मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा, दिल्ली दंगों के मामले में जेल में बंद उमर खालिद समेत आठ लोगों की रिहाई को लेकर हुई सुनवाई, महाराष्ट्र में ट्रेन हादसे में 13 लोगों की मौत और केरल की एक जिला अदालत द्वारा पतंजलि के संस्थापक रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक चर्चा का विषय रहीं. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार कल्लोल भट्टाचार्य और स्मिता शर्मा समेत वरिष्ठ अधिवक्ता सब्यसाची चटर्जी ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, ‘डोनाल्ड ट्रंप ने शपथग्रहण के तुरंत बाद कई फैसले लिए, अपनी इस दूसरी पारी में उन्होंने डब्ल्यूएचओ से समर्थन वापस लेना, अमेरिका में केवल दो जेंडर को मान्यता और चीन पर दस फीसद टैरिफ की बात की. ट्रंप उसी स्टाइल में काम कर रहे हैं, जिसके लिए वे जाने जाते हैं.”इस विषय पर अपने विचार रखते हुए स्मिता कहती हैं, “हमें पहले ट्रंप की राजनीति को समझना होगा इससे पहले कि हम भारत और दूसरे तमाम देशों पर होने वाले उनके फैसलों के असर को देखें. ट्रंप के बारे में एक बात कही जाती है कि वह जब आते हैं तो अनिश्चितता कहीं ज़्यादा होती है लेकिन यह निश्चित है कि अगर ट्रंप ने कुछ बातें कही हैं तो वह करेंगे और वह करते हुए भी नज़र आ रहे हैंसुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना07:52 - सुर्खियां15:36 - शत्रु संपत्ति और सैफ अली खान 20:50 - डोनाल्ड ट्रंप के अतरंगी फैसले 49:40 - सब्सक्राइबर्स के पत्र51:53 - आर.जी. कर अस्पताल रेप मामले में फैसला01:22:00 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएस्मिता शर्मा कल्लोल भट्टाचार्य की किताब - द ग्रेट गेम इन अफ़ग़ानिस्तानप्रो सी राजा मोहन का ट्रंप के फैसलों पर लेखआर.जी. कर अस्पताल रेप मामले पर यूट्यूब चैनल NTT की रिपोर्टकल्लोल भट्टाचार्य अमेरिकी समाचार पत्र पढ़ने की आदत डालिएसब्यासाची चटर्जी आर.जी. कर अस्पताल रेप मामले पर अदालत का फैसलाशार्दूल कात्यायन वेब सीरीज़ द पेंग्विन अतुल चौरसिया वेब सीरीज़ -पाताल लोक ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: आशीष आनंद . Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम पर औपचारिक सहमति बनने, भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी और उनकी कंपनी समेत दुनियाभर के कई समूहों पर खुलासे करने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च संस्था बंद किए जाने की घोषणा और भाजपा द्वारा कांग्रेस और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर अपरिपक्व होने के आरोप को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा मणिपुर के एक गांव में वर्ष 2025 का पहला हमला, अमेरिकी उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो ने तीन भारतीय परमाणु संस्थाओं को अपनी प्रतिबंध सूची से हटाया, छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कोंटा शहर से विधायक रहे कवासी लखमा दो हज़ार एक सौ इकसठ करोड़ रुपये के शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक चर्चा का विषय रहीं .इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार निरुपमा सुब्रमण्यम, टीके राजलक्ष्मी और हृदयेश जोशी ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “आज जब इज़राइल और हमास के बीच शांति समझौता हुआ है, किस तरह की उम्मीदें हैं, क्या यह अस्थायी है या लंबे समय तक कायम रहने वाला है?” इसके जवाब में निरुपमा कहती हैं, “यह शांति समझौता 2023 में ही हो जाना चाहिए था, इसमें इतनी देर इन्होने लगाई है, पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में दम नहीं था कि वह इजराइल को बोलता कि इसे बंद करो. पहले बॉम्बिंग का सिलसिला जो शुरू हुआ वह आत्म सुरक्षा के नाम पर था लेकिन उसके बाद यह आत्म सुरक्षा से बहुत आगे चला गया, जिसमें 50 हज़ार से ज़्यादा लोग मर गए.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना16:50 - सुर्खियां25:40 - इज़राइल-हमास संघर्ष विराम 40:20 - भारतीय परमाणु संस्थाओं से अमेरिका ने प्रतिबंध हटाए 01:01:10 - हिंडनबर्ग रिसर्च संस्था 01:13:33- राहुल गांधी पर भाजपा का आरोप01:32:40- सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएनिरुपमा सुब्रमण्यम वेब सीरीज़ -माइग्रेट टीके राजलक्ष्मीफिल्म : द ज़ोन ऑफ़ इंटरेस्ट शार्दूल कात्यायन द हिन्दू में लेख - रेज़िस्टिंग ट्रांसपेरेंसी, एरोडिंग पब्लिक ट्रस्ट न्यूज़लॉन्ड्री परआनंद वर्धन का लेख मिनी सीरीज - डून प्रोफेसी विकास जांगड़ा न्यूज़लॉन्ड्री पर संदीप दीक्षित का इंटरव्यूअतुल चौरसिया नेतन एंडरसन का लेटर ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: आशीष आनंद Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते मतदाता सूची से नाम हटाए जाने को लेकर न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्टर सुमेधा मित्तल की पड़ताल और दिल्ली में चुनावों के मद्देनज़र आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच शुरू हुई ज़ुबानी जंग को लेकर विस्तृत बातचीत हुईइसके अलावा तिरुपति में स्वामी वेंकेटेश्वर महाराज मंदिर में कार्यक्रम के लिए टिकट खरीदने की भगदड़ में छः दर्शनार्थियों की मौत, छत्तीसगढ़ में 32 वर्षीय मुकेश चंद्राकर की हत्या, चुनाव आयोग ने दिल्ली चुनावों की घोषणा की 5 फ़रवरी को होगा मतदान, भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी द्वारा कालका जी की सड़कों की बात करते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पर अभद्र टिप्पणी आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक चर्चा का विषय रहीं. हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रधान संपादक रमन किरपाल, सह संपादक शार्दूल कात्यायन और रिपोर्टर सुमेधा मित्तल शामिल हुईं. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना16:50 - सुर्खियां25:40 - मुकेश चंद्राकर की हत्या 44:30 - दिल्ली में चुनावी जंग 01:15:33- सुमेधा मित्तल की रिपोर्ट्स 01:38:40- सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएस्मिता शर्मासुमेधा मित्तल की रिपोर्टिंग सीरीज- ब्रोकन बैलटकनाडा का पूर्व हाईकमिश्नर विकास स्वरुप के साथ बातचीतशार्दूल कात्यायनमुकेश चंद्राकर पर प्रतीक गोयल की रिपोर्टवसीम बरेलवी की किताब - मौसम अंदर बाहर केफिल्म- लम्हेरमन किरपालमुकेश चंद्राकर पर प्रतीक गोयल की रिपोर्टसुमेधा मित्तल की रिपोर्टिंग सीरीज- ब्रोकन बैलटन्यूज़लॉन्ड्री कीवायु प्रदूषण कैंपेनसुमेधा मित्तल कारवां पर सागर का लेखन्यूज़लॉन्ड्री कोसब्सक्राइब करे अतुल चौरसिया डॉक्यूमेंट्री - शुगरकेन ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: आशीष आनंद Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते फिल्मकार अनुराग कश्यप द्वारा अपनी फिल्म केनेडी के भारत में रिलीज़ न होने को लेकर दिए बयान, भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड के पुराने संयत्र से लगभग 337 टन ज़हरीले कचरे के निपटारे संबंधी आदेशों और मॉब लिचिंग एवं नफरती राजनैतिक भाषणों पर चर्चा हुई. इसके अलावा इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत सरकार द्वारा सुशासन सूचकांक 2023 को नहीं जारी करने का फैसल आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक चर्चा का विषय रहीं. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार अजय ब्रह्मात्ज और हृदयेश जोशी ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “सेंसर बोर्ड जिसका काम सर्टिफिकेट देना है, अब वह सेंसरशिप करने लगा है. अनुराग कश्यप के साथ जो हो रहा है, क्या यह इसी का विस्तार है या यह मुद्दा कुछ और है?”इस मुद्दे पर अजय कहते हैं, “केनेडी, अनुराग की एक अच्छी फिल्म है. लेकिन इस फिल्म के कॉपीराइट्स जिसने खरीद लिए हैं, उसे लग रहा है कि यह फिल्म बाजार में जाने लायक नहीं है. चूंकि दर्शक मिलने का पैमाना आजकल पुष्पा-2 जैसी फिल्मों ने तय किया है. इससे स्वतंत्र सिनेमा को नुकसान हुआ है.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और 5:30 - सुर्खियां17:10 - अनुराग कश्यप की फिल्म केनेडी पर चर्चा50:30 - सब्सक्राइबर्स के पत्र01:10:33- भोपाल गैस त्रासदी के ज़हरीले कचरे का निपटान01:39:40- सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएअजय ब्रह्मात्ज फिल्म - फूल का छंद यूनुस खान की किताब - उम्मीदों के गीतकार शैलेन्द्र हृदयेश जोशी मनीषा पांडे द्वारा न्यूज़लॉन्ड्री परराजदीप सरदेसाई का इंटरव्यू संदीप भूषण की किताब - द इंडियन न्यूज़रूम शार्दूल कात्यायन फिल्म - नोस्फेरातू द अटलांटिक पर अपूर्वा मंडावेली का लेख ऑस्कर वाइल्ड की किताब - ओनली डल पीपल आर ब्रिलियंट एट ब्रेकफास्ट जामिया नगर की एक दुकान मगधी बड्स विकास जांगड़ा फिल्म - गर्ल्स विल बी गर्ल्स अतुल चौरसिया टीवी सीरीज़ -चर्नोबिल ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: आशीष आनंद Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी के साप्ताहिक पॉडकास्ट एनएल चर्चा का ये साल का आखिरी एपिसोड है. इसे और खास बनाने के लिए इस बार हमारे प्रिय श्रोता भी जुड़े. चर्चा में शामिल मेहमानों ने मुद्दों पर तो बात की ही साथ ही श्रोताओं के सवालों और पत्रों का भी जवाब दिया. इस हफ्ते चर्चा में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन और सालभर की महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाओं पर बातचीत हुई. इसके अलावा पाकिस्तान का अफ़ग़ानिस्तान पर हवाई हमला, लॉटरी किंग मार्टिन की ईडी द्वारा ज़ब्त डिवाइसेज़ का डाटा कॉपी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की रोक, खजुराहों में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा तीन नदियों को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट का शिलान्यास, मनु भाकर का नाम राष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची में शामिल नहीं होने, दिल्ली पुलिस का दावा- अवैध रूप से दिल्ली में रहने वाले बांग्लादेशियों की हुई पहचान और दिल्ली सरकार द्वारा स्कूलों में पढ़ने वाले अवैध बांग्लादेशियों के बच्चों की पहचान कर सूची तैयारी करने के निर्देश जैसी ख़बरें भी चर्चा का विषय रहींइस बार चर्चा में आपके प्रिय और शो के नियमित होस्ट अतुल चौरसिया के अलावा बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा और हृदयेश जोशी शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से शार्दूल कात्यायन ने भाग लिया. चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “मनमोहन सिंह को याद करने की बहुत सारी वजहें हैं. हिन्दुस्तान की राजनीति और समाज का महत्वपूर्ण एक पड़ाव 90 का दशक है. एक तरफ मंडल था, मंदिर था और दूसरी तरफ मार्किट. मार्केिट के अगुआ मनमोहन सिंह थे. दूसरा दौर, जब वे दस साल तक प्रधानमंत्री के रूप में काबिज रहे. जिसमें अलग- अलग लोग उन्हें अलग-अलग तरह से देख रहे हैं.”मनमोहन सिंह को लेकर हृदयेश जोशी कहते हैं, “भारत का जो आर्थिक परिदृश्य है उसमें उनकी छाप थी. 1991 आते-आते वे एक बहुत ही पके हुए प्रशासक बन चुके थे. भले उन्हें एक एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर कहा जाने लग लेकिन उन्हें बेहद क़रीब से कवर करने पर मैं कह सकता हूं कि वे एक मंझे हुए राजनेता भी थे.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और सुर्खियां16:40 - प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का सफर 1:08:00 - साल 2024 में हुए राजनीतिक बदलाव 01:22:04- सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएहृदयेश जोशी फिल्म - इनसाइड जॉब मनमोहन सिंह की बायोग्राफी - स्ट्रिक्टली पर्सनल स्मिता शर्मा श्याम बेनेगल पर लेख फिल्म - ब्रेड एंड रोज़ेज़ शार्दूल कात्यायन फिल्म- सूरज का सातवां घोडामानव कौल की किताब - प्रेम कबूतर फिल्म - द ग्रे अतुल चौरसिया श्याम बेनेगल की सीरीज - भारत एक खोज श्याम बेनेगल की सीरीज- संविधानट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: आशीष आनंद Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते संसद में हुए बवाल संसद परिसर में हुई सांसदों के बीच कथित धक्का-मुक्की के अलावा भारतीय संविधान की 75 वर्षों की यात्रा पर चर्चा समेत डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर अमित शाह के दिए बयान के बाद उठे बवाल पर विस्तार से बात हुई.इसके अलावा संसद में एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक प्रस्तुत करने के दौरान व्हिप जारी होने का बावजूद अनुपस्थित रहे बीजेपी के 20 सांसद, उमर खालिद को एक शादी में शामिल होने के लिए सात दिन की ज़मानत, यूपी सरकार की मीडिया संस्थानों को कुंभ को लेकर 70 विषयों पर सकारात्मक कवरेज करने की अपील, और फिर से खराब श्रेणी में पहुंची दिल्ली-एनसीआर की हवा आदि ख़बरें चर्चा का विषय बनी रहीं. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार रूही तिवारी और हृदयेश जोशी ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रधान संपादक रमन किरपाल और स्तंभकार आनंद वर्धन शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.सुनिए Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते सीरिया में विद्रोह के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद के देश छोड़कर भागने के बाद उपजे हालातों, इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के विवादित भाषण, इंडिया ब्लॉक की पार्टियों के बीच नेतृत्व को लेकर उठी चर्चा और बेंगलुरू के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के खुदकुशी करने के बाद दहेज क़ानून के दुरुपयोग को लेकर उठे सवालों पर विस्तार से बात हुई.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह-संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.सुनिए Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते स्वर्ण मंदिर के बाहर पंजाब के शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले और कॉप29 संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन 2024 को लेकर विस्तार से बात हुई.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान आईजीएसटी की डायरेक्टर ज़रीन ओशो, वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी और शिव इन्दर सिंह ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह-संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंद वर्धन चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.सुनिए... Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते संभल में हुई हिंसा और शाही जामा मस्जिद विवाद को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा नतीजों और संविधान की प्रस्तावना में शामिल समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी बात हुई. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान सुप्रीम कोर्ट के वकील संतोष पॉल और वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह-संपादक शार्दूल कात्यायन और अवधेश कुमार चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते गौतम अडाणी के खिलाफ अमेरिकी अदालत में चलाए गए अभियोग और उत्तर प्रदेश उपचुनाव विवाद को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार रवि नायर और हृदयेश जोशी ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और आनंदवर्धन चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते महाराष्ट्र में चल रहे चुनावों के बीच एनसीपी के नेता अजित पवार के बयान के बाद उठे विवाद को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. अजित पवार ने दावा किया कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जो बैठक हुई उसमें गौतम अडाणी मौजूद थे. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर के जरिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को लेकर भी बातचीत हुई.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर और सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय हेगड़े ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते अमेरिकी चुनाव के नतीजों और डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी के निहितार्थों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा नागरिकों की निजी संपत्ति को लेकर दिए गए फैसले और उत्तर प्रदेश सरकार की बुलडोज़र नीति पर कोर्ट के आदेश पर भी बात की गई. Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अमित दुबे और वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार कुसुम अरोड़ा ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रमुख संपादक राम किरपाल और विकास जांगड़ा चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते बढ़ता वायु प्रदूषण और भारत-चीन सीमा विवाद समझौते को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा वायु प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली और हरियाणा सरकार को फटकार, ब्रिक्स के पार्टनर देशों में पाकिस्तान को जगह नहीं, जस्टिस संजीव खन्ना देश के नए चीफ जस्टिस होंगे, ओडिशा में दाना चक्रवात और भारत-कनाडा विवाद आदि विषय भी हफ्तेभर चर्चा का विषय रहे. चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, पर्यावरण विश्लेषक और एन्वायरो कैटलिस्ट के संस्थापक सुनील दहिया और इंडियन एक्सप्रेस की संपादक निरुपमा सुब्रमण्यम शामिल हुईं. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सहायक संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया. Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा और भारत एवं कनाडा के बीच संबंधो में आए तनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के जन्मदिन, उद्योगपति रतन टाटा के निधन, हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ-साथ हरियाणा विधानसभा चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते पश्चिम एशिया में जारी हिंसा और कई केंद्र शासित प्रदेशों की प्रदूषण कंट्रोल कमेटी में पिछले 10 सालों से खाली पदों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.इसके अलावा असम के कामरूप जिले में प्रशासन द्वारा 250 से अधिक मकान ध्वस्त, बीते 25 सितंबर को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण संपन्न, पश्चिम एशिया में जारी तनाव जिसमें करीब 558 लोगों की मौत और 1800 से ज्यादा लोग घायल और फिलिस्तीन के रमाला में इजरायली सैनिक की अल जजीरा ब्यूरो में घुसपैठ कर उसे बंद करने की धमकी देने जैसी खबरें प्रमुख रहीं.इसके अलावा उत्तर प्रदेश में खाने-पीने की जगहों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश, क्लाइमेट क्राइसिस एडवाइजरी ग्रुप द्वारा जारी एक रिपोर्ट में पर्यावरणीय बदलाव से निपटने के लिए भारत को बेहतर निगरानी और परीक्षण के तरीके अपनाने और संबंधित तंत्र में सुधार की जरूरत, बदलापुर घटना के आरोपी की पुलिस एनकाउंटर में मौत और श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन जैसी खबरों ने भी लोगों का ध्यान खींचा.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान विदेश मामलों के वरिष्ठ पत्रकार इफ़्तिख़ार गिलानी, स्वतंत्र पत्रकार स्मिता शर्मा, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से स्तंभकार आनंद वर्धन और वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी शामिल हुए. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए शार्दूल कहते हैं, “पश्चिम एशिया में पिछले एक सप्ताह से जारी हिंसा को रोकने के लिए शांति प्रस्ताव की पेशकश को इजरायल लगातार ठुकरा रहा है. इजराइल के इस रवैये के कारण आखिर यह संघर्ष किस दिशा में जाता दिखाई दे रहा है?”इस सवाल के जवाब में इफ़्तिख़ार कहते हैं, “अमेरिका, फ्रांस इत्यादि देशों ने 22 दिन के युद्ध विराम की अपील की थी लेकिन नेतन्याहू ने इस अपील को खारिज कर दिया. नेतन्याहू किसी भी हालत में अमेरिकी चुनाव से पहले जंग खत्म नहीं होने देना चाहते हैं, जिस दिन चुनाव खत्म होगा नेतन्याहू को अपना बोरिया बिस्तर समेटना होगा.”सुनिए पूरी चर्चा -टाइमकोड्स 00:36 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 04:30 - सुर्खियां20:37 - पश्चिम एशिया में जारी हिंसा 01:03:09 - केंद्र शासित प्रदेशों की पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी में खाली पद 59:37 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 01:18:01 - सलाह और सुझाव ट्रांसक्रिप्शन: संध्या वत्सप्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार/आशीष आनंदएडिटिंग: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाने की चर्चाओं, कर्नाटक में प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमले और आईएएस पूजा खेडकर पर लगे कदाचार के आरोपों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.इसके अलावा हफ्ते की प्रमुख सुर्खियों में उत्तर प्रदेश चुनावी हार को लेकर बीजेपी का मंथन, बांग्लादेश में चल रहे छात्र आंदोलन में 15 लोगों की मौत, हरिद्वार से दिल्ली के कांवड़ यात्रा रूट में दुकानदारों को अपने नाम की तख्ती लगाने के आदेश और एयर इंडिया की 600 पदों की नौकरियों के लिए लगभग 50 हजार युवाओं की भीड़ जुटने की ख़बरें शामिल रहीं. इस हफ्ते की चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, सबा नकवी, द न्यूज़ मिनट की एडिटोरियल हेड पूजा प्रसन्ना, प्रभात खबर के दिल्ली ब्यूरो प्रमुख प्रकाश के रे शामिल हुए. वहीं चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “यूपी में नेतृत्व बदलने को लेकर तमाम तरह की कहानियां सामने आ रही हैं. इस सम्बन्ध में भ्रष्टाचार के मामले, लॉ एंड ऑर्डर की समस्या, आरक्षण में धांधली जैसी बातें आ रही हैं. बीजेपी के एक एमएलए ने पिछले 42-45 सालों में सबसे अधिक भ्रष्टाचार होने जैसे बयान दिए तो वहीं एक अन्य एमएलए फतेह बहादुर सिंह अपनी जान की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल आरक्षण के लाभों के दुरूपयोग पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखती हैं. चुनाव में भी बीजेपी की हार हुई है. क्या इन सब घटनाओं देखते हुए योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता जैसे कभी राम बाबू गुप्ता और कल्याण सिंह को हटाया गया था?”इस सवाल के जवाब में सबा कहती हैं, “ अगर आरएसएस योगी को हटाता है तो इससे सामाजिक न्याय का सन्देश जाएगा. साथ ही ये भी लगेगा कि वो हिंदुत्व के मुद्दे से हट गई है. क्या इस चीज़ को आरएसएस मंजूर कर पाएगा?”हार के कारणों पर बोलते हुए सबा कहती हैं, “ये चुनाव नरेन्द्र मोदी के नाम पर लड़ा गया था. समाजवादी पार्टी ने जहां जमीनी स्तर पर चुनाव लड़ा तो वहीं बीजेपी ने शो ऑफ किया. बेरोजगारी, भूख, महंगाई जैसे मुद्दों पर कोई कदम नहीं उठाए.” सुनिए पूरी चर्चा -टाइमकोड्स 00:00 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 03:47 - सुर्खियां 18:32 - डोनाल्ड ट्रंप पर हमला 35:00 - सीएम योगी आदित्यनाथ का पद संकट में? 01:09:35 - कर्नाटक में प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा 01:31:52 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएहृदयेश जोशी प्रियदर्शन का निबंध संग्रह - जो हिंदुस्तान हम बना रहे हैंपूजा प्रसन्नात्रिपुर दमन सिंह की किताब- द सिक्सटीन स्टोर्मी डेज़अरविंद नारायण की किताब- इण्डियाज अनडिकलेयर्ड इमरजेंसी द न्यूज़ मिनट का कार्यक्रम- लेट मी एक्सप्लेन (प्रति शुक्रवार)प्रकाश के रेफिल्म: महाराजा टोनी जूट की किताब- यूरोप का इतिहास 1945 से अतुल चौरसिया फिल्म- ओपनहाइमर ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार एडिटिंग: उमराव सिंह, सैफ अली इकराम Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले में सीआरपीसी की धारा 125 के तहत मुस्लिम महिला को अपने पति से गुज़ारे भत्ते के लिए मिले कानूनी अधिकार पर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा मुंबई के हिट एंड रन केस और दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति लागू करने के प्रस्ताव पर भी बात हुई. हफ्ते की प्रमुख सुर्खियों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी मामले में अरविन्द केजरीवाल को अंतरिम जमानत, जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकी हमले में कई जवानों की शहादत, लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर डबलडेकर बस की टक्कर से 18 लोगों की मौत, यूपी के शामली में नए कानून के तहत पत्रकारों की गिरफ्तारी का पहला मामला, ब्रिटेन और फ्रांस में हुए आम चुनाव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा आदि शामिल रहीं.इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार स्मृति शर्मा, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता नबीला जमील और वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सूर्यवंशी शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से विकास जांगड़ा ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन अतुल चौरसिया ने कियाचर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “क्या सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं को गुज़ारे भत्ते के इस कानून को लाने में देरी कर दी या ये कोई गैरजरूरी हस्तक्षेप है, जैसी चीजें अब तक चल रही थी वैसी चलनी चाहिए थी?”इस सवाल के जवाब में नबीला कहती हैं, “सुप्रीम कोर्ट ने न देरी कि है,न कुछ नया किया है. रिपोर्टिंग में चीजें ऐसी दिखाई दे रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नया क्रिएट किया है. लेकिन ये चीजें पहले से रही हैं. उन्होंने साल 1920 के जस्टिस कृष्णा अय्यर के जजमेंट के विषय में बात करते हुए कहा कि इसी जजमेंट में यह कहा गया था कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत एक मुस्लिम महिला अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है.”सुनिए पूरी चर्चा - टाइमकोड्स 00:00 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 00:04 - सुर्खियां 13:40 - गुजारा भत्ते के अधिकार पर बातचीत 41:34 - दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति पढ़ाने का प्रस्ताव01:01:50 - हिट एंड रन मामला 01:17:25 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 01:24:25 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएनबीलाधारा 125 पर सुप्रीम कोर्ट का जजमेंटस्मिता शर्मास्मिता शर्मा का यू ट्यूब चैनलसुधीर सूर्यवंशी डी एन झा की किताब द मिथ ऑफ़ होली काउबी आर अम्बेडकर की किताब द अनटचेबल विकासनाटक धर्मक्षेत्र अतुल चौरसिया फिल्म - महाराज संतोष सिंह की किताब - द जननायक कर्पूरी ठाकुर: वॉइस ऑफ़ द वाइसलेस ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार एडिटिंग: उमराव सिंह, सैफ़ अली इकराम Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
इस हफ्ते हाथरस में हुए हादसे, नए आपराधिक कानूनों और संसद के सत्र को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा इस हफ्ते की प्रमुख ख़बरों में बिहार में दस निर्माणाधीन पुलों का गिरना, संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच ज़बरदस्त बहस, एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया द्वारा संसद में पत्रकारों की आवाजाही फिर से बहाल करने की मांग, हेमंत सोरेन ने फिर से ली झारखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और उत्तर पूर्व भारत में भारी बारिश और भूस्खलन का प्रकोप आदि शामिल रहीं.वहीं, पश्चिम बंगाल उत्तर दिनाजपुर ज़िले में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्त्ता ताजीमुल इस्लाम द्वारा एक प्रेमी जोड़े की पिटाई, ब्रिटेन में लेबर पार्टी की अभूतपूर्व जीत और भारत की 20-20 वर्ल्ड कप में जीत आदि सुर्खियों ने भी लोगों का ध्यान खींचा. इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, एडवोकेट मानसी वर्मा और सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से अनमोल प्रितम और शार्दूल कात्यायन ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “हाथरस का पूरा घटनाक्रम क्या था? बाबा कौन थे और उनकी उस इलाके में कैसी छवि है?”इन सवालों के जवाब में ग्राउंड पर मौजूद रिपोर्टर अनमोल बताते हैं, “हाथरस और आस-पास के जिलों में भोले बाबा बेहद लोकप्रिय हैं और उनके भक्त लाखों में हैं. हमें कुछ ऐसे लोग भी मिले जो कहीं जा रहे थे, रास्ते में उन्हें पता चला कि भोले बाबा का सत्संग है तो वह भी शामिल हो गए. इस कार्यक्रम में 80 हजार लोगों को शामिल होने की अनुमति थी लेकिन लगभग 2 लाख से ज्यादाा लोग शामिल हुए.”सुनिए पूरी चर्चा - टाइम कोड्स00:00 - 04:51 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 04:55 - 28:36 - सुर्खियां28:40 - 54:05 - हाथरस हादसा और अंधविश्वास54:06 - 1:26:00 - नए आपराधिक कानून 1:26:00 - 1:33:05 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 1:33:05 - 1:51:05 - मध्यप्रदेश में चुनावों के बाद फिर लौटा ‘बुलडोजर राज’1:51:05 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएमानसी वर्मा अरुंधति रॉय की किताब - द हैंगिंग ऑफ़ अफ़ज़ल गुरु अनस तनवीर श्रीलाल शुक्ल की किताब - राग दरबारी काशीनाथ सिंह की किताब - काशी का अस्सी शार्दूल कात्यायन कार्ल सेगन की किताब - डेमोन हॉन्टेड वर्ल्ड टीवी सीरीज - कॉसमॉस प्रशांत सागर की कविता - गुप्त प्रेम पत्र अतुल चौरसियामुश्ताक़ अहमद युसुफी की किताब -खोया पानी हृदयेश जोशी रस्किन बांड की रस्टी सीरीज अनमोल की हाथरस से रिपोर्ट ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार एडिटिंग: उमराव सिंह, सैफ अली इकराम Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.
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suspicious v collateral - forgivable misinterpretation that should have never been subject to assumption of what it meant
bollywood wale chicha afeem kha k ayen hain. Inhe lagta hai mehnat ka he paisa ata hai flims produce k liye, 90's k underworld connection toh holi milan mei bane the, chicha bade he bhole hain. BJP k voter aur audience mei koi Venn Diagram wala relation bhi nhi hai. Jo BJP ko vote karta hai vo films nhi dekhta. bhai kahan se laate ho chaubeeyy ji inhe? Kangna ne natak kiya aur baki social cause mei lage hai. you leftist scum are so hypocrite.
incredible how meghnad has come to own the word श्रोताओं 😂
Acha isme communal colour nhi tha but ko cattle smugglers the unke lynching mei communal colour a gaya, bahut acche aap news laundry k dhobi dhang se reporting bhi nhi kar sakte
इतनी दिलचस्प, अर्थपूर्ण और गहरी चर्चा ले लिए एक घण्टे की समयावधि कम है. यह तो एक स्पेशल एपिसोड था इसमें समयसीमा तोड़ी जा सकती थी. ढाई-तीन घण्टे के एपिसोड भी खूब सुना जाते हैं. अमित वर्मा का द सीन एंड अनसीन इसका विशेष उदाहरण है. जिसके लगभग सभी एपिसोड डेढ़ घण्टे से ज्यादा के होते हैं फिर भी पॉपुलैरिटी में नंबर वन है.
maza a gaya, chaurasiya ki phat k chaurah ho gyi..🤣🤣
chacha patrikarita toh apki bhi questionable hai
katai jahil interviewer hai bhai, jiske liye karwaya gaya tha vo sabse powerful admi hai wprld ka jo apne desh ki companies ko india mei invest karne k liye encourage karega
Ravish Kumar and Saurabh Diwedi
सर! इतने दिनों बाद चर्चा के नए एपिसोड पाकर बहुत खुशी हुई । मैं तो यह मान बैठा था कि शायद एन एल चर्चा अब बन्द हो चुका है । हिंदी न्यूज़ का इकलौता साप्ताहिक एनालिसिस-चर्चा पॉडकास्ट है यह । और विशिष्ट भी । इसे यूँ ही जारी रखने की अपील के साथ शुक्रिया ।
baat khatam karne do .. this is no different from tv debates.
useless panel, all retd jobkess uncles discussing their fantasies
boss Bernie Sanders is a nobody in American Politics
it was almost laughable when Md Saif saab said pehle clear nhi tha but abhi toh pata he hai k naukriyan ja the hai..media mei bhi. and they call themselves journos..🤣🤣
नया एपिसोड प्रदर्शित नहीं हो रहा सर ! कृपया अपलोड कर दें ।
अतुल जी आपसे राजेश योगी का परिचय कराने में चूक हो गई वे तो बीजेपी के बड़े प्रवक्ता मालूम होते हैं। चर्चा में शामिल किया गया साहित्य पर नया सेगमेंट खूब पसन्द आया।अनिल जी द्वारा चुनी गई कविता इस चर्चा में राजेश योगी की उपस्तिथि में और नुमायां हो जाती है। साधुवाद!