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Naami Giraami
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Naami Giraami

Author: Aaj Tak Radio

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Naami Giraami is a Hindi podcast by Aaj Tak Radio on biographies of influential and powerful people.

Audio packages on Stories and life journeys of famous personalities of India and around the world. Catch up with a new episode every Monday.

नायक और खलनायक. विद्वान और महारथी. कला के ऐसे सितारे जो अब भी आसमान में चमकते हैं. और ऐसी हस्तियां जो इतिहास में अमर हैं. उजले व्यक्तित्व के धनी भी. और स्याह पहलुओं वाले लोग भी. ये वो लोग हैं जो मशहूर हैं. ये हैं, नामी गिरामी. सुनिए, हर सोमवार आज तक रेडियो पर.
251 Episodes
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तिरुनेलै नारायण अइयर शेषन इन शॉर्ट टी एन शेषन, 12 दिसंबर, 1990 को भारत के 10वें चुनाव आयुक्त बने थे. इनके बाद 15 लोग और इस कुर्सी पर बैठ चुके हैं, लेकिन शेषन ने अपने कार्यकाल में जो किया उसकी वजह से चुनाव आयोग के इतिहास को बिफ़ोर शेषन और आफ़्टर शेषन के तौर पर याद किया जाता है, बतौर चुनाव आयुक्त शेषन ने क्या बदलाव किए, सुनिए 'नामी गिरामी' में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ. प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्सिंग- नितिन रावत
बस्टर कीटन का जन्म स्टेज पर हुआ, ये कहना ज़्यादा ग़लत नहीं होगा. जब वो तीन साल के थे तब से ही वो अपने मां-बाप के साथ स्टेज पर दिखने लगे थे. जब ठीक से बोलना चलना सीख लिया तो पिता के प्ले में किरदार भी निभाने लगे. चार्ली चैप्लिन के समकालिन बस्टर कीटन ने फ़िल्म बनाने का तरीका सिखाया, अपने स्टंट से सबको हंसाया लेकिन क्यों उन्हें आज चैप्लिन की तरह याद नहीं किया जाता, कैसे प्रोडक्शन हाउस ने उनके करियर को डूबो दिया, सुनिए 'नामी गिरामी' में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ. प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
चमकीला जब स्टेज पर चढ़ता तब उसके रुआब को देखकर लोगों ने उसे पंजाब का एल्विस प्रेस्ली कहना शुरू कर दिया था. स्टेज पर जितना उसका अंदाज़ हिट था, मार्केट में उसके कैसेट सुपरहिट थे. एक तरफ उसके ऊपर अश्लील गीत लिखने और गाने के आरोप लगते थे, दूसरी ओर उसके रिकॉर्डिंग्स हाथों-हाथ बिक जाते थे, अमरजीत सिंह चमकीला की पूरी कहानी, सुनिए 'नामी गिरामी' में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से. प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- नितिन रावत
जिस फ़ोर्ड कार कंपनी को हम आज जानते हैं, उसे बनाने से पहले हेनरी फ़ोर्ड ने तीन कार कंपनियां बनाईं. फोर्ड अमेरिका के हीरो थे. युद्ध विरोधी होने के बावजूद पहले और दूसरे विश्वयुद्ध में उन्होंने सेना की मदद में अपनी फ़ैक्ट्रियां खोल दीं. फोर्ड की तारीफ उस जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर तक ने की जो अमेरिका को दुश्मन मानता था और फ़ोर्ड ख़ुद महात्मा गांधी का फैन था, कार बनाने की दुनिया में क्रांति लाने वाले हेनरी फ़ोर्ड की ज़िंदगी से जुड़ी कहानियों और विरोधाभाषों को सुनिए 'नामी गिरामी' में नितिन ठाकुर के साथ प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
मुख़्तार अंसारी की कहानी कभी भी मुख़्तार अंसारी से नहीं शुरू की जा सकती, इसे संपूर्णता में समझने के लिए भारत की आज़ादी से पहले तक जाना होगा. अंसारी परिवार को ग़ाज़ीपुर का 'प्रथम राजनीतिक परिवार भी कहा जाता है. परिवार का रसूख़ पूरे गाज़ीपुर में था, मुख़्तार अंसारी ने इसकी चौहदी को और बढ़ाया, मुख़्तार अंसारी और उनके परिवार का राजनीतिक प्रभाव ग़ाज़ीपुर से लेकर मऊ, जौनपुर, बलिया और बनारस तक गया. कैसे हुआ मुख़्तार अंसारी का उदय और अंत सुनिए नामी गिरामी में पूरा किस्सा जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्सिंग- नितिन रावत
1971 भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. पूर्वी पाकिस्तान आज़ाद हो गया और बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना. लेकिन इस युद्ध के दौरान पाकिस्तान आर्मी चीफ़ और राष्ट्रपति याहया खान पार्टी कर रहे थे. अपनी रंगीन-मिज़ाजी के लिए मशहूर याहया खान किन परिस्थितियों में वो पाकिस्तान के सत्ता के शीर्ष तक पहुंचे? बांग्‍लादेश में कत्‍लेआम करवाने वाले इस तानाशाह के ज़िंदगी से जुड़े सभी पहलुओं को जानने के लिए, सुनिए 'नामी गिरामी' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी को. प्रड्यूसर- अतुल तिवारी साउंड मिक्सिंग- नितिन रावत
फिरोज़ गांधी जो कमला नेहरु के कहने पर कॉलेज की पढ़ाई छोड़ स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े और बाद में उनके दामाद भी बने और जब वो सासंद गए तो अपने ससुर और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से तीखे सवाल पूछें और जब कांग्रेस ने केरल की राज्य सरकार को गिराया तो अपनी पत्नी इंदिरा को भी फ़ासिस्ट कहने से नहीं चूके, ‘नामी गिरामी’ में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से सुनिए उस गांधी की कहानी जिसे इतिहास और राजनीति में भुला दिया गया. प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्सिंग- नितिन रावत
बिशन सिंह बेदी जब भी खेल के मैदान पर होते थे, तब उनकी पहचान क्रिकेट के एक आदर्श छात्र के तौर पर होती थी, खेल के प्रति उनकी श्रद्धा अटूट थी लेकिन वो अपने हक़ के लिए लड़ना जानते थे. जैसे लोग अमिताभ बच्चन फ़िल्मों के एंग्री यंग मैन के तौर पर जानते थे, वैसे ही बेदी भी क्रिकेट के एंग्री यंग मैन थे. सरदार ऑफ़ स्पिन की ज़िंदगी से जुड़ी सभी रंगों के जानने के लिए, सुनिए 'नामी गिरामी' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी को. प्रड्यूस- कुंदन साउंड मिक्स- नितिन रावत
मशहूर एक्टर राजकपूर एक बार काम के सिलसले में कहीं जा रहे थे, फ्लाइट के भीतर सीट पर बैठे-बैठे, टैक ऑफ़ होने के इंतज़ार में थे, तभी उन्हें अपनी सीट के पास से एक इंसान को गुज़रता देखा, राज कपूर साहब उसे जानते थे, उन्होंने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा, पंकज तुम अमर हो गए.. जी हां वो इंसान गायक पंकज उधास थे, गर्वित श्रीवास्तव से 'नामी गिरामी' में सुनिए उधास ज़िंदगी के ख़ास लम्हों की कहानी. प्रोड्यूस- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
अमीन सायानी की आवाज़ को अपनी पहचान कैसे मिली, कैसे उन्होंने दशकों तक सुनने वालों के दिलों पर राज किया और ख़ुद रेडियो की पहचान बन गए, अमीन सायानी ने अपने पूरी जीवन में तकरीबन 54 हज़ार रेडियो प्रोग्राम्स को अपनी आवाज़ दी लगभग 19 हज़ार जिंगल्स भी उनके हिस्से आए. यहां तक कि बतौर रेडियो प्रेजेंटर वो कुछ फ़िल्मों में भी दिखे लेकिन कैसे सरकार के एक फ़ैसले ने उनकी ज़िंदगी बदल कर रख दी, सुनिए 'नामी गिरामी' में अमीन सायानी की ज़िंदगी की कहानी. प्रड्यूस- कुंदन साउंड मिक्स- नितिन रावत
कब्रों पर घास बहुत आम बात होती है.  लेकिन जब आम आदमी की हो.  ऐसे आदमी की कब्र की अनदेखी आप बर्दाश्त करेंगे जो स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा था? आज कहानी सुनिए हकीम अज़मल खान की जिनकी कब्र पर घास है लेकिन उनकी उपलब्धियों पर कोई टीका तक नहीं कर सकता 'नामी गिरामी' के इस एपिसोड में. प्रोड्यूसर: रोहित अनिल त्रिपाठी साउंड मिक्स: सचिन द्विवेदी
ख़्वाजा अहमद अब्बास के बारे में अगर ये कहा जाए कि उन्होंने अपने पेशे से एक सेकेंडे के लिए भी बेइमानी नहीं की तो इसमें कुछ भी ग़लत नहीं होगा. उन्होंने जैसे लोग देखे वैसी कहानियां लिखी, जैसी कहानियां लिखी वैसी फ़िल्में बनाईं और बतौर मूवी क्रिटिक जैसी फ़िल्में देखी बिना किसी के प्रभाव में आए उसकी वैसी आलोचना लिखी, सुनिए 'नामी गिरामी' के इस एपिसोड में कहानी ख़्वाजा अहमद अब्बास के जीवन की. प्रड्यूस- कुंदन साउंड मिक्स- नितिन रावत
हिन्दी फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री हुई हैं नरगिस. कई इंटरव्यूज में उन्होंने एक वाकये का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे और ऐक्टर संजय दत्त उस वक्त हिमाचल प्रदेश के कसौली में लौरेंस स्कूल में पढ़ते थे. सुनील दत्त की अपनी व्यस्तता थी इसलिए उन्होंने अकेले जाने का निर्णय लिया. उस वक्त के एक मशहूर लेखक और पत्रकार वहीं रहते थे. नरगिस ने उनसे कहा कि क्या वो एक दिन के लिए उनके घर में रह सकती हैं. उस हाज़िरजवाब शख्स ने जवाब दिया कि ऐसा सिर्फ़ एक शर्त पर हो सकता है. और वो तब होगा जब आप मुझे सबसे ये कहने का अधिकार देंगी कि आप मेरे बिस्तर पर सोई हैं. उनका ये जवाब सुन कर नरगिस ज़ोर से हंसी और कहा कि मुझे तुम्हारी ये शर्त मंजूर है. मदर इंडिया,बरसात, आवारा और आग जैसी फिल्मों की अभिनेत्री को इस तरह का प्रस्ताव देने वाले शख्स का नाम था खुशवंत सिंह. पेशे से पत्रकार और लेखक खुशवंत सिंह. नामी गिरामी के इस एपिसोड में सुनिए कहानी खुशवंत सिंह की. साउंड मिक्स - नितिन रावत प्रोड्यूसर - रोहित अनिल त्रिपाठी
विज्ञान पढ़ने वाला एक इंजीनियर लड़का कैसे बना राम मंदिर आंदोलन का मुख्य चेहरा, आरएसएस से विश्व हिन्दू परिषद तक का सफर तय करने वाले अशोक सिंघल का राम मंदिर बनवाने में क्या योगदान था, बाबरी विध्वंस के कितने जिम्मेदार थे सिंघल और अपने अंतिम दो दशकों में उनकी भारतीय जनता पार्टी से क्यों नहीं बन पाई? सुनिए ‘नामी गिरामी’ के इस एपिसोड में. साउंड मिक्स – सचिन द्विवेदी प्रोड्यूसर – रोहित अनिल त्रिपाठी
1968 की जुलाई में एक लड़का रामपुर-सहसवान गायकी घराने में जन्मा था. ये गायकी ग्वालियर घराने के काफी क़रीब मानी जाती है. चाचा दादा और यहां तक उसके नाना भी शास्त्रीय संगीत के उस्ताद लोग थे. लेकिन उस लड़के को गायकी पसन्द नहीं थी. रियाज़ उसे चिढ़ाता था. सात साल की उम्र में उसने अपनी मां को खो दिया. इस घटना ने उसके जीवन को ऐसा बदला कि संगीत के प्रति उस बच्चे की चिढ़ ना जाने कहां चली गई. चाचा के साथ मुम्बई आ गया. संगीत की ट्रेनिंग शुरू हुई. दिन भर में घण्टों रियाज़ और साथ में स्कूल की पढ़ाई. मुश्किल था लेकिन उसने इसे आसान किया और फिर 11 साल की उम्र में उसने अपने जीवन की पहली परफॉर्मेंस दी. दिल्ली आईटीसी में हुए इस प्रोग्राम में बड़े बड़े उस्तादों ने इस लड़के की परफॉर्मेंस पर खड़े हो कर ताली बजाई थी. दीगर बात है कि वो लड़का आगे चलकर राशिद खान कहलाया. संगीत की दुनिया उसे उस्ताद राशिद खान कहती है. सुनिए उस्ताद राशिद खान की पूरी कहानी 'नामी गिरामी' के इस एपिसोड में. प्रोड्यूसर - रोहित अनिल त्रिपाठी साउंड मिक्स - नितिन रावत
एक शायर था. दुनिया उसे मां पर कहे शेरों से जानती थी. मुहाजिर उसके मुहाजिरनामा के शेर पढ़ कर खुश होते थे.  सरकारें उसे इनाम देती थीं. विवाद से उसका नाता भी था.  लेकिन आज के 8 बरस पहले उसने तय किया कि वो कोई सरकारी सम्मान या पुरस्कार नहीं लेगा.और ताज़िन्दगी उसने इसे फॉलो भी किया क्योंकि उसे लगता था कि हुकूमत और ये समाज कमज़ोरों के साथ ज्यादती कर रहे हैं. उर्दू का ये शायर हिंदी के काशीनाथ सिंह के साथ कंधा मिला कर खड़ा था और बगावत की लौ को तेज़ कर रहा था.दुनिया उसे मुनव्वर राना के नाम से जानती है. सुनिए मुनव्वर राणा की जिंदगी के सुने-अनसुने किस्से 'नामी गिरामी' के इस एपिसोड में. प्रोड्यूसर - रोहित अनिल त्रिपाठी  साउंड मिक्स - सचिन द्विवेदी
4 नवंबर 1889. सीकर के एक गांव काशी का बास में एक लड़का जन्मा था. बहुत ग़रीब परिवार था.लेकिन वो लड़का ग़रीबी में ही मर जाने को ही नहीं पैदा हुआ था.किस्मत उसके साथ थी. उसे एक बड़े कारोबारी सेठ बच्छराज ने गोद ले लिया. 1906 में उसने कारोबार सम्हाला. और तरक्की की वो सीढियां चढ़ीं कि आज उसकी कम्पनी ग़रीबों की मदद करने के बाद भी कॉरपोरेट दुनिया की उस ऊंचाई पर है जहां पर कोई भी कम्पनी पहुंचना चाहती होगी. या कई तो सोच भी नहीं सकतीं. इस लड़के का नाम था जमनालाल. जो बाद में कहलाया जमनालाल बजाज. उद्योगपति जमनालाल बजाज जिसे महात्मा गांधी अपना पांचवा बेटा मानते थे. जिसे नेहरू भारत की आर्थिक आज़ादी का नायक कहते थे. सुनिए उनकी पूरी कहानी 'नामी गिरामी' में. प्रोड्यूसर - रोहित अनिल त्रिपाठी साउंड मिक्स - सचिन द्विवेदी
हरिशंकर परसाई का एक लेख है. लेख क्या है तस्वीर है. एक लेखक के फ़टे जूतों के बारे में. लिखते हैं कि उसने कुरीतियों को इतनी बार जूते मारे की वो फट गए. उसने बेईमानी नहीं की इसलिए नए जूते भी नहीं ख़रीद सका. इस लेखक का नाम है: प्रेमचंद, नमक का दारोगा से लेकर निर्मला और गोदान जैसी उपन्यासों के लेखक मुंशी प्रेमचंद. सुनिए उनकी कहानी इस एपिसोड में. प्रोड्यूसर – रोहित अनिल त्रिपाठी साउंड मिक्स – सचिन द्विवेदी
मशहूर लेखिका और शायर अमृता प्रीतम की एक किताब छपनी थी. उन्होंने एक आर्टिस्ट जिसका नाम सेठी था, अपनी किताब 'आख़िरी ख़त' का कवर डिज़ाइन करने को कहा. सेठी ने कहा कि वो एक ऐसे बंदे को जानते हैं जो ये काम उनसे बेहतर कर सकता है. अमृता ने कहा ठीक है उसे बुलाओ.सेठी के कहने पर अमृता ने उस शख्स को बुलवाया. शुरुआत में उस आर्टिस्ट ने साफ मना कर दिया. लेकिन अमृता ने रिक्वेस्ट कर उन्हें मनाया और फिर किताब आख़िरी ख़त का कवर तैयार हुआ.लेखन और चित्रकारी की इस जुगलबंदी ने उस किताब को मक़बूल किया. अमृता का वो डिजाइन तो पसन्द आया ही था लेकिन इसके साथ वो चित्रकार भी पसन्द आ चुका था. आगे चल कर इस चित्रकार के साथ अमृता ने और कई बेहतरीन काम किये. और इनके प्रेम के किस्से खूब सुने सुनाए गए. इस आर्टिस्ट का नाम था इमरोज़. सुनिए इमरोज़ की पूरी कहानी इस एपिसोड में. साउंड मिक्स- नितिन रावत
एक नेता था, जो सियासी हलकों में बहुत योग्य कहा जाता था. जिसके पास प्रधानमंत्री बनने के भी बहुत मौके आए, पर किस्मत ने उसका साथ कभी नहीं दिया. मंत्रालयों से काम चलाता रहा. लेकिन एक दिन देश का राष्ट्रपति बना. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो उनकी पार्टी के नहीं थे फिर भी उनके प्रति सम्मान ज़ाहिर करते रहे. इस नेता का नाम है प्रणब मुखर्जी. देश के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न प्रणब मुखर्जी. सुनिए प्रणब मुखर्जी के जीवन के सुने- अनसुने किस्से ‘नामी गिरामी’ के इस एपिसोड में. प्रोड्यूसर – रोहित अनिल त्रिपाठी साउंड मिक्स – सचिन द्विवेदी
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