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Padhaku Nitin
Author: Aaj Tak Radio
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Description
Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein.
कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है?
भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.
कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है?
भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.
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आज का एपिसोड खास है, क्योंकि हमारे मेहमान शेर सिंह राणा हैं. कोर्ट ने उन्हें फुलन देवी की हत्या का दोषी पाया, उन्होंने तिहाड़ जेल में 13 साल बिताए और जेल तोड़कर भागने वाले दूसरे व्यक्ति बने. अफगानिस्तान जाकर पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाने, अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने और ‘जेल डायरी: तिहाड़ से काबुल कंधार तक’ नामक किताब लिखने जैसे कारनामे उनके नाम हैं. शेर सिंह राणा को कुछ लोग नायक मानते हैं, तो कुछ खलनायक. आज, हम उनसे उनके जीवन के अनछुए पहलुओं, जेल के अनुभवों, अफजल गुरु से हुई बातचीत, और विवादों पर उनके हिस्से का सच जानेंगे. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
पढ़ाकू नितिन' के इस एपिसोड में चर्चा है इक़बाल चंद मल्होत्रा की किताब The Nuke, The Jihad, The Hawalas and Crystal Meth पर. जानिए, कैसे पाकिस्तान अफ़गानिस्तान के ड्रग्स कारोबार को नियंत्रित कर रहा था, दाऊद इब्राहिम का ISI से कनेक्शन, क्रिस्टल मेथ का रॉ मटीरियल अफ़गानिस्तान में कैसे मिला, और चीन भारत से किस बात का बदला लेने की कोशिश कर रहा है. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
हमारे पढ़ाकू नितिन का स्टूडियो छोड़कर बाहर शूट करने का मौका कम ही आता है, लेकिन आज का दिन खास है, और मेहमान उससे भी खास. हमारे साथ हैं इकबाल चंद मल्होत्रा, जो पहले भी दो बार हमारे शो में आ चुके हैं और जिनकी किताबें हमेशा हमारी रुचि का केंद्र रही हैं. उनकी नई किताब, .The Nukes, the Jihad, the Hawalas, and Crystal Meth: A Tale of Treachery., जल्द ही रिलीज़ होने वाली है. इस किताब में पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, तालिबान, अमेरिका, रूस, ड्रग्स कार्टेल और परमाणु बम जैसे गहन मुद्दों का विवरण है. पिछले एपिसोड में हम पाकिस्तान के परमाणु बम पर रुके थे. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
हम अक्सर फिल्मों और किताबों में पढ़ते हैं कि किसी ने सात समुंदर पार किया या पहाड़ लांघा, पर असल में इन चुनौतियों का एहसास तभी होता है जब हम खुद उनका सामना करें. मध्य प्रदेश के सीहोर की मेघा परमार ने इसको सच कर दिखाया है—वह राज्य की पहली महिला हैं जिन्होंने 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की. गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाली मेघा MP की कई योजनाओं की ब्रांड एंबेसडर भी रही हैं. आज हमारे साथ हैं और हम जानेंगे कि ऑक्सीजन खत्म होने पर उन्होंने एवरेस्ट पर अपनी जान कैसे बचाई और क्यों वह बार-बार अपनी जान जोखिम में डालती हैं, सुनिए ‘पढ़ाकू नितिन’ में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
हाल के दिनों में हमने पढ़ाकू नितिन में इज़राइल-हमास युद्ध पर चर्चा की, जिसे आप सभी ने सराहा और अपनी कुछ नाराज़गी भी जाहिर की. आज एक बार फिर इसी मुद्दे पर बात कर रहे हैं. युद्ध की समाप्ति के कोई साफ संकेत नहीं हैं; अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति की बात हो रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. हमारे साथ हैं इंडिया टुडे टीवी के वार कॉरेस्पोंडेंट गौरव सावंत, जो हाल ही में इज़राइल से लौटे हैं. गौरव हाइफ़ा, तेल अवीव, और लेबनान की सीमा तक गए, वहाँ 15 दिन बिताए और ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्टिंग की. 7 अक्टूबर के हमले के अगले ही दिन, वे भारत के पहले पत्रकार थे जो वहाँ पहुंचे. आइए, उनसे जानें कि क्या वजह है जो इज़राइल अब तक युद्ध जारी रखे हुए है, और उन्होंने कैसे अपनी जान जोखिम में डाल कर रिपोर्टिंग की Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
15 अगस्त 1947 को देश आज़ाद हुआ, लेकिन कुछ हिस्सों की आज़ादी की तारीख अलग है. हैदराबाद 17 सितंबर 1948 को भारत का हिस्सा बना, गोवा 19 दिसंबर 1961 को आज़ाद हुआ और दादरा नागर हवेली 2 अगस्त 1954 को पुर्तगालियों से मुक्त हुआ. हमें भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में तो पता है, लेकिन दादरा नागर हवेली के स्वतंत्रता सेनानियों ने कैसे संघर्ष किया, आज़ादी पाई और लगभग एक दशक बाद भारत का हिस्सा बने, यह कम लोग जानते हैं. इसकी कहानी बताई गई है किताब "Uprising: The Liberation of Dadra and Nagar Haveli" में, जिसे वेस्टलैंड नॉन-फिक्शन ने प्रकाशित किया है. इसके लेखक निलेश कुलकर्णी हैं, जो मैनेजमेंट के शिक्षक, पब्लिक स्पीकर, और कवि भी हैं. निलेश से हमने पूछा कि पुर्तगालियों के पास यह भारतीय हिस्सा कैसे पहुंचा, आज़ादी के बाद नेहरू ने इस राज्य की आज़ादी में क्यों दिलचस्पी नहीं दिखाई, लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी का इस आज़ादी की लड़ाई से क्या रिश्ता है, और इसके लिबरेशन में RSS की क्या भूमिका रही. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
इस एपिसोड में हम दिल टूटने और उससे उबरने की बात करेंगे. हमारे साथ हैं हर्षिता गुप्ता, जो सोशल मीडिया पर काफी फ़ेमस हैं. आपने उन्हें इंस्टाग्राम पर देखा होगा और उनके रिल्स शेयर भी किए होंगे. आज वो आपको कुछ खास टिप्स देंगी जिससे आप ब्रेकअप के दर्द से जल्दी उबर सकें. 'पढ़ाकू नितिन' में हमने उनसे पूछा कि दोस्ती और प्यार का घालमेल को कैसे संभालें, एक्स से टच में रहने के नुकसान क्या हैं और ब्रेकअप के बाद कब थैरेपिस्ट की मदद लेनी चाहिए, अंत तक पूरी बताचीत ज़रूर सुनिएगा. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
7 अक्टूबर 2023 को हमास के अप्रत्याशित हमले के बाद, इजरायल और मध्य पूर्व में महायुद्ध की शुरुआत हो गई है, जिसमें अब तक 42,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. गाजा से शुरू हुई ये जंग अब लेबनान और ईरान तक फैल चुकी है. अमेरिका के लिए इजरायल एक मुश्किल मामला बन गया है और भारत के लिए भी यह सवाल खड़ा है कि वह किसका समर्थन करे. इस संकट पर चर्चा करने के लिए, पढ़ाकू नितिन में हमने वरिष्ठ पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रकाश के रे को बुलाया है. उनसे जानेंगे कि इजरायल का अगला कदम क्या होगा और बदलते हालात में भारत की विदेश नीति कैसी होनी चाहिए. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
पिछले एक साल से इज़रायल, फिलिस्तीन, लेबनान, यमन और ईरान लगातार सुर्खियों में हैं. इज़रायल के हमलों और ईरान की मिसाइलों से तनाव और बढ़ गया है. हिज़बुल्लाह के नेता मारे जा चुके हैं, और अक्टूबर से शुरू हुई ये लड़ाई अब भी जारी है. 'पढ़ाकू नितिन' में हमने पूर्व भारतीय राजनयिक राजीव सीकरी से इस संघर्ष के जड़, इज़रायल और ईरान की रणनीति, और भारत की भूमिका पर बात की है. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
'मोटिवेशनल स्पीकर' क्या बला है - भारत में जब कोई जानता भी नहीं था, तब भी लोग एक नाम जानते थे — शिव खेड़ा. उनकी लिखी किताब You Can Win (जीत आपकी) भी ख़ूब पॉपुलर हुई. इस बार शिव खेड़ा ‘पढ़ाकू नितिन’ में बतौर मेहमान आए, तो उन्होंने अपनी बातों से एक बार फिर प्रेरित किया. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के बारे में बताया, वर्क स्ट्रेस कम करने के तरीके बताए और यह भी साझा किया कि वे कब रिटायर होंगे. इस एपिसोड में हमने शिव खेड़ा से पूछा कि अमेरिका में सब कुछ होने के बावजूद वे भारत लौटकर क्यों आए, मौजूदा मोटिवेशनल स्पीकर्स पर उनकी क्या राय है, और उन्हें ‘झारखंड का बेटा’ कहलाना क्यों पसंद नहीं है. मोटिवेशनल किस्सों से भरपूर इस पूरी बातचीत को अंत तक ज़रूर सुनें. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
पाकिस्तान के वजूद में आने से लेकर अब तक उसकी पॉलिटिक्स हेप्पेनिंग बनी हुई है. हमारे पड़ोस में हमेशा कुछ न कुछ होता रहता है. मगर इसका उरूज लेट नाइंटीज़ में था. भारत के प्रधानमंत्री बस से पाकिस्तान गए थे. जिस नवाज़ शरीफ़ ने उन्हें रिसीव किया था, उसकी सरकार गिरा दी गई और बाद के सालों में दोनों देशों के बीच कारिगल युद्ध भी हुआ. जब ये सब हो रहा था तब उसकी एक गवाह थीं रुचि घनश्याम, इन घटनाओं और अपने अनुभवों को मिलाकर उन्होंने एक किताब लिखी, An Indian Woman In Islamabad. 'पढ़ाकू नितिन' में रुचि से हमने पूछा कि कैसे वो इक रोज़ आधी रात वहां पहुंच गईं जहां पाकिस्तान न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा था. जो एजेंट्स उनका दिन रात पीछा किया करते थे वो कैसे आमने-सामने आ गए और क्यों रुचि के एक साथी को लाठी मार कर अधमरा कर दिया. तथ्यों और किस्सों से भरपूर इस एपिसोड को अंत तक सुनिएगा, कमाल की जानकारियां मिलेंगी. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं
खाना दुनिया के उन गिने-चुने कामों में से है जो ज़रूरत भी है और शौक़ भी, और अगर पूरी शिद्दत से दिल लगाकर किया जाए, तो यह पेशा भी बन सकता है और पहचान भी। कुछ लोग होते हैं जो क्या खाना है, इसके बारे में बहुत सोचते हैं, और कुछ ऐसे भी होते हैं जो बिना सोचे-समझे जो मिल जाए, खा लेते हैं। खाने के साथ प्यार भी जुड़ा होता है, इसका अपना 'लव लैंग्वेज' होता है। खाने के साथ मॉरैलिटी भी जोड़ी जाती है, और इसमें भूगोल भी एक बड़ा खिलाड़ी होता है। अब तो इसमें विज्ञान भी जुड़ गया है, और इस पर खूब काम किया है कृष अशोक ने। आज वे हमारे मेहमान हैं। इन्होंने खाने पर एक किताब लिखी है, जो रेसिपीज़ और इतिहास पर नहीं, बल्कि इसके विज्ञान पर आधारित है। कृष अशोक ने खाने से जुड़े कई मिथक तोड़े हैं, और शाकाहारी और मांसाहारी खाने की बहस को भी समाप्त कर दिया है। हमने उनसे पूछा कि भारत के लोग मसालेदार खाना क्यों पसंद करते हैं, किस तरह का नमक खाना के लिए सही है, और खाने के मामले में किसकी सुननी चाहिए। अंत तक इस लज़ीज़ पॉडकास्ट को सुनिए, इसका 'आफ़्टरटेस्ट' भी बहुत अच्छा है Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं
आम की हर बात ख़ास होती है. आम सिर्फ़ एक फल नहीं, फलों का राजा होता है, आम इमोशन होता है, आम से रिश्ते बनते हैं, इनफ़ैक्ट सबसे अच्छा मौसम ही वो है जिसमें पेड़ों पर आम लगते हैं और हां! कोई आम ख़राब नहीं होता. आम के पेड़ों के इर्द-गिर्द समाज फलता है. बहसें होती हैं, झगड़ें होते हैं.आम रिश्वत भी है तो आम व्यवहार बनाने का ज़रिया भी है. आम को कोई मना नहीं करता और उस्तादों ने कहा है कि आम को सिर्फ़ गदहे ही नहीं खाते. आम की खुशबू ने कई गांवों की महक दुनिया तक पहुंचाई है और उसे ही एक पॉडकास्टनुमा शीशी में कैद कर आज हम आपके सामने हाज़िर हुए हैं, हमने बात कि लेखक सोपान जोशी से जिन्होंने एक पूरी फिर भी अधूरी किताब Mangifera Indica: A Biography of the Mango लिखी है, अधूरी इसलिए क्योंकि दुनिया में हज़ारों किस्म के आम हैं, बावजूद इसके हमने बहुत कुछ समेटने की कोशिश की है और उनसे पूछा है कि आखिर लोग आम को इतना पसंद क्यों करते हैं, बारिश के पहले या बाद में आम खाना चाहिए, इसके नाम कैसे पड़ते हैं, दक्षिण भारत के आम उत्तर के आमों से अलग कैसे हैं, सॉफ़्टड्रिंक्स किस आम से बनाए जाते हैं और मुगल और अंग्रोज़ों ने आमों के साथ क्या किया,अंत तक सुनिए, इस रसदार पॉडकास्ट में आमों पर हुई बेमौसम मगर मज़ेदार बातचीत को अंत तक सुनिएगा, मज़ा आएगा. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं
पहचान. एक ऐसी चीज़ जिसके लिए दुनियाभर के लोग मेहनत करते हैं. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सिर्फ एक पहचान बनाने में पूरी ज़िंदगी बिता देते हैं और कुछ ऐसे लोग होते हैं जो एक ही ज़िंदगी में अपनी कई कई पहचान बना लेते हैं. इसी प्रजाति से ताल्लुक रखते हैं इस एपिसोड के मेहमान मानव कौल. जिनकी कई पहचान हैं, कभी नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज़ फेम गेम में माधुरी दीक्षित से इश्क लड़ाते नज़र आते हैं. कभी रंगमंच पर कला की गोद में पड़े लेखक के तौर पर दिखते हैं. जिसने थियेटर प्रेमियों को ये अधिकार दिया कि ‘जाओ आज से मेरा सब लिखा तुम्हारा!’. वो शख्स जो घूमने के दौरान जिए को कागज़ के सहारे लोगों को उतारता है. मगर ये भी मानव कौल की पूरी पहचान नहीं है . तो आखिर क्या है मानव कौल का पूरा परिचय?सुनिए पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में.
अब यह एक स्थापित तथ्य है कि जिसने भी यात्राएं की हैं, वह वैसा नहीं रहा जैसा पहले था. जब कोई सफ़र पर निकलता है, तब वह मीलों अपने भीतर भी चलता है. रास्ते में लोग मिलते हैं, उनकी कहानियां मिलती हैं, और उनकी कहानियों से ज़िंदगी का सच पता चलता है और ऐसे ही एक सच की तलाश में निकले थे रौनक साहनी, फ़ेमस YouTuber, जो मंकी मैजिक के नाम से मशहूर हैं. रौनक को नदियों से बहुत प्यार है. उन्होंने पहले नर्मदा यात्रा की और फिर गंगा यात्रा पर निकले. नर्मदा ने उन्हें मन की शांति दी, और गंगा यात्रा से निकली एक किताब—Melodies Of India. सुंदर और शानदार तस्वीरों और तजुर्बों से भरपूर यह किताब भारत के रंगों से रूबरू कराती है. इसके लेखक रौनक साहनी हैं और वे हमारे आज के मेहमान हैं। पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में, बात उन 11 तस्वीरों की होगी, जिनकी चाहत में रौनक ने अपनी जमी-जमाई कंपनी बंद कर ट्रैवलिंग शुरू कर दी।
1984.. एक ऐसा साल जिसे ना कभी इंडियन पॉलिटिक्स भूली.. ना भूला इंडिया, ना कभी पंजाब. इस साल दिल्ली, कानपुर, फिरोज़ाबाद, अमृतसर में सिखों का जो खून बहा उसकी कहानी इन 40 सालों में कई बार कही गई.. मगर फिर भी जिनकी कहानी रह गई वो हैं सिख महिलाएं. कितनी ही ऐसी औरतें थीं जिन्होंने अपनों को हत्यारों के हाथों मरते देखा. खुद पर बलात्कार सहे. जान बचने के बाद ताने सुने... मगर फिर भी वो इंसाफ के लिए लड़ती रहीं.. इन कहानियों को पहली बार सामने लाए हैं एडवोकेट सनम सुतीरथ वज़ीर,उनकी किताब है The Kaurs of 1984. इस किताब को लिखने के लिए सनम दंगापीड़ितों के घर गए. उनसे मिले. उनकी कहानियां कई सालों तक सुनी जिसे सनम से 'पढ़ाकू नितिन' में पूछेंगे... Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं
आपको ध्यान होगा कि पिछले साल सितंबर के महीने में भारत में G20 समिट का आयोजन हुआ. दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष आए थे. भारत पहुंचने वाली सबसे पहली राष्ट्राध्यक्ष थीं शेख़ हसीना. भारत ने उन्हें मेहमान की हैसियत से बुलाया था. उस समिट में एक फ़ोटो वायरल हुआ जिसमें तब के ब्रिटिश प्रधानमंत्री शेख हसीना के सामने घुटनों के बल बैठ कर बात कर रहे थे. एक वो वक्त था और एक आज का वक्त है, ब्रिटेन हसीना को शरण देने से कन्नी काट रहा है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री फिलहाल दिल्ली में हैं और पड़ोसी देश में हर घंटे राजनीतिक हालात बदल रहे हैं. पढ़ाकू नितिन में इस बार बात बांग्लादेश के मौजूदा हालात और भविष्य की, सत्ता के दावेदारों की और साथ ही इतिहास की कुछ अहम घटनाओं की भी. हमारे मेहमान हैं, सीनियर जर्नलिस्ट और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रकाश के रे. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं
पढ़ाकू नितिन में इस बार मेहमान हैं मशहूर फोटोग्राफर पद्मश्री रघु राय. रघु राय को 'फादर ऑफ इंडियन फोटोग्राफी' भी माना जाता है. इनकी खींची कई तस्वीरों को दुनियाभर में पहचान मिली है. भोपाल गैस ट्रेजडी के बाद की फोटो हों या संजय गांधी के प्लेन क्रैश की फोटो. जरनैल सिंह भिंडरावाले की स्वर्ण मंदिर वाली फोटो भी रघु राय ने ही खींची थी. रघु राय ने पॉडकास्ट में अपने करियर से लेकर निजी जीवन पर खूब रस लेकर बातें कीं। उन्होंने फोटोग्राफी करियर के कई किस्से सुनाए. दलाई लामा, मदर टेरेसा, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, बाला साहब ठाकरे की उन तस्वीरों पर भी बात हुई जो आज दुनियाभर में फेमस हैं. सुनिए ये दिलचस्प पॉडकास्ट. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं
इस बार पढ़ाकू नितिन में हमारी मेहमान हैं वो स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट जिन्होंने भारत को नौ देशों में क्रिकेट खेलते हुए देखा है, दो ओलंपिक खेलों में रिपोर्टिंग की है. उन्होंने युवराज सिंह के साथ उनकी जीवनी टेस्ट ऑफ माई लाइफ पर भी काम किया है. इसके अलावा तमाम दूसरे खेलों के बारे में भी तीन दशकों तक अंतरराष्ट्रीय- राष्ट्रीय मीडिया में लिखा. बैंगलोर में रहनेवाली चर्चित पत्रकार शारदा उग्रा से मिलिए और सुनिए तफ्सील में हुई ये बातचीत जिसमें शामिल हैं वो सवाल जो आपके मन में उठते रहे होंगे। Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाज़ा गया तो बहुत सारे लोग उनके नाम से पहली दफे परिचित हुए। हालांकि बिहार उन्हें जानता था जहां के वो दो बार सीएम रहे मगर नई पीढ़ी फिर भी कम जानती है। कर्पूरी ठाकुर का दिलचस्प जीवन किताब में समेटा है संतोष सिंह ने। उनकी किताब का नाम है- द जननायक। इस किताब में कर्पूरी ठाकुर की ज़िंदगी के बेशुमार पहलू उघाड़े गए हैं। पढ़ाकू नितिन में इस बार कहानी कर्पूरी की संतोष सिंह के ज़रिए. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं
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United States
इसमें कोई शक नहीं की हिंदुस्तान हिंदुओ की धरती है ये हिंदू राष्ट्र ही कहलाएगा । तुम खालिस्तानी आतंकवादियो का खालिस्तान या तो canada में बनेगा और या फिर झानूम में ।
अपनी मां को सामने बिठा के उसका nude sketch बना, तब हम मानेंगे तू असली कलाकार है ।🤬
सईद अंसारी एक सच्चे मुसलमान नही बल्कि एक अच्छे इंसान है ।
Modi like challenges, तुम लोग जितना बोलोगे UCC आ नही सकता, UCC उतना ही जल्दी आएगा । मोदी है तो मुमकिन है ।
गुजरात के दंगों पे जितना रोना है रो लो । तुम लोग शुरुआत करोगे तो जवाब तो मिलेगा ही । गजवा ए हिंद का सपना देखोगे तो तुम लोगों को हिंदू मिट्टी में मिला देंगे ।
सूअर के बच्चे आ गया अपनी औकात पर, राहुल गांधी के disqualify होने पे बड़ा दुःख हो रहा है तुझे । कट्टर कटुआ है ना तू इसीलिए ।
JNU की गंदी पैदाइश सारे पॉडकास्ट मुसल्लो पे ही करता रहेगा क्या ।
जो कल फर्श पर था आज वो अर्श पर, जो कल अर्श पर था आज फर्श पर । समय का चक्कर सबसे बलवान । अगले मिनट, अगले घंटे, अगले दिन, अगले साल, अगले दशक और अगली सदी सबका समय बदलता है । नियति का न्याय ।
नीच इंसान तूने गरबा में मुसलमानो की linching की एक तरफा बात करके अपनी घटिया सोच का उदहारण दिया है । भारत माता की जय बोलने में मुसलमानो की जीभ को लकवा मार जाता है । और गरबा में हिन्दू लड़कियों को छेड़ने और फसाने की कुकृति की बात पे पर्दा डाल गया । वाह रे पाखंडी secular वादी ।
कितना घटिया और पाखंडी है तू "देवदत पटनायक" । मुस्लिम, जो की सबसे कट्टर और आतंकी है तूने उसके मजहब को लेके कोई बात नही की अपने podcast में । अगर भय, आतंक और कट्टरता ही तुझ जैसों को अपनी आस्था पर टिपनी करने से रोकने का एक मात्र रास्ता है तो, तो आज के युग में वही बहेतर है ।
कटुओ हरामजादो तुम्हे काटने और मरने के आलावा दूसरा कोई काम नही आता । i wish someday, somebody will hunt you. sooner than later. मेरा दिली तमन्ना है तुम मुसलमानों की गर्दन धड़ से अलग करने की ।
मक्कारो को मक्कारी से मारा जाता है । अगर मैं होता शिवाजी की जगह तो सारे मुसलमानों को नमाज पढ़ते वक्त मारता, क्योंकि मुसलमानों का नमाज का वक्त एक ही होता है और सारे एक ही वक्त पे पड़ते है । हैवानों को खत्म करने के लिए शैतान बनना पड़ता है । शैतान जिंदाबाद ।
i had to marked it listen.
don't make useless podcasts on topic like Nobel winners or so. don't waste one hour of listeners. nobody interested in Nobel prize winners biography.
लोगो को कोई तकलीफ नहीं है, सारी तकलीफ इस भड़वे प्रोफेसर को ही है CAA & NRC की । मुसल्ला है ना, सारी भड़ास यही निकालेगा । This asshole don't make sense at all. can't see what India did for World in corona vaccination, supplies and free food for Afghanistan? and a lot more. his problem is he is a extremest mind Muslim and don't like Modi and current Indian govt.
ये भड़वा (प्यूश बबेले) सिर्फ नेहरू की पैरवी करने आया है । अय्याश नेहरू के सारे पापो पे पानी डाल रहा है अपनी किताब के जरिए । जो की कभी सफल नहीं होगी इसकी कोशिश ।