Padhaku Nitin

Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein.<br /><br />कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है?<br /><br />भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.

कपड़े उतारने को क्यों तैयार हो जाते हैं लोग, Nude Sketch Artist ने बताया: पढ़ाकू नितिन, Ep 146

पेंटिंग की दुनिया में स्किल का ज़रूरी हिस्सा है- बिना कपड़ों की तस्वीरें बनाना. सुनने में अजीब सा लगता है. हम खुद कभी किसी पेंटर का सब्जेक्ट हो सकते हैं?? शायद नहीं, या शायद हां. स्केच आर्टिस्ट किसी को कपड़े उतारने के लिए कन्विंस कैसे कर लेते हैं? किसी को अपना न्यूड स्केच बनवाकर क्या मिलता है? ये सारे जवाब आज के पढ़ाकू नितिन में दे रहे हैं मिहिर श्रीवास्तव. दिल्ली के रहनेवाले मिहिर ने आजतक पांच सौ न्यूड स्केचेज़ बनाए हैं और अपने अनुभवों पर एक किताब भी लिखी है. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

05-02
01:16:04

सिनेमा के समंदर से कैसे निकालें काम की फ़िल्में?: पढ़ाकू नितिन, Ep 145

जिगन, लंदन, वियना, शंघाई और आधी दुनिया घूमकर भारत लौटे एक पत्रकार ने ढेरों नोट्स बनाए, और फिर उससे निकाली एक सुंदर सी किताब. इसका नाम है- ‘बेखुदी में खोया शहर- एक पत्रकार के नोट्स.’ इस किताब में दुनियाभर के शहर हैं, सिनेमा है, कला है, संगीत है और साथ में हैं ढेरों यादें उस गांव देहात की जो वो पीछे छोड़ आया. आज के पढ़ाकू नितिन में ढाई दशक से पत्रकारिता कर रहे अरविंद दास से मुखामुखम हुआ, उसका आनंद लीजिए. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

04-25
01:08:12

औरंगज़ेब ने क्यों गिरवाए मथुरा के मंदिर और चर्चिल का वृंदावन से क्या रिश्ता?: पढ़ाकू नितिन, Ep 144

दिल्ली से 180 किमी दूर यमुना किनारे बसा है मथुरा. इतना पुराना शहर कि दो हजार साल पहले इजिप्ट के खगोलशास्त्री टॉल्मी ने इस शहर का ज़िक्र मोदुरा नाम से किया. लैटिन में इसका मतलब हुआ- सिटी ऑफ गॉड्स. यहीं है वृंदावन.. मंदिरों का शहर. यहां हर टीले के नीचे इतिहास दफन है. आपने कभी मथुरा वृंदावन की ऐसी दिलचस्प कहानी नहीं सुनी होगी जिसमें चैतन्य महाप्रभु हैं, औरंगज़ेब है, अकबर है, मान सिंह है, चर्चिल भी है और हैं कुछ प्राचीन मंदिर जिनका रिश्ता कलिंग तक से है. इस बार पढ़ाकू नितिन में सुनिए मदन मोहन मंदिर पर किताब लिखने वाले सुशांत भारती से गज़ब किस्से. सुशांत कन्ज़रवेशन आर्किटेक्ट और रिसर्चर हैं. रॉयल एशियाटिक सोसायटी ऑफ आयरलैंड एंड ग्रेट ब्रिटेन के फैलो भी और साथ ही लंदन की रॉयल हिस्टोरिकल सोसायटी के असोसिएट फैलो भी. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

04-19
01:35:18

इंदिरा पर देवी का कोप, बाबरी पर राव का कबूलनामा और मनमोहन का बेस्टफ्रेंड: पढ़ाकू नितिन, Ep 143

प्रधानमंत्री हमारे देश का सबसे ताकतवर पद है। नीतियां तय करना, लागू कराना, देश का विदेशों में प्रतिनिधित्व करना सब उसकी ही असीम ताकत का हिस्सा है। हम प्रधानमंत्रियों के फैसले देखते हैं लेकिन कभी उस प्रक्रिया को नहीं देखते जो फैसले के पीछे होती है और ना कभी इस पद पर बैठे शख्स के मूड, पूर्वाग्रहों और ज़िद को देख पाते हैं। छह प्रधानमंत्रियों पर अवॉर्ड विनिंग जर्नलिस्ट नीरजा चौधरी ने किताब लिखी है- How Prime Ministers Decide. चार दशकों तक राजनीतिक कोठरियों से कहानियां निकालती रहीं नीरजा ने पढ़ाकू नितिन में इंदिरा, मोरारजी, राजीव, राव, चंद्रशेखर, चरण सिंह, अटल, मनमोहन पर जमकर किस्से सुनाए। Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

04-11
01:14:07

ज्ञानी ज़ैल सिंह - इंदिरा के ख़ास, संजय के भरोसेमंद लेकिन राजीव की मुसीबत: पढ़ाकू नितिन, Ep 142

ये कहानी ऐसे राष्ट्रपति की है जो पंजाब के ठेठ गांव से निकला और अंग्रेज़ों से लड़ता हुआ राजनीति में आ गया. फिर मंत्री बना, मुख्यमंत्री भी, गृहमंत्री और आखिरकार राष्ट्रपति.. राष्ट्रपति भी ऐसा जिसने पद संभालने से पहले कह दिया नेता कहेंगी तो झाड़ू भी लगाऊंगा लेकिन जब राष्ट्रपति बना तो प्रधानमंत्री आशंकित रहे कि जाने कब सरकार बर्खास्त हो जाए. ऑपरेशन ब्लूस्टार, इंदिरा की हत्या, सिख दंगे, राजीव गांधी सरकार का अविश्वास.. ये सब देखनेवाले देश के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह से जुड़े किस्से सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में उन्हीं के उप सचिव रहे पूर्व डिप्लोमेट के सी सिंह से. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

04-04
01:05:35

इंडियन इस्लाम, गांधी और अल्लाह नाम की सियासत: पढ़ाकू नितिन, Ep 141

हिंदुस्तान में मुसलमानों का इतिहास इस्लाम जितना पुराना है। भारतीय लोकतंत्र में भी उनकी भागीदारी भरपूर है लेकिन सियासी मुहावरों में वो वोट बैंक भी हैं। इस्लाम के भारतीय वर्ज़न में हमारी आपकी समझ के लिए बहुत कुछ छिपा है। ये भी कि मुसलमानों में भी जातियां हैं, ये भी कि मुस्लिम होते हुए धर्मनिरपेक्ष हुआ जा सकता है क्या और ये भी कि गांधी मुसलमानों के बारे में क्या कहते थे? इस बार हिलाल अहमद ने पढ़ाकू नितिन में कुछ मुश्किल सवालों के जवाब दिए जिनसे वो अपनी किताब “अल्लाह नाम की सियासत” में भी मुखातिब थे। Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

03-28
01:04:40

Citizenship का फंडा कहां से आया और किसी देश का नागरिक होना ज़रूरी है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 140

नागरिकता का कॉन्सेप्ट बहुत नया है या ज़्यादा पुराना? नागरिक कौन होता है? नागरिकता कैसे छिन जाती हैं? भारत का नागरिकता कानून क्या बोलता है और सीएए कानून की बारीकियाँ.. आज के 'पढ़ाकू नितिन' में इन्हीं सवालों के जवाब देने आई हैं जेएनयू में पढ़ानेवाली और नागरिकता पर कई किताबें लिखनी वालीं प्रोफेसर अनुपमा रॉय. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

03-21
01:02:56

जलियाँवाला बाग के चश्मदीद नानक सिंह की किताबें क्या बताती हैं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 139

लेखक अपने समय का इतिहासकार है। पंजाबी लेखक नानक सिंह भी वही थे। उन्होंने जलियांवाला से लेकर पंजाब का विभाजन तक अपनी आंखों से देखा। उसके बारे में कहानी-किस्से-उपन्यास लिखे। उन्हीं नानक सिंह के पोते पूर्व डिप्लोमेट नवदीप सूरी ने हमसे साझा किया कि उनके दादा उस हिंदुस्तान के बारे में क्या कहते थे जिसे बस हम किताबों में पढ़ते हैं। Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

03-14
47:37

रामसेतु पर चलकर श्रीलंका आते-जाते थे लोग?: पढ़ाकू नितिन, Ep 138

भारत और श्रीलंका के बीच चूना पत्थरों की कड़ी को एडम्स ब्रिज या रामसेतु कहा जाता है. धार्मिक आख्यानों से लेकर पर्यावरणीय विविधता तक इसका महत्व झुठलाया नहीं जा सकता. ये भी बड़ी हकीकत है कि इस संरचना को लेकर भ्रम, सवाल, जिज्ञासा अनंत हैं. इन्हीं की शांति के लिए हमारे मेहमान बने हैं प्रो अरूप के चटर्जी, जिन्होंने एक किताब “एडम्स ब्रिज” भी लिखी है. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

03-07
01:08:21

बांग्लादेश- नेपाल ने ऐसा क्या किया कि भारत से आगे निकल गए?: पढ़ाकू नितिन, Ep 137

किसी देश के लिए इतना ही काफी नहीं कि वहां कितने अमीर बसते हैं, ज़रूरी ये आंकड़ा भी है कि कितने गरीब रहते हैं. महिला सुरक्षा, सेहत, शिक्षा, जीवन प्रत्याशा के नंबर भी बताते हैं कि देश किस राह पर है. स्वाति नारायण ने एक किताब लिखी है 'Unequal', जिसकी चर्चा संसद तक में है. किताब का दावा है कि बहुत से इंडिकेटर्स में भारत के पड़ोसी उसे पछाड़ रहे हैं. ये किताब चिंता पैदा करती है और ये चाह भी कि गड़बड़ियों को दुरुस्त करके आगे बढ़ा जाए. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

02-29
57:42

चुनावी चंदा, EVM पर शक़, इलेक्शन कमीशन की बेबसी! : पढ़ाकू नितिन Ft. SY Quraishi, Ep 136

कहते हैं कि हिंदुस्तान हमेशा इलेक्शन में रहता है. कहीं ना कहीं चुनाव चल रहा होता है. दुनिया की सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश में चुनाव करना-करवाना आठवां अजूबा ही है मगर ये अजूबा चुनाव आयोग करीब 75 सालों से कराता चला जा रहा है. इस पूरे भारी भरकम प्रोसेस में मुश्किलें भी कम नहीं. कभी इलेक्टोरल बॉन्ड का झंझट, कभी EVM पर मचमच और कितनी बार तो नेताओं के गिले शिकवे. 'पढ़ाकू नितिन' में इस बार आए हैं देश के 17वें मुख्य चुनाव आयुक्त रहे एस वाई कुरैशी साहब. उनसे हमने किए मुश्किल सवाल और उन्होंने दिए सबके तसल्लीबख्श जवाब.

02-22
01:18:19

चंद्रकांता के क्रूर सिंह को एक्टर होने का प्रूफ कंडक्टर को क्यों देना पड़ा?: पढ़ाकू नितिन, Ep 135

चंद्रकांता का क्रूर सिंह, गंगाजल का डीएसपी भूरेलाल, सरफरोश का मिर्ची सेठ और लगान का अर्जन सिंह… सब एक ही थे. नाम है- अखिलेंद्र मिश्र. बच्चों बच्चों को उनका “यक्कू” याद है. 40 साल एक्टिंग की यात्रा करके आज वो 'पढ़ाकू नितिन' के मेहमान हुए. बातें ज़बरदस्त हुई हैं. मज़े का वादा पक्का है...सुनिएगा.

02-15
01:14:33

भारत के सबसे बड़े कूटनीतिज्ञ से समझें चीन के सोचने का तरीका: पढ़ाकू नितिन, Ep 134

चीन आबादी में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा और इलाके में तीसरा सबसे बड़ा देश है लेकिन उसका सपना इकोनॉमी में सबसे बड़ा देश बनना है. दर्जनों विद्वान कहते हैं बन भी जाएगा लेकिन हमारी टेंशन है कि पड़ोस में बसा ये देश हमें बराबरी का दर्जा नहीं देता. और ऐसा होने की वजहें ढेर हैं. कई तो हिस्ट्री में छुपी हैं. 'पढ़ाकू नितिन' इसे ही उघाड़ने आए हैं भारत के 32वें विदेश सचिव और चीन में राजदूत रहे विजय गोखले. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

02-08
01:09:04

Parliament Attack की साज़िश का पुलिस अफसर ने कैसे 48 घंटों में खुलासा किया?: पढ़ाकू नितिन, Ep 133

23 साल पहले भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ था. इस केस की गुत्थी 48 घंटों में सुलझाई गई और अफ़ज़ल गुरू को फांसी भी इसी केस में हुई. लेकिन इनवेस्टिगेशन को अंजाम कैसे दिया गया? जिस पुलिस अफसर ने मामला खोला उनका नाम है अशोक चांद. 32 सालों में उन्होंने ढेरों हाई प्रोफ़ाइल केस सुलझाए. 13 साल में दो बार आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी उनके हिस्से है. तो आज के 'पढ़ाकू नितिन' में बात करेंगे दिल्ली के रिटायर्ड एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अशोक चांद और आजतक के एडिटर क्राइम एंड इन्वेस्टिगेशन अरविंद ओझा से और सुनेंगे संसद हमले से लेकर लाल किला आतंकी हमला केस तक की कहानी. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

02-01
53:30

वित्तमंत्रियों, RBI, इकोनॉमी से जुड़े ये क़िस्से आपको नई दुनिया दिखाएंगे: पढ़ाकू नितिन, Ep 132

दुनिया पैसे से चलती है ये आपने सुना होगा, लेकिन कितना पैसा किसकी जेब में जाएगा तय कौन करता है? किसी देश का वित्त मंत्रालय. अब वित्त मंत्रालय चलाते हैं मंत्री और सेक्रेटरी. मगर आपको इसकी बारीकी और काम करने का तरीका शायद पता नहीं होगा. आज हमने पढ़ाकू नितिन में एक इनसाइडर को न्यौता दिया है. उनका नाम है सुभाषचंद्र गर्ग. वर्ल्ड बैंक और राजस्थान के वित्तीय मामलों को संभालने के बाद उन्होंने दो सालों तक वित्त सचिव का कामकाज संभाला, वो भी तीन तीन मंत्रियों के साथ. इस दौरान उनके कार्यकाल में खूब दिलचस्प घटनाएं घटीं. सुनिए और बताइए कैसा लगा हमारा ये पॉडकास्ट.

01-25
01:44:38

नेहरू ने अपने गहरे दोस्त शेख़ अब्दुल्ला को जेल क्यों भेजा था?: पढ़ाकू नितिन, Ep 131

कश्मीर का ज़िक्र हमेशा शेख अब्दुल्ला के बिना अधूरा है. नेशनल कॉन्फ़्रेंस के इस नेता ने विद्रोही, शासक, कैदी हर रोल में छाप छोड़ी. जिन्ना से शेख का हमेशा झगड़ा रहा क्योंकि वो इस्लाम के नाम पर राजनीति नहीं करना चाहते थे, विभाजन होते ही क़बायली वेश में पाकिस्तानी आर्मी घाटी में घुस आई तो शेख के वर्कर्स ही लाठी लेकर लड़ने उतरे, राजशाही से जूझते शेख ने हमेशा लोकतंत्र की पैरवी की मगर क्या हुआ जो वो आज़ाद भारत में जेल भेजे गए। क्या हुआ कि नेहरू से उनकी दूरी बढ़ गई। क्या हुआ कि वो अलगाववादी कहलाए गए, सुनिए पढ़ाकू नितिन में प्रो चित्रलेखा ज़ुत्शी से जिन्होंने शेख और कश्मीर पर कई किताबें लिखी हैं।

01-18
01:11:52

फर्ज़ी मर्डर केस में 12 साल हुआ टॉर्चर, फिर ऐसे लिया बदला: पढ़ाकू नितिन, Ep 130

एक लड़के पर फर्ज़ी केस लगा, पुलिस टॉर्चर हुआ, जेल गया, फिर खुद वकालत पढ़के बरी हुआ. आपको लग रहा होगा किसी वेबसीरीज़ या फिल्म की कहानी है, लेकिन ये हकीकत है सिस्टम की. सिस्टम में बैठे करप्ट लोगों के बावजूद कामयाब होने की, हिम्मत ना हारने की. 'पढ़ाकू नितिन' में सुनेंगे बागपत के अमित चौधरी से उनकी आपबीती जो अब मेरठ में कामयाब वकील हैं. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

01-11
01:12:04

प्राचीन अयोध्या की सिटी प्लानिंग, पेरू से कनेक्शन और अनसुने क़िस्से: पढ़ाकू नितिन, Ep 129

अयोध्या को देखने का सबका अपना नज़रिया है. कुछ लोग इसे इतिहास मानते हैं तो कुछ ऐसा मिथक जो रामायण से शुरू हुआ. बावजूद इसके ये सच है कि अयोध्या नाम का शहर सैकड़ों साल से मौजूद है अपने बदलते नामों के साथ और उस भूगोल के भी जिसका विवरण पुराणों में मिलता है. वाल्मीकि कृत रामायण में तो अयोध्या पर जो बारीक जानकारियाँ मिलती हैं वो हैरतनाक हैं. आज के पढ़ाकू नितिन में 'अमेज़िंग अयोध्या' की लेखिका नीना राय से जानेंगे त्रेताकालीन अयोध्या की कहानी. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

01-04
01:10:57

कोठों से लेकर सल्तनत तक चलानेवाली तवायफों की कहानी: पढ़ाकू नितिन, Ep 128

तवायफों को हमने फिल्मों में देखा है, उनके बारे में उपन्यासों से जाना है. होना ये चाहिए था कि दौलत और रुतबा रखनेवाली इन तवायफों को इतिहास में तवज्जो मिलती लेकिन मिला तिरस्कार. हिंदुस्तान की मशहूर तवायफों के क़िस्से आज 'पढ़ाकू नितिन' में सुनेंगे एकता कुमार से जिन्होंने तवायफों पर किताब भी लिखी है. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

12-28
53:44

ख़राब अंग्रेज़ी पर जिसका मज़ाक उड़ा उसने लंदन विवि में कैसे चुनाव जीत लिया?: पढ़ाकू नितिन, Ep 127

जहां चाह वहां राह. ये मुहावरा सही साबित किया बुलंदशहर के सुशांत सिंह ने. दलित परिवार के बेटे सुशांत ने गरीबी और मार्गदर्शन के अभाव से लड़ते हुए लंदन यूनिवर्सिटी में ना सिर्फ कानून की पढ़ाई की बल्कि दो दो बार छात्रसंघ चुनाव जीता. सुशांत बाबासाहेब अंबेडकर को अपनी प्रेरणा मानते हैं और हर सवाल का जवाब उनके जीवन में खोजते हैं. 'पढ़ाकू नितिन' में सुशांत के सफ़र के ज़रिए सुनिए ब्रिटेन में स्टूडेंट पॉलिटिक्स की कमाल कहानियां. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

12-21
52:48

sum black

अपनी मां को सामने बिठा के उसका nude sketch बना, तब हम मानेंगे तू असली कलाकार है ।🤬

05-02 Reply

sum black

सईद अंसारी एक सच्चे मुसलमान नही बल्कि एक अच्छे इंसान है ।

11-15 Reply

sum black

Modi like challenges, तुम लोग जितना बोलोगे UCC आ नही सकता, UCC उतना ही जल्दी आएगा । मोदी है तो मुमकिन है ।

07-13 Reply

sum black

गुजरात के दंगों पे जितना रोना है रो लो । तुम लोग शुरुआत करोगे तो जवाब तो मिलेगा ही । गजवा ए हिंद का सपना देखोगे तो तुम लोगों को हिंदू मिट्टी में मिला देंगे ।

06-08 Reply

sum black

सूअर के बच्चे आ गया अपनी औकात पर, राहुल गांधी के disqualify होने पे बड़ा दुःख हो रहा है तुझे । कट्टर कटुआ है ना तू इसीलिए ।

06-08 Reply

03-02

10-27

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