ज्ञानवापी पर अदालत की सुनवाई में क्या हुआ,बिहार में नीतीश-तेजस्वी की बढ़ती क़रीबी क्या कहती है, बंगाल में क्यों टूट रही है बीजेपी और साउथ अफ्रीकी दौरे के लिए चुनी गई भारतीय टीम कितनी संतुलित है? सुनिये 'दिन भर' में कुलदीप मिश्र से. प्रड्यूसर- रोहित अनिल त्रिपाठी साउंड मिक्सिंग- अमृत रेजी Disclaimer: इस पॉडकास्ट में एक्सपर्ट्स के विचार उनके निजी हैं. आज तक रेडियो इसका अनुमोदन नहीं करता.
प्रधानमंत्री मोदी ने वेटिकन पहुंचकर पोप फ्रांसिस से की मुलाकात, 14 राज्यों की 3 लोकसभा और 29 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव जारी, तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आर्थिक मदद की लगाई गुहार. सुनिए 🎧 दोपहर 1 बजे की बड़ी खबरें.
महिलाओं ने तमाम बंदिशों, रुकावटों और बाधाओं को पार करते हुए हर क्षेत्र में कामयाबी का परचम लहराया है. तो आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इस स्पेशल पॉडकास्ट में पूनम कौशल के साथ सुनिए महिलाओं के दिल की आवाज़.
केंद्र सरकार ने 25 फरवरी को सोशल मीडिया, ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और डिजिटल कंटेंट को रेग्युलेट करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए. इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि नए दिशानिर्देशों के अनुसार, तीन महीनों के भीतर सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को किसी सरकारी आईडी के साथ वेरीफाई यानी सत्यापित कराना होगा. क्या है इस दावे के पीछे की सच्चाई, सुनिए इस फैक्ट चेक पॉडकास्ट में. अपनी पसंद के पॉडकास्ट सुनने का आसान तरीका, हमें सब्सक्राइब करें यूट्यूब और टेलीग्राम पर.फेसबुक पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें.
Lancet Commission for Global Survey के अनुमान के मुताबिक़ भारत जैसे देशों में 5000 सर्जरी की आवश्यकता है हर एक लाख बीमार व्यक्ति के लिए जो की मिडिल क्लास या उससे नीचे की कैटेगरी से आता है. लेकिन pan-India surgery market report के अनुसार भारत में केवल 1,463 सर्जरी होती हैं हर एक लाख व्यक्ति पर, तो ये दर इतनी कम क्यों है. इसी को लेकर अमन गुप्ता ने बात की डॉ. ईश्वर पी. गिलाडा से.
इस साल के बजट में डिफेंस सेक्टर के लिए जो एलोकेशन हुआ है, क्या यह पर्याप्त है? क्या यह हमारी ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम है? चीन और पाकिस्तान की तुलना में हमारे रक्षा बजट की क्या स्थिति है और इसमें कितनी बढ़ोतरी करने की ज़रूरत है? पॉडख़ास में इसी विषय पर सुनिए डिफेन्स एक्सपर्ट और इंडिया टुडे के सीनियर जर्नलिस्ट संदीप उन्नीथन के साथ रितु राज की बातचीत.
जब कहीं तख्तापलट होता है तो मन में सवाल जरूर आते हैं कि क्यों ऐसा होता है. पता कैसे चलता है कि तख्तापलट हुआ है? तख्तापलट के बाद आगे की राह कैसी होती है? दुनिया में सबसे ज्यादा तख़्तापलट किन क्षेत्रों में होता है क्या कारण होते हैं? और क्यों कहा जाता है कि भारत में तख़्तपलट नहीं हो सकता? इन सब मसलों पर अमन गुप्ता ने बात की ऑब्ज़र्वर रिसर्च फ़ाउंडेशन दिल्ली में स्टडीज़ एंड हेड ऑफ़ स्ट्रेटजिक स्टडीज़ प्रोग्राम के डायरेक्टर प्रोफे़सर पंत से.
बजट में सरकारी विनिवेश को लेकर खूब बातें हो रही हैं. कई कंपनियों के विनिवेश की बात कही गयी है. तो क्या इसे सरकारी सेल कहना उचित है? क्या सरकार के पास अपनी संपत्ति बेचने के अलावा और कोई चारा ही नहीं था और सरकार की यह पॉलिसी भविष्य में किस ओर जाती दिख रही है, पॉडख़ास में इसी मसले पर सुनिए इंडिया टुडे हिंदी पत्रिका के एडिटर और आर्थिक मामलों के जानकार अंशुमान तिवारी के साथ रितु राज की बातचीत.
तुलसीदास रचित रामचरितमानस को लोग अपने अपने अंदाज़ में पढ़ते और गाते रहे हैं. मगर बिहार के एक शिक्षक रामचरितमानस को अपने अंदाज़ में लिख रहे हैं. पीयूष मोहन इनका नाम है और इन्होंने अवधी भाषा में लिखे इस काव्यग्रंथ को भोजपुरी में लिखने की ठानी है. तो इन्हें यह प्रेरणा कहां से मिली और अबतक का अनुभव कैसा रहा, पॉडख़ास में अमन गुप्ता के साथ सुनिए इनकी बातचीत.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना बजट भाषण संसद में दे दिया, लेकिन ज़रूरी नहीं है कि उनकी हर बात आपके पल्ले पड़ी हो. तो पॉडख़ास में आपका काम आसान कर रहे हैं रितु राज, इसके लिए उन्होंने बात की आर्थिक मामलों के जानकार शुभम शंखधर से और बजट से निकाली वो बातें जिसका सीधा नाता आपसे और आपकी जेब से है. सुनिए इन दोनों की ये बातचीत.
लोकनीति-सीएसडीएस के रिसर्च फैलो की स्टडी रिपोर्ट सामने आई है. इसमें दल-बदल से जुड़ा एक आंकड़ा दिया गया है. आंकड़ा ये है कि 2017 से 2020 तक पद पर रहते हुए 168 सांसद-विधायकों ने दल-बदल किया है. और दल-बदल करने वालों में भी 82 फ़ीसदी यानी 138 लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को चुना तो दल बदल क़ानून होने के बावजूद देश में इधर चला मैं, उधर चला क्यों होता रहता है. और कैसे प्रभावी बनेगा ये क़ानून इसी मसले पर पॉडख़ास में अमन गुप्ता ने बात की राजनीतिक विश्लेषक, लेखक और वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी से.
30 जनवरी 1948 इतिहास का वो काला दिन है जब नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी यानि बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसी दिन का क़िस्सा सुनिए कुलदीप और उपासना से इस पॉडख़ास में.
21 जनवरी को 50 हज़ारी हुआ सेंसेक्स लगभग तीन हज़ार पॉइंट टूट गया है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी. तो बजट से ठीक पहले मार्केट क्या संकेत दे रहा है? बाजार को बजट से क्या उम्मीदें हैं और क्या मार्केट बजट के बाद एक बार फिर गुलज़ार हो पाएगा, पॉड ख़ास में इसी मसले पर सुनिए मार्केट एक्सपर्ट शुभम शंखधर से रितु राज की बातचीत.
Reliance Jio के बाद Airtel ने अपनी 5G सर्विस की घोषणा कर दी है.तो 4G के मुकाबले 5G से हमारी और आपकी ज़िंदगी में क्या बदलाव आएगा? 5G के लिए आपको क्या कीमत चुकानी होगी, पूरे देश में 5G नेटवर्क कब तक पहुंचेगा और क्या यह सबके लिए होगा? तो टेलीकॉम मामलों के जानकार मनु कौशिक से पॉड ख़ास में समझिए 5G और इससे जुड़े पहलुओं को, जिनसे बात की रितु राज ने.
एक मीठी सी फिल्म आई है- जामुन. तो बाप-बेटी के खूबसूरत रिश्तों की कहानी कहती यह फिल्म कैसे बनी? फिल्म में जामुन प्रसाद का किरदार निभाना रघुबीर यादव के लिए कितना चुनौती भरा था, श्वेता बासु प्रसाद ने इस फिल्म के लिए क्यों भरी हामी और फिल्म के सबसे बेहतरीन सीन्स कौन से हैं, पॉडख़ास में सुनिए इस फिल्म के डायरेक्टर गौरव मेहरा और इसकी जान रघुबीर यादव और श्वेता बासु प्रसाद के साथ कुमार केशव की बातचीत.
पश्चिम बंगाल में सियासत रोज़ नया रुख ले रही है. विपक्षी हावी हैं सो ममता बनर्जी ने भी तय किया कि वो रणनीति बदलेंगी. रणनीति बदल रही है, नतीजतन नारे बदल रहे हैं. तो टीएमसी की स्ट्रैटेजी कैसे बदल रही है और नारों में क्या परिवर्तन दिख रहा है, उस परिवर्तन से झलक क्या रहा है, पॉडख़ास में इसी विषय पर सुनिए आजतक बांग्ला के एडिटर केशवानंद दुबे के साथ कुमार केशव की बातचीत.
नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी से हटा दिया गया है. पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' को उनकी जगह नया संसदीय दल का नेता चुना गया है. तो ओली को क्यों दिखाया गया बाहर का रास्ता और क्या उनके हटने से भारत-नेपाल के बीच रिश्ते सुधरेंगे, पॉडख़ास में इसी विषय पर सुनिए लेखक और विदेशी मामलों के जानकार मोहम्मद ज़ीशान से नितिन ठाकुर की बातचीत.
जंगलों में इंसानी घुसपैठ, शिकार और खनिजों के अवैध दोहन को रोकने की ज़िम्मेदारी है वन विभाग के फॉरेस्टर्स और रेंजर्स पर. इन्हें बचाने की जद्दोजहद में कई बार इन लोगों पर भी हमले हो जाते हैं. कहा जा रहा कि सुरक्षा के लिए इन लोगों को बंदूकें दे दी जाएं तो क्या बंदूकें ये मसला सुलझा देंगी? और बंदूकें मिल गई तो क्या लोगों पर रेंजर्स बंदूक चला भी सकते हैं? पॉडख़ास में इसी विषय पर सुनिए अमन गुप्ता की इंडिया टुडे मैग्जीन में एसोसिएट एडिटर राहुल नोरोन्हा के साथ बातचीत.
दुनिया में सब झगड़े जंग से नहीं सुलझते. मामला दो देशों का हो तो मसला और पेचीदा हो जाता है. वहां काम आती है डिप्लोमेसी. और डिप्लोमेसी पर एक किताब आई है जिसका नाम है Flying Blind (India's quest for global leadership). तो पॉडख़ास में नितिन ठाकुर ने बात की इस किताब के लेखक मोहम्मद ज़ीशान से. और उनसे जाना कि भारत की विदेश नीति में क्या कमियां हैं, क्या कभी चीन के साथ भारत की सुलह हो सकती है और क्या 30-40 साल बाद अमेरिका की जगह ले सकता है भारत? सुनिए इन दोनों की ये बातचीत.
Jass Manki
vikayu media hai j aaj tak