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Pradeep Gupta’s Hindi Satire.हिंदी व्यंग
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Pradeep Gupta’s Hindi Satire.हिंदी व्यंग

Author: Pradeep Gupta

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Description

ज़िंदगी की उलझनों के बीच हास्य व्यंग ग़ायब सा हो चला है , प्रदीप गुप्ता का यह पोडकास्ट कोशिश करेगा कि सुन कर थोड़ी हंसी आपके मुख पर आ जाए और आपकी टेंशन की धुँध छँट जाय.
32 Episodes
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शब्द आह्लादित करते हैं, शब्द जोड़ते हैं , शब्द का ग़लत इस्तेमाल झगड़ा भी करा देता है . लेकिन कई बार शब्द कंफ्यूजन भी पैदा कर देते हैं
चारण और भाट पुराने जमाने में राज दरबार का हिस्सा हुआ करते थे , इनका काम राजा का महिमा मंडन हुआ करता था , वक्त बदला उसी के साथ इन्होंने भी अपने आप को रि-इंवेंट कर लिया है
उत्तर भारत में होली के मौक़े पर ठंडाई ज़रूर बनाई जाती है , ज़्यादातर मामलों में ठंडाई में भांग मिली होती है . यह भांग लोगों के साथ क्या गुल खिलाती है , इस एपिसोड में सुनिए
पाश्चात्य देशों में मजदूरों द्वारा पहनी जाने वाली जीन्स आज कल के फ़ैशनेबल लोगों की पहली पसंद बन चुकी है . संस्कारी नेता गाहे बगाहे इसकी आलोचना करते रहे हैं . इसके नए अवतार फटी जीन्स पर कुछ ज़्यादा ही आक्रामक हैं . देखते हैं खोट गयी जीन्स में है या फटे सोच में
Philosophers are not only confined to teaching profession. Search around and you will find many . Tales of two such bankers
Gone are the days when in case of any medical problem , people used to visit their family doctors. No more, now even for a small medical issue people rush to five star hospital or a specialist. Sometime it creates funny situation...
मुंबई में नए आए पर्यटक को यहाँ की लोकल की भीड़ भाड़ देख कर समझ नहीं आता है की इसमें लोग किस तरह चढ़ते उतरते होंगे अंदर किस तरह खड़े हो पाते होंगे . लेकिन किसी मुंबईकर से पूछ कर देखिए और यात्रा करके देखिए लोग यात्रा के दौरान एक दूसरे को कितना सहयोग देते हैं
What satiate your palate ? This episode tries to search answer to this question
एक संस्कारी परिवार में विवाह करने पर खाने पीने के शौक़ीन शर्मा जी को क्या क्या कष्ट झेलने पड़े .......
Gone are the days of great landline saga , in the time of 4G we recollect the old memories
पति की व्यथा कथा पर जितने ग्रंथ लिखे जाएँ कम पड़ जाएँगे, ऐसे ही एक ग्रंथ का एक पन्ना प्रस्तुत है
आज कल रिवाज बन चुका है लोग घड़ी घड़ी अपना सोशल मीडिया पर अपना स्टेटस अपडेट करने में लगे रहते हैं , मजा तो है लेकिन ख़तरे भी हैं . बता रहे हैं प्रदीप गुप्ता
साहित्य की सभी विधाओं में सबसे मुश्किल व्यंग है आपकी एक छोटी सी मुलाक़ात कराने जा रहे हैं एक उभरते व्यंगकार डा पुनीत कुमार से
कई लोग अपनी चीजों को लेकर बड़े possessive रहते हैं , हमारे एक पुराने मित्र डा महिपाल जैन अपनी १५ बरस पुरानी साइकिल को लेकर ऐसे ही आनंदित रहा करते थे . एक दिन उनकी साइकिल चोरी हो गयी , इसके बाद जो कुछ घटित हुआ बहुत ही रोचक था
Collecting donation does not seem to be so easy, one needs special skill. See how people collect donation and enjoy life . कई बार लगता है चंदा जुटाना आसान नहीं है , बात कुछ हद तक सही है , लेकिन कुछ लोग बड़े मजे से चंदा इक्कठा कर लेते हैं और उसका आनंद भी लेते हैं . इस बारे इस कौशल पर छोटी सी चर्चा ...........
When I recollect years way back eighties , there were hardly two three cars in each society in Western Suburbs in the city of Bombay. How difficult it was to buy a functional second hand car for a middle class Bombayite....,,,
एक बार हिंदी भाषा के प्रति हमारे मन में सम्मान की लहर उठी थी और हमने तय किया कि अपने पालतू कुत्ते का नाम यूरोपीय या ब्रिटिश न रख कर भारतीय रखेंगे , फिर क्या हुआ सुनिए Hindi Satire के नए एपिसोड में
काम के बोझ और तनाव के कारण आजकल बाल बड़ी तेज़ी से ग़ायब होने लगते हैं , चालीस की उम्र आते आते सर से बल्ब की रौशनी परावर्तित हो कर लौटने लगती है . हेयर ट्रान्स्प्लैंट , हेयर ग्राफ़्टिंग बहुत महंगा विकल्प हैं इसलिए काफ़ी लोग विग पहनना शुरू कर देते हैं , इससे एक फ़ायदा ज़बरदस्त होता है आप ही की उम्र की लड़कियाँ आप को अंकल कहना बंद कर देती हैं . लेकिन विग पहनने के कुछ हादसों के बारे में जानना ज़रूरी है ...........
आनलाइन शापिंग के अनुभव साझा कर रहे हैं व्यंगकार प्रदीप गुप्ता
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