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पीएम मोदी गुजरात के अहमदाबाद में देश का अब तक का सबसे बड़ा रोड शो किया. पीएम नरेंद्र मोदी का यह रोड शो करीब 50 किलोमीटर का था.
चीन में इस समय लोग सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं. लोग सरकार की ‘जीरो कोविड नीति’ का विरोध कर रहे हैं.
गुजरात में 1 दिसबंर को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान को देखते हुए मंगलवार को प्रचार समाप्त हो गया. पहले चरण के लिए वोटिंग एक दिसंबर को होगा.
अभी दो महीने पहले की बात है, जब वित्त मंत्री से लेकर रिज़र्व बैंक के गवर्नर के बयान हेडलाइन में छप रहे थे कि भारत में मंदी नहीं आएगी. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने तो कई बार ट्विट किया है कि अमुक चीज़ का निर्यात बढ़ गया है. ट्विटर पर अलग अलग आइटमों के निर्यात की सूचना अलग अलग शीर्षक से देते रहते हैं. बस किसी आइटम की तुलना 2013 से करते हैं तो किसी कि 2021 से. कभी अप्रैल सितंबर का पैमाना होता है तो कभी अप्रैल से अगस्त का.
देश का चुनाव आयुक्त कैसा हो, क्या ऐसा हो कि घुटने पर झुक जाए, प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप लगे तो कार्रवाई करने से नहीं हिचके या दबाव पड़ने पर हां में हां मिलाता रहे. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ से जो आवाज़ें आ रही हैं, उसे ध्यान से सुनिए, हाल के वर्षों में जो होता दिख रहा था, जिसे कहने की हिम्मत कोई नहीं कर पा रहा था, क्या सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ उन्हीं बातों को नहीं उठा रही है? क्या हमारा चुनाव आयोग निष्पक्ष है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का काम जारी है. बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्रियों, केंद्र सरकार के मंत्रियों की सेना को एक तरह से धुआंधार प्रचार के लिए जमीन पर उतार दिया है. आम आदमी पार्टी भी अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में गुजरात के गांव शहरों की गली मोहल्लों में प्रचार में जुटी है और सत्तारूढ बीजेपी को चुनौती दे रही है. लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी की क्या रणनीति है?
इन दिनों क़तर में फुटबॉल का विश्व कप चल रहा है. ईरान की टीम के खिलाड़ियों ने कुछ ऐसा किया है, जिससे हम देशभक्ति के पहलुओं को समझ सकते हैं. देशभक्ति एकतरफा नहीं होती है कि आप जिस देश में पैदा होते हैं, जिसके नागरिक हैं, उसे हर हाल में प्यार ही करते रहेंगे, हर हाल का मतलब आप पर या आपके नागरिकों पर ज़ुल्म होता रहे और आप प्यार करने का नाटक करते रहेंगे. उस ज़ुल्म के ख़िलाफ़ बोलना भी देशभक्ति है.
चुनाव के समय कई बयानों का कोई ओर-छोर नहीं होता है. लोग पूछ रहे हैं आटा महंगा है, प्रधानमंत्री कहते हैं डाटा सस्ता है. जनता पूछ रही है कि गैस का सिलेंडर महंगा हो गया. प्रधानंमत्री कह रहे हैं कि इंस्टा और रील देखना सस्ता हो गया है. मोदी सरकार है इसलिए 250-300 का डेटा मिल रहा है, वर्ना कांग्रेस की सरकार होती तो एक महीने का बिल 5000 रुपये का आ रहा होता। इतना बचा दिया है प्रधानमंत्री और उनकी सरकार की नीति ने.
दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में खींचतान बढ़ गई है. दोनों पार्टियां चुनाव में अपनी-अपनी शाख बचाने में लगी हुई हैं. साथ ही दोनों एक दूसरे पर लगातार निशाना साध रही है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि विनायक दामोदर सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और कारागार में रहने के दौरान उन्होंने डर के कारण माफीनामे पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी और अन्य समकालीन भारतीय नेताओं को धोखा दिया था. ऐसे में हम ये जानने की कोशिश करते हैं कि इस बात में कितनी सच्चाई है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी समेत सभी पार्टियों ने प्रचार तेज कर दिया है. यहां सत्ता पर काबिज बीजेपी लगातार 7 वीं बार धुआंधार रैलियां करने जा रही है. प्रधानमंत्री तो बाकायदा सात से आठ दिन तक गुजरात में बिताने वाले हैं. बीजेपी के पारंपरिक विरोधी पार्टी कांग्रेस तो चुनौती दे रही है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी की तरफ से भी जोरदार तैयारी है.
एक ऐसे दौर में जब दुनिया फिर आर्थिक मंदी की आहट से डरी हुई है, रूस- यूक्रेन युद्ध दुनिया के तमाम देशों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर रहा है और ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज का संकट गहरा हो रहा है. ऐसे में भारत की अंतरराष्ट्रीय मंच पर भूमिका और भी अहम है.
क्या एक समाज के तौर पर हम दिन पर दिन संवेदनहीन होते जा रहे हैं? क्या हिंसा और नफरत का भाव संवेदनाओं को खोते जा रहे हमारे समाज से रिसकर हमारे अंतर्मन को अपनी जकड़ में लेता जा रहा है और हमें अहसास भी नहीं हो रहा है कि हम कैसी मानसिक स्थिति में जाने अनजाने धकेले जा रहे हैं
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इस समय महाराष्ट्र में चल रही है. पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पदयात्रा कर रहे हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने NDTV से बात की.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रचार गुरुवार शाम पांच बजे खत्म हो गया. मतदान से दो दिन पहले मौसम का मिजाज बिगड़ गया है. बर्फबारी के बीच कई मतदान केंद्रों के लिए पोलिंग पार्टियों को रवाना कर दिया गया है.
क्या अब भी संदेह है कि जांच एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है? विपक्ष के नेताओं को डराया जा रहा है, उन्हें जेल में बंद किया जा रहा है. ये सब अब केवल आरोप नहीं हैं. मनी लौंड्रिंग के लिए बनी विशेष अदालत ने संजय राउत के केस में ज़मानत देते हुए जो कहा है, उससे साफ है कि विपक्ष को कमज़ोर करने, डराने धमकाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल हो रहा है.
आज ही के दिन यानी 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू की गई थी. आम तौर पर अपने हर बड़े काम के वार्षिक समारोह मनाने वाली सरकार नोटबंदी के अगले ही साल उसे भुला चुकी थी.आज के अख़बारों में नोटबंदी जैसे महान फैसले को लेकर कोई विज्ञापन नहीं छपा है. मगर नोटबंदी के अगले साल बीजेपी ने काला धन विरोधी दिवस मनाया था. अचानक लिया गया यह फैसला इतना भयावह था कि लोगों के हाथ से जमा पूंजी उड़ गई. उनके दुख को कम करने के लिए प्रचार किया गया कि बड़े लोगों का काला धन नष्ट हो रहा है.
आर्थिक रुप से कमज़ोर वर्ग के आरक्षण EWS पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया मगर उस बहस का समाधान नहीं हुआ, जो इस आरक्षण को लेकर चल रही थी और चलती रहेगी. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का एक तरफ स्वागत भी हो रहा है, बीजेपी काफी उत्साह से इसका स्वागत कर रही है तो दूसरी तरफ कई सामाजिक कार्यकर्ता इसे लेकर नाराज़ भी हैं. इसकी बहस फिर से घूम फिर कर राजनीति के उसी घेरे में पहुंच गई है जहां हर कोई अपने-अपने वोट के हिसाब से चुप है या बोल रहा है.
मई 2021 की बात है, कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी हुई तो लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए. अस्पतालों और उसके बाहर आक्सीज़न न मिलने के कारण तड़प कर मर जाने वाले लोगों और बीमार लोगों के परिजनों के भीतर आक्सीज़न का ख़ौफ पैदा हो गया था. घबराई जनता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई तो आक्सीज़न की उचित व्यवस्था के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स बना दिया.इस नेशनल टास्क फोर्स का बनाया जाना ही बड़ा प्रमाण था कि आक्सीजन का संकट है लेकिन इसके बाद भी सभी के सामने कह दिया गया कि आक्सीज़न से कोई नहीं मरा और सभी ने इसे स्वीकार भी कर लिया.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों को सौंप दिए गए 75 मकान लापता हो गए हैं. इस धनतेरस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिया. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तो साक्षात मौजूद थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग से शामिल हुए थे। उस दिन जितने मकान दिए गए, उनमें से 75 मकान ग़ायब हो गए हैं, जिस आवास को प्रधानमंत्री मंत्री सौंप रहे हों और वह मकान ग़ायब हो जाए, इससे बड़ा घोटाला कुछ और नहीं हो सकता.
This is really a superb episode. Not to be missed 👌👌 #NDTV #PrimeTime #podcasts
Fabulous
This is one of the best Prime Time shows done by Ravish till date
Why so fast forwarded audii
please upload the latest episode
insightful as always
thanks Ravish Kumar Sir
H
Supr se upar
Supr se upar
Ravish ji rocks!
best as always