Storybox with Jamshed Qamar Siddiqui

जमशेद क़मर सिद्दीकी के साथ चलिए कहानियों की उन सजीली गलियों में जहां हर नुक्कड़ पर एक नया किरदार है, नए क़िस्से, नए एहसास के साथ ये कहानियां आपको कभी हसाएंगी, कभी रुलाएंगी और कभी गुदगुदाएंगी भी चलिए, गुज़रे वक्त की यादों को कहानियों में फिर जीते हैं, नए की तरफ बढ़ते हुए पुराने को समेटते हैं. सुनते हैं ज़िंदगी के चटख रंगों में रंगी, इंसानी रिश्तों के नर्म और नुकीले एहसास की कहानियां, हर इतवार, स्टोरीबॉक्स में.<br /><br />Jamshed Qamar Siddiqui narrates the stories of human relationships every week that take the listener on the rollercoaster of emotions, love, and laughter. Stories are written by Jamshed and by his fellow writers that talks about the various colors of life conflicts from father-son relationships to love triangle. Stories that let you be someone else for some time to see this world from a different angle.

मियां, बीवी और मर्डर | स्टोरीबॉक्स | EP 87

मैं अपनी बीवी का मर्डर करना चाहता था और इसके लिए मैंने एक प्लान किया एक परफेक्ट मर्डर. मैंने उसे बर्फ से ढके उस पहाड़ पर चलने के लिए कहा जहां मेरा इरादा था उसे वहां से धक्का देने का. लेकिन मेरी पत्नी अपने प्लान के साथ आई थी. उसने जो रचा था उसने मुझे हैरान कर दिया था क्या कोई किसी से इतनी नफरत कर सकता है? सुनिए 'मियां, बीवी और मर्डर' जमशेद कमर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'स्टोरीबॉक्स' में साउन्ड मिक्सिंग: कपिल देव सिंह

05-05
14:07

एक शायर की ख़ुदकुशी | स्टोरीबॉक्स | EP 86

एक मरता हुआ पेशेंट जो मरने से पहले आखिरी बार अपने उस पसंदीदा शायर की नज़्म सुनना चाहता है जिसने ज़िंदगी की बोरियत से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी। और एक फीमेल डॉक्टर जो जानती है कि वो मरता हुआ पेशेंट मरते वक्त उसके गले लग कर इस दुनिया से जाना चाहता है क्योंकि वो उससे मुहब्बत करता है। सुनिए स्टोरीबॉक्स की कहानी 'एक शायर की खुदकुशी' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से. साउंड मिक्सिंग- सचिन द्विवेदी

04-28
31:53

मोहल्ले का मंकी मैन | स्टोरीबॉक्स | EP 85

मोहल्ले में आ गया है मंकी मैन. चश्मदीद बताते हैं कि उसकी आंखों की जगह लाल लाइट हैं और मुंह से धुआं निकलता है. वो छत के ऊपर से उड़ते हुए गुज़रता है और लोगों को काट लेता है. मोहल्ले के पार्षद जी बसेसर नाथ ने जनता से वादा किया है कि वो मंकी मैन से निपटने के लिए अपने घर की छत पर सोएंगे. क्या होगा पार्षद जी का - सुनिए 'स्टोरीबॉक्स' में नई कहानी 'मोहल्ले का मंकी मैन' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से साउन्ड मिक्सिंग: कपिल देव सिंह

04-21
19:36

ख़ामोश सा अफ़साना | स्टोरीबॉक्स | EP 84

नए रिश्तों की चमक में पुराने रिश्ते मद्धम ज़रूर पड़ जाते हैं लेकिन उनकी याद अक्सर आंखों को भिगो जाती है. मेरी एक उंगली पर बना वो निशान जो पुरानी अंगूठी उतारने से बन गया था, मुझे बार बार मेरे गुज़र चुके शौहर की याद दिला रहा था पर अब वक्त आ गया था कि उसे उतार दिया जाए - सुनिए स्टोरीबॉक्स की कहानी 'ख़ामोश सा अफ़साना' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

04-15
14:17

ईद मुबारक | स्टोरीबॉक्स | EP 83

शायद मैं अकेली थी जिसे ईद का इंतज़ार नहीं था. इंतज़ार करें भी तो किसका. कुछ लोग आपकी ज़िंदगी से इस तरह जाते हैं कि सब कुछ बेरंग लगने लगता है, खासकर तब जब आपको पता हो कि वो इसी दुनिया के किसी हिस्से में आप के बारे में सोच रहे होंगे - सुनिए स्टोरीबॉक्स में एक खास कहानी 'ईद मुबारक' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

04-07
23:51

एक डॉगी की लवस्टोरी | स्टोरीबॉक्स | EP 82

कहते हैं कि आदमी इश्क़ में कुत्ता बन जाता है लेकिन मुझे ऐसा कोई डर नहीं था क्योंकि मैं तो एक कुत्ता ही था। मैं सड़क का आवारा कुत्ता था लेकिन मुझे इश्क़ हो गया था उस आलीशान घर में रहने वाली पिंकी पॉमेरेनियन से जो अपनी मंहगी कार में अपनी मालकिन की गोद में बैठी रहती थी। हमने भी हार नहीं मानी गली के सारे दोस्त यार, मरझिल्ले, कनकटे, दुबले-पतले कुत्ते जमा किए और एक प्लैन बनाया। - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'एक डॉगी की लव स्टोरी' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से साउन्ड मिक्सिंग: कपिल देव सिंह

03-31
19:26

फांसी या उम्रक़ैद? | PART 2 | स्टोरीबॉक्स | EP 81

15 साल कैद के बदले दस करोड़ की शर्त लगाने वाला वो अमीर कारोबारी कौन था जिसने सातवीं पास लड़के से लगाई एक अजीब शर्त? वो उस लड़के के कमरे में रिवॉल्वर लेकर क्यों गया था? और क्या वो लड़का अशर, 15 साल क़ैद की वो शर्त पूरी कर पाया? सुनिए स्टोरीबॉक्स में बेहद ख़ास कहानी फांसी या उम्रक़ैद - आजतक रेडियो पर साउन्ड मिक्सिंग: नितिन रावत

03-24
21:40

फांसी या उम्रक़ैद? | PART 1 | स्टोरीबॉक्स | EP 80

एक सातवीं पास शख्स से एक अमीर कारोबारी ने लगाई अजीब शर्त जिसमें उसे 15 साल तक एक क़ैद खाने में रहना था जिसके एवज में वो उसे दस करोड़ देने वाला था. क्यों लगाई उसने ऐसी शर्त और कौन जीता इस शर्त को - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'फांसी या उम्रकैद' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से साउन्ड मिक्सिंग: सचिन द्विवेदी

03-17
17:52

शून्य | स्टोरीबॉक्स | EP 79

सीमा दीदी ऑफिस में अपने पति की खूब तारीफें करती थीं लेकिन उनके हाथ पर हर रोज़ चोट का एक नया निशान दिखता था. वो कहती थीं, "वीकंड पर हम लोग फिल्म देखने गए थे, ये तो मेरा इतना ख़्याल रखते हैं कि पूछो मत बार बार फोन करते हैं" जबकि वो कभी उनको पिक करने दफ़्तर नहीं आए थे. सीमा दीदी दुनिया के सामने अपनी ज़िदगी को झूठी खूबसूरती से सजाए रखना चाहती थीं, जबकि अंदर ही अंदर वो एक गहरी तकलीफ से गुज़र रही थीं - सुनिए स्टोरीबॉक्स में ममता सिंह की लिखी कहानी 'शून्य' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से साउन्ड मिक्स: कपिल देव सिंह

03-10
23:25

हकीम साहब की चूहेदानी | स्टोरीबॉक्स | EP 78

जिस सुबह तीन मोटे चूहों ने हकीम साहब की सदरी दातों से कुतर डाली, उन्होंने तय किया कि अब चाहे जो भी हो जाए लेकिन इन चूहों से छुटकारा पाकर रहेंगे लेकिन उनको पकड़ने के लिए चाहिए एक चूहेदानी. एक तो सदरी कट गयी, ऊपर से पैसा खर्च करके वो खरीदें तो भई ये तो न हो पाएगा. इसके लिए उन्होंने एक ऐसी तरकीब सोची कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे, लेकिन ये तरकीब उतनी कारगर थी नहीं जितनी लग रही थी - सुनिए स्टोरीबॉक्स में जमशेद कमर सिद्दीक़ी से कहानी 'हकीम साहब की चूहेदानी'

03-03
20:06

A Nameless Dog (एक बेनाम कुत्ता) | स्टोरीबॉक्स | EP 77

कोई नहीं जानता था कि उस कुत्ते का नाम क्या था और वो वहां कब से आया था? काले रंग का वो कुत्ता मुझे हमेशा ग्राउंड फ्लोर के दरवाज़े की चौखट पर सर टिकाए बैठा रहता था. हर आहट पर उसके कान खड़े हो जाते थे पर अब वो बीमार हो गया था और एक रोज़ उसकी आंखें बंद होने लगीं... और तब मैंने उसे उसके नाम से पुकारा... शायद 8 साल में पहली बार किसी ने उसे उसके नाम से पुकारा था. उसने आंख खोली और फिर आहिस्ता से बंद कर लीं - सुनिए स्टोरीबॉक्स की खास कहानी 'अ नेमलेस डॉग' जमशेद कमर सिद्दीक़ी से.

02-25
19:52

उस खिड़की में ... कोई है | स्टोरीबॉक्स | EP 76

कभी आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि सड़क से गुज़रते हुए किसी ऐसे खाली मकान की तरफ देखने पर जो सालों से खाली हो... ऐसा लगता है जैसे उसकी खिड़की से कोई आपको देख रहा है? दो आंखें आपकी तरफ देख रही हैं... क्योंकि उन्हें आपसे कुछ कहना है... वो आपका तब तक पीछा करती हैं जब तक ... आप उन्हें देख पाते हैं और या फिर वो आपको - सुनिए स्टोरीबॉक्स की कहानी 'उस खिड़की में कोई है' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से साउन्ड मिक्स: कपिल देव सिंह

02-18
16:48

राजू शर्मा की लव स्टोरी | स्टोरीबॉक्स | EP 75

राजू शर्मा अब दो बच्चों के पिता और एक बीवी के पति हैं. बाहर निकला हुआ पेट है, डबल चिन है. ज़िंदगी की दो दुनी चार में उलझे रहते हैं पर क्या कोई कह सकता है कि ये वही राजू हैं जो कॉलेज के ज़माने में 'राज' हुआ करते थे. स्पोर्ट्स बाइक पर जिधर से निकलते थे लड़कियां आहें भरती थीं... पर फिर उनकी शादी हो गयी. फरवरी की गुलाबी ठंड में वैलेटाइन जब दस्तक देने लगता था तो राजू को याद आती थी अलीशा - सुनिए स्टोरीबॉक्स में नई कहानी 'राजू शर्मा की लव स्टोरी' जमशेद क़मर सिद्दीकी से साउन्ड मिक्स: सचिन द्विवेदी

02-11
12:28

काला धुआँ | स्टोरीबॉक्स | EP 74

शहर में हर तरफ दंगे फैले हुए थे. सड़कों से जली हुई गाड़ियों का काला धुआं उठ रहा था और बीच बीच में पुलिस की सायरन बजाती गाड़ियां सन्नाटे को चीरती हुई निकल जाती थीं. इसी वक्त मैं एक सड़क पर अपनी कार में बैठा मदद का इंतज़ार कर रहा था क्योंकि रास्ते में मेरी कार ख़राब हो गयी थी. तभी एक शख्स ने खिड़की पर दस्तक दी और उसके बाद वो हुआ जिसका मुझे बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'काला धुआं' जमशेद क़मर सिद्दीकी से

02-04
16:05

एक उदास रूह | स्टोरीबॉक्स | EP 73

आंटी ने मुझसे मना किया था कि मैं उस रास्ते से न आऊं लेकिन क्यों ये वो नहीं बताती थीं. एक बार जब मैंने ज़ोर देकर पूछा तो उन्होंने बताया कि उस रास्ते पर एक उदास रूह भटकती है. मुझे पता चला कि उसी रास्ते पर पहले भी तीन लाशें मिल चुकी हैं जिनकी हालत इतनी ख़राब थी कि उन्हें पहचाना भी नहीं जा सका. मैंने वादा तो कर लिया कि मैं उधर से नहीं जाऊंगा पर एक रोज़ ये वादा टूट गया. मैं दफ्तर से लौट रहा था तो उस रास्ते कि तरफ बढ़ गया. अंधेरा था और हवा सर्द थी, मैं उस रास्ते पर बढ़ता जा रहा था - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'एक उदास रूह' जमशेद क़मर सिद्दीकी से.

01-28
16:23

शहर, कोहरा और क़त्ल | स्टोरीबॉक्स | EP 72

पागलखाने की मोटी दीवारों के बीच नादिया ज़ंजीरों से बंधी हुई थी। शहर के अरबपति इत्र कारोबारी शेख अब्दुल हुनैद की इकलौती औलाद, चीख रही थी। दो डॉक्टरों की उंगली चबा लेनी वाली नादिया ने अपने शौहर के टुकड़े टुकड़े क्यों कर दिए और क्यों उसेक पिता ने उसके पति से कहा था - नादिया को नुकीली चीज़ों से दूर रखना। कोहरे की चादर से ढके शहर में कौन कर रहा था एक के बाद एक कत्ल... सुनिए कहानी 'शहर कोहरा और कत्ल' स्टोरीबॉक्स में @Jamshedhumd से.

01-21
18:13

नौ सो की लिप्स्टिक | स्टोरीबॉक्स | EP 71

“जाओ... कल से चली जाऊंगी रिक्शा करके, कोई ज़रूरत नहीं मुझे ऑफ़िस ड्रॉप करने की” अंजली गुस्से से बोली, “वैसे भी तुम्हारा टुटपुंजिया स्कूटर देखकर हंसते हैं मेरे ऑफिस वाले” मैंने कहा, “हां-हां तो तुम तो शाही घोड़ागाड़ी वाले खानदान की हो न... लोकेश ने तंज़ कसा तो अंजली ज़हरबुझी आवाज़ में बोली, “ख़ानदान की धौंस न दो, सब पता है तुमाए दादा सपरौता गांव में किसकी भैंसे नहलाते थे” मेरी बीवी बुशरा ने अंजली को खींचकर कुर्सी पर बैठाया लेकिन लोकेश मेरा हाथ छुड़ाकर नथने फुलाता हुआ चिल्लाया, “हां, नहलाते थे तो? तुम्हारे पापा की तरह चिटफंड घपले में अंदर तो नहीं गए" “ऐ ज़बान संबाल कर” वो चिल्लाई “तुम अपनी ज़बान देखो” लोकेश चीखा, “कैंची की तरह चलती है अम्मा जैसी ही” वो बोली “अरे तुम अपनी अम्मा देखो” अंजली हथेली चलाते हुए बोली “महीना-महीना पड़ी रहती हैं जैसे सड़क पर सीवर वाले पाइप पड़े रहते हैं.. एक काम नहीं करना... अरे अंजली, ज़रा पानी गर्म कर। अरे अंजली पानी ठंडा दे दो पीने के लिए। गांव में घड़े का पानी पीने वाली औरत, यहां फऱर्माइशें नहीं ख़तम होती... ” तभी लोकेश से एक गलती हो गयी... उसने कहा, देखो ऐसा है मुंह न खुलवाओ, कूड़ेदान में महंगी-महंगी लिप्स्टिक के बिल हमने बहुत देखा है - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी 'नौ सौ की लिप्सटिक' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.

01-14
13:30

अदरक वाली चाय | स्टोरीबॉक्स | EP 70

मैं जब उनके घर में फ्रिज रिपेयर करने पहुंचा तो मैंने देखा कि वो बुज़ुर्ग और उनकी पत्नी बड़े से पीली रौशनी वाले घर में अकेले थे। उनके पास बातचीत करने के लिए कुछ नहीं था। शायद उन्हें जो कुछ एक दूसरे से कहना था वो अपने 35 साल के रिश्ते में सब कह चुके थे। जब बुज़ुर्ग चाय बनाने लगे तो मैंने कहा, "क्या आप दोनों इस घर में अकेले ही रहते हैं" बुज़ुर्ग ने मेरी तरफ देखा। मुस्कुराए और बोले, "दो लोग अकेले नहीं होते, अकेले तो एक होता है" - सुनिए पूरी कहानी 'अदरक वाली चाय' स्टोरीबॉक्स में - जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.

01-07
19:12

न्यू ईयर नाइट और एक क्राइम | स्टोरीबॉक्स | EP 69

वो नए साल की रात थी... जब सारा शहर रंगिनियों में खोया था... शहर की सड़कें जश्न के रंग में डूबी हुई थी... लेकिन इसी शहर में शाम से ही पुलिस की गाड़ियां हड़बड़ाए सायरन की आवाज़ बजाते हुए शहर में घूम रही थीं। खबर थी कि इस शहर में एक संदिग्ध शख्स को दाखिल होते हुए देखा गया है जिसके इरादे खतरनाक हैं। वो शख्स कौन था... और क्या चाहता था... जश्न में डूबा हुआ उस शहर की खुशियों पर क्या ग्रहण लगने वाला था.... कौन था वो आदमी जिसकी सुर्ख आंखों में सिर्फ खतरनाक मंसूबे नहीं, कुछ आंसू भी थे - सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'न्यू ईयर नाइट और एक क्राइम' स्टोरीबॉक्स में.

12-31
19:06

छुट्टी का एक दिन | स्टोरीबॉक्स | EP 68

उस कड़कड़ाती ठंड की सुबह, स्कूल में बतौर टीचर पढ़ाने वाले एक साहब जब स्कूल जाने की तैयारी कर रहे थे कि तभी उन्हें रेडियो पर खबर मिली कि सर्दी की वजह से आज डीएम साहब ने पूरे ज़िले में दसवीं तक के स्कूलों की छुट्टी कर दी है। वो मारे खुशी के उछल पड़े लेकिन तभी उनके दिमाग में आयी एक शरारत... - सुनिए 'छुट्टी का एक दिन' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से

12-24
13:11

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