Discover
Tjurbe
30 Episodes
Reverse
only for you
इन दिनों सब कुछ मानो थम गया है — समय, उम्र, इच्छाएँ और विचार। इस आत्ममंथन से भरे एपिसोड में एक व्यक्ति अपने भीतर की यात्रा को साझा करता है — वह यात्रा जहाँ स्मृतियाँ धुंधली हैं, पर अनुभूतियाँ तीव्र हैं।प्रकृति और चेतना के अद्वितीय संगम में, एक शांति है, एक मौन है जो भीतर के सोए हिस्सों को जगा देता है।गंगा की लहरों, चाँद की चुप्पी और साथ बैठे अजनबियों के भीतर डूबी कहानियों के बीच, यह कहानी जीवन की उसी सूक्ष्म पूर्णता को पकड़ती है, जो कहती है — "शायद तुम भी उसी ठहरते समय में साँस ले रहे हो…"एक ऐसा एपिसोड जो आत्मा को छूता है, और आपको अपनी ही अनकही यात्रा से जोड़ देता है।
यह रचना एक लेखक की आत्मा से उपजे संवादों की श्रृंखला है, जहां बचपन की महक, प्रेम की अधूरी प्रतीक्षा, और बनारस की गलियाँ जीवन का तिलिस्म बन जाती हैं। जब शब्द जलते हैं और पन्ना शांत रहना चाहता है, तब आत्मा के भीतर गूंजती है — मौन कविता। यह यात्रा, स्मृतियों और प्रश्नों की नहीं, बल्कि एक चंद्रमा की खोज की है — जो हर रात टूट कर भी लौट आता है।
रचना के अंत में लेखक ने बहुत कुछ कहने के बाद भी बहुत कुछ बचा रखा है — यह अधूरा नहीं है, यह मौन का सौंदर्य है। यह अंतिम भाग जीवन की यात्रा का वह क्षण है जब आत्मा, प्रेम और स्मृति सब एक हो जाते हैं और केवल मौन बचता है। और शायद वही अंतिम शब्द होता है।
KASHI
"दिसंबर की एक सुनहरी दोपहर, छत पर बिखरी धूप, गहराई में डूबे विचार, और एक मासूम बालक का साधारण-सा प्रश्न—'क्या मैं कुछ ले जा सकता हूं?' इस प्रश्न ने मुझे जीवन के सबसे सरल और गहरे सत्य से जोड़ दिया। एक मुस्कान की ताकत, जो न केवल बांटी जा सकती है, बल्कि हर जगह उजाला भर सकती है। आइए, इस कहानी के साथ उन साधारण क्षणों की सुंदरता को महसूस करें, जो जीवन को असाधारण बना देते हैं।"
Written by - @kahaaniya_andazz28
(Archana)
क्योंकि बड़े बेटों को आता कहां है सीधे सादे प्रेम के दो लफ़्ज़ बोलना ।
जीवन में कुछ पल ऐसे होते हैं जिन्हें हम बार-बार जीना चाहते हैं, और यह निश्चित रूप से उनमें से एक था।
पता नहीं कितने जख्म हैं सीने में,
ये ख्वाब ,ये ख्वाइश,ये हसरतें सब खामोश है,
मैं खोजता हूं खुदा कि मंजिल को …
कोई कहता है ,खुदा कब्र वालों के साथ है !!
Content credit - Shivam Mishra Ji
लाखा मेलों का शहर
~ ममता कालिया
ज्ञान का संग्रह ,सपनों की अनगिनत दुनिया ,जवान दिल और ऊंची उम्मीदें ,ये सब है मेरे (छात्र ) जीवन में ।
कौन यकीन करता ही की आखें पढ़ी जा सकती है ?
हजारों साल का इतिहास अपने आप में समेटे यह शहर आज भी उसी तरह प्राणवान और स्पंदनशील है।
एक खिड़की ,जो मुझे बाहरी दुनिया से जोड़े हुए है !
जीवन में निरंतर नई अनुभूतियों के साथ नई चुनौतियां भी सामने आ रहीं है !
लिखना कुछ ऐसा की अल्फाज दिल से उतर आ जाए कागज़ पर !!
बनारस के घाट
वो शाम कुछ और थी, ये शाम कुछ और है...




