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Heart2Heart TALK

Author: kumar ABHISHEK upadhyay (Podcast)

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Description

Hi ! I am Kumar Abhishek, your host and friend on Anchor FM Podcast, who brings you "Heart to Heart Talk" which has some interesting tidbits for you to listen to, I share some poems, songs, interviews and inspiring stories. I keep doing You.
नमस्ते ! मैं कुमार अभिषेक, आपका मेजबान और एंकर एफएम पॉडकास्ट पर दोस्त हूं, जो आपके लिए "हार्ट टू हार्ट टॉक" लेकर आया है, जिसमें कुछ दिलचस्प बातें हैं, कि आप इसे सुनें, मैं कुछ कविताओं, गीतों, साक्षात्कारों और प्रेरक कहानियों को साझा करता रहता हूं। Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
88 Episodes
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सतीश बाबू के कहने पर बाबुलालजी लड़की वालो के लड़का देखने के लिए बुलाते है, इसी समय पंडितजी का बखेड़ा होता है। उनकी लड़की पर बाँझ होने का आरोप आता है। फिर क्या हुआ। देखि अंतिम कड़ी / --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
  हास्य नाटक | comedy act | मुंशी इतवारीलाल और बाज़  बहु बाबूलाल: (बड़बड़ाते हुए) एक हजार एक सौ मरतबा समझा गया, पर वाह रे तिरिया! कान पर जूं नहीं रेंगती। सतीश: (आवाज लगाकर) क्या बात है बाबूलालजी, सुबह जल्दी लालटेन हो रहे हो! बैठक में आने वाले या अंदर ही भाषण देते रहते हैं। बबलू: (पास आते हुए) आया सतीश बबलू! भाषण नहीं दे रहा हूँ। अपने कर्म को रो रहा हूँ। लेकिन इस घर में मेरी कोयी सुने, तब न। बताइये, एक हजार एक सौ एक मरतबा कोई बात कहूँ तो उसका असर क्यों नहीं होता। सतीश: वास्तव में यह ताज्जुब की बात है! हजार बार कहने से तो मंत्र से भी सिद्ध हो जाता है। बाबूलाल: आप ही देखिए न सतीश बबलू! मैंने हजार बार अपनी बहू से कह दिया कि सुबह जब मैं तिजोरी खोलकर लक्ष्मीमाया के दर्शन करता हूँ, उस वक्त मेरे सामने न पड़ा था। ‘वह है कि बू बाबूजी चाय’ कह कर छिपकली की तरह सामने कूद पड़ती है। कसम भगवान की, इतना गुस्सा आता है कि मेरे माथे में चाय की केतली उबलने लगती है। सतीश: कमाल है जनाब! कोयी सुबह सुबह चाय न मिलने पर गुस्साता है और आप चाय देखकर भड़कते हैं। बाबूलाल: हॉं मैं भड़कता हंन। मुझे तिजोरी खोलते वक्त बहू का आना कतई पसंद नहीं है। सतीश: क्यों वह तिजोरी पर हाथ साफ करता है। बबलू: जी नहीं! आप तो जानते हैं, साल के साल गुजरते जा रहे हैं, पर उसे कोख फलने का नाम नहीं लेती। घरवाली कहती है कि वह बॉंज़ है। मुहल्लेवाले उसकी छांव बरकाने लगे हैं। ऐसा अशुभ पहलू देखने को मैं ही बचा रहा हूँ। सतीश: अच्छा तो यह बात है। मैंने तब सोचा था कि शायद लड़के-बहू में बनती नहीं है। बाबूलाल: बनती क्यों नहीं। हे सतीश भैया, बनती तो ऐसी है कि गुड़ और चींटा माँ खा जाए। पर भैया, ऊसर में कहीं दूब जमती है। मेरी ऑख तरस बन गई चांद से पोते का मुंह देखने के लिए। वह दिन आता है तो मैं क्या नहीं करता। (लम्बी सांस भरकर) पर किस्मत को क्या कहूँ। सतीश: (जोश में) आप भी बाबूलाल जी, मर्द हो कर किस्मत का रोना रोते हैं। जो किस्मत पर काबू न पाया, वह भी कोयी इंसान है। बहू बांज़ निकल गयी तो उसका क्या रोना। हुमक कर लड़के की दूसरी शादी कर डालिये। देखिये, एक लड़की मेरी निगाह में है। बाबूलाल: यही तो रोना है सतीश बाबू! लड़के पर अपना ओवर जो नहींहैं। वह दूसरी शादी की बात सुनकर ऐसे मौनी बाबा बन जाती है गोया मुंह में भाषण ही न हो। सतीश: वाह बबलूजी! आप क्या लड़के को अनिश्चित समझ रहे हैं, जो वह आपके सिर पर चढ़कर हामी भर देगा। आप शादी का डॉल तो बैठाइये। बाबूलाल: क्या डारुल बैठाऊं! ऐसे में कौन भला आदमी ऑंख मूंदकर लड़की देगा। पड़ोसी हैं, समाज है और सबसे ऊपर मुंशी इतवारी लाल की लताड़ का डर है। सतीश: देखिए बाबूलालजी, समाज और मुंशी इतवारीलाल को तो अपने अंग पर रखिये। रही लड़की की बात, सो मेरी निगाह में तुम्हारी बिरादरी की ही एक लड़की है। रूप-गुण में लक्ष्मी है, पर हॉन्, जरा गरीब है। बाबूलाल: (उत्सुकता से) ऐसा। तो फिर देर क्या है सतीश बाबू! नेकी और पूछ पूछ। तुम बात क्यों नहीं चलाते सतीश: बात तो पक्की ही समझ में आती है। बस, आप एक बार चलकर लड़की देख ली रहें। लड़की क्या है, कच्चे दूध का कटोरा समझिये। बाबूलाल: तो चलिए, आज ही चलता हूँ। सतीश: चलिए, एक बात समझ लीजिये। लड़की गरीब घर की है, इसलिए कुछ मिलने का डौल नहीं है। बाबूलाल: आप मुझे क्या पैसा का लालची समझते हैं। सतीश: नहीं, मैं तुम्हें साधु समझता हूँ। पर बात पहले पहले ही साफ कर लेना अच्छा रहता है। और हॉं, अच्छी बहू के लिए अगर आपका कुछ रुपया खर्च हो जायें, मेरा मतलब है - गरीब लड़की वाले की कुछ मदद करनी पड़े तो आप तैयार हैं। बबलू: (आश्चर्य से) जी …… .ई …… ई ………। आप करेंगे तो वह भी करेगा। सतीश: (अकड़ कर) मैं कुछ नहीं चाहता। मैं तो सिर्फ दोस्तों की मदद और खिदमत करना चाहता हूँ। पर घर करते हाथ जलते हैं, इसलिए सारी बात दो टूक कह दी। नहीं तो बाद में आप मुंशीजी के सामने रोना रोने लगें। बाबूलाल: मुंशीजी को छोड़ दो सतीश बाबू! वे तो हमेश लेक्चर झाड़ते रहते हैं। सातवें आसमान से बातें करते हैं। उन्हें कभी आदमी की कसक नहीं सालती। मैं इस बारे में उन्हें बताना नहीं चाहता। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
 आखिरी सफर | पिछले एपिसोड में हमने देखा की सार्थक कुछ उखड़ा उखड़ा सा कुछ खोया खोया सा रहता था। उसका मन कही नहीं लग रहा था।  और बार बार वो अपने आपको कोसता  रहता था। जैसे उसने अमृता को हमेशा के लिए खो दिया था। अब आगे देखते है क्या होता है। In the last episode, we saw that there was something meaningful, uprooted and some lost, lost and lost. His mind could not seem to be anywhere. And again and again he used to curse himself. Like he lost Amrita forever. Now let's see what happens --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
https://youtu.be/VbeW0CV7oD4  | Comedy Act | कॉमेडी नाटक |मुंशी इतवारीलाल और बाज़ बहु |Part-2 | पिछली बार हमने देखा के सतीश बाबू अपनी कूटनीति से बाबुलालजी को फंसा लेते है , और बाबुलालजी अपने लड़के का  दूसरा विवाह कराने के लिए राजी हो जाते है , अब आगे देखते है , सुनते है। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
Zindagi Kaisi Hai Paheli - Under this title, you can find Entertainment Hindi Golden Songs with Unplugged sung by budding artists like "Mere Dil Mein Aaj Kya Hai" originally sung by Kishore Kumar, but here it is Unplugged The song is sung by Sanjib Bose, Mere Dil Mein Aaj Kya Hai - New Unplugged Version. Rajesh Khanna. Stain. Kishore Kumar. Sanjib Bose | The song "Age Bhi Jaane Na Tu" sung by Asha Bhosle, later unplugged by Arunima Bhattacharya, "Zindagi Kaisi Hai Paheli" is sung by Great Manade, then unplugged by Santanu Dey. Friends, it is my humble endeavor to keep my voice in such a way that you can support me in the voice-over race. Thanks a lot. --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
JAHAN DAAL DAAL PAR SONE KI CHIDIYA KARTI HAI BASERA | जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा। १५ अगस्त की देशभक्ति बहुत सारी बधाई और शुभकामनाएं।  दोस्तों हमारा देश एक  ऐसा पवित्र और बड़े दिलवाला देश है , जो किसी भी दुश्मन का भी बुरा करना नहीं चाहता वो तो अपने देशद्रोहियों को भी सुधरने का हर बार मौक़ा देता है। पर जब पानी सर के ऊपर से जाता है तब हमारी  आन -बान और शान के लिए हर   चुनौती से लिपटने के लिए हम तैयार रहते है  तब हम उसे उसकी औक़ात दिखा देते हैं  । आजका कार्यक्रम आपके सन्मुख है, कुछ देश भक्ति गीतों के साथ इस पर्व का उत्सव को हम मनाये। इसी मंगल कामना के साथ।  जय हिन्द  --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
Manas Dhyan | मानस ध्यान   Manas Dhyan | इस श्रृंखला में हम ध्यान द्वारा मन को समझ ने के प्रयास करेंगे।  मानस ध्यान  के द्वारा आप मन के अवस्था से ऊपर उठ सकते है।  मन बड़ा उटपटांग है उसे काबू में नहीं उसे दूसरी और मौड़ ना है। उसकी गति में सुधर लाना है। उसे स्थिर करने के मिथ्या प्रयास ना करे।  Manas Dhyan | In this series we will try to understand the mind through meditationThrough mind meditation you can rise above the state of mind. The mind is very quirky, it cannot be controlled, it does not have any other turn. He has to improve his speed. don't make false attempts to fix it --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
Sawan Ke Jhule Pade Tum Chale Aao | सावन के झूले पड़े तुम चले आओ। एक छोटासा एहसास भरा गीतों का गुलदस्ता आपके सामने पेश कर रहा हूँ , आशा करता हूँ आपको पसंद आएगा। धन्यवाद | सुबह-सुबह दरवाजे पर दस्तक हुई. उनींदी आखों से दरवाजा खोला तो हैरान रह गई. उम्मीदों भरी टोकरी में यादों के सिलसिले…हरियाली में डूबी पूरी कायनात, तन ही नहीं मन को भी भिगोती बूंदों की सौगात लिये जो शख्स खड़ा था उसका चेहरा जाना-पहचाना तो बिलकुल भी नहीं लगा. लेकिन ये जो भी था, न जाने क्यों मुझे अच्छा लग रहा था। https://pratibhakatiyar.wordpress.com/2009/07/07/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AC%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%87/  I am presenting a small bouquet of songs filled with feelings, I hope you will like it. thanks | with due credit to Kya Mujhe Pyaar Hai - Unplugged Cover! Vicky Singh! Woh Lamhe | Saawan Ke Jhoole Pade ! Samir & Dipalee Date's sing beautiful monsoon melody composed by R.D. Burman --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
GOOD THOUGHTS THAT CHANGE YOUR MIND DIRECT YOU A REAL LIFE STYLE | अच्छे विचार जो आपके दिमाग को बदल दें और आपको एक वास्तविक जीवन शैली निर्देशित करें  | good thoughts that change your mind and direct you a real lifestyle | These thoughts created by Mr. Mangesh Upadhyay uploaded from Whatsapp| <a href="https://storyset.com/people">People illustrations by Storyset</a> Images credit for|  --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
लोग क्या कहेगे इस बात पर हम यु उलझते जा रहे है। We are getting entangled on what people will say. | आज के इस शीर्षक में , मैं यहाँ कुछ नामी कुछ, कुछ बेनाम कवियों की कविताये यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ। कुछ खामिया अवश्य रह गई होगी , क्यों की मैं मनुष्य हूँ भूल के पात्र हूँ। इसलिए क्षमा का अधिकारी भी हूँ।  जीवन का फलसफा भी बड़ा अजीब है उसे कोई समझ नहीं पाया , जिसे हम समझ पाए , वो हमे नहीं समझ पाया। बस सब अपनी अपनी मौज में गुज़र गए । मंज़िल kisi ko नहीं mili। सिर्फ तसल्ली कर लेते है लोग बाकि तलाश तो  ज़िन्दगी के बाद भी जारी रहती है। कविता हमारे जीवन से सम्बंधित कुछ आयामों को परिभाषित करती है। कुछ प्रेरणा , कुछ शिक्षा कुछ कटाक्ष से हमे जगा जाती है। कुछ कवितायेँ मुद्दों को कहती है , तो कुछ दिल के तारों को छेड़ जाती है। कुछ चुभन दे जाती है। मुश्किलें कब रूकती है क्या रुक जाना , या उससे मुँह फेर लेना छुटकारा है । ख़ुशी और ग़म तो एक धूपछांव से है। बहुत सारी बातें प्रश्न बन हमरे सामने खड़ी है। इनायतेँ होती है उसका कोई मोल चुकाया नहीं जाता। बस दिल से शुक्राना अदा कर दीजिये उन्हें सुकून मिल जायेगा। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
दूसरों पर ऊँगली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए  |  भारत में जब कोरोना नहीं था तब उसकी सम्भावना को कहे जानेवाले तत्वज्ञों ने चेतावनी दी थी , और सावधान होने के लिए देश भर में  अभियान सा किया था।  सभी को इस बात पर इतना भरोसा नहीं था के कोरोना आ सकता है , आखिर कार कोरोना का हमला हुआ और अफरातफरी फैली कई लाखो लोगोने अपनी जान गवाई देश के प्रधान मंत्री ने अपना जितना सहयोग हो सकता था किया और उस पर काबू पा लिया , फिर से सब जीवन व्यवहार चलने लगा  उसके बाद फिर से २०२१ में कोरोना का दूसरा राऊंड शुरू होने की आशंका जाएगी पर लोगो ने पिछली शिक्षा से कुछ सीखा नहीं और कोई एहतियात नहीं बरती आज देश में सभी विपक्ष और आम जनता प्रधान मंत्री को  है कोरोना के इस कहर के लिए जिम्मेंदार मानते है।  प्रश्न है कौन है ज़िम्मेदार खुद से पूछे  --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
मजदुर बच्चे और गरीबी (कहानी) - Child Labour and Poverty Hindi Story| हमारे देश में भले ही बालश्रम (निषेध और नियम ) कानून बना चुकी हैं।  पर उन ठेकेदारों को कौन समझाए जो इन कानूनों को घोलकर पी गए है।  आज बाल मजदुर कही ना कही मिल ही जाते हैं।  आजकी कहानी इन्ही मासूम बच्चो  जीवन से सम्बंधित हैं।  इस कहानी को लिखा है श्री  आशीष जी ने आइये सुनते हैं। Even in our country, child labor (prohibition and rules) has been enacted. But who should explain to those contractors who have drunk and dissolved these laws. Today Bal Mazdur can be found somewhere. Today's story is related to the life of these innocent children. Mr. Ashish ji has written this story, let's hear --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
"डिप्रेशन और आत्महत्या के विरुद्ध  एक जीवन संवाद | "A Life Dialogue Against Depression and Suicide | तनाव और डिप्रेसन ये एक आम होती जाती समस्या हैं।  अगर इससे शीघ्र बाहर नहीं निकला जाए तो फिर ये समस्या व्याधि का रूप लेकर जीवन भर हमे जीने नहीं देती | डिअर ज़िन्दगी में प्रकाशित इस लेख को यहाँ प्रस्तुत करने का एक उम्दा प्रयास है |  लेखक श्री सयशंकर मिश्रजी की  --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
Thokar Par Likha Hain Jeene Ka Saliqa | ठोकर पर लिखा है जीने का सलीका | एक ऐसे इंसान की कहानी जो मुंबई की धारावी झोपड़पट्टी में पला बड़ा हुआ , ज़िन्दगी ने कई ठोकरे दी गिरा और संभाला भी।  कभी भूख प्यास ने  सताया तो कभी लोगो ने ,गरीबी का यही इम्तेहान है वो तरसाती रहती है। पर  उस लड़के के पास दुसरो को हंसाने का हुनर था फिर क्या वो पहुँच गया फ़िल्मी दुनिया के फलक पर।  फिर क्या हुआ ? आइये जानते है। The story of a man who grew up in the Dharavi slum of Mumbai, life dropped and handled many things. Sometimes hunger thirsted, sometimes people persecuted, this is the test of poverty. But that boy had the skills to make others laugh, then did he reach the stage of the film world? What happened then ? Let's know --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
Vishwas se Hi Kalpna Sakar Hoti Hain |विश्वास से ही कल्पना साकार होती हैं। प्रत्येक व्यक्ति का ९० प्रतिशत मानसिक जीवन कल्पना अथवा धारणा पर अवलम्बित हैं। यह एक अद्भुत शक्ति हैं। इसका प्रयोग और उपयोग ही आपको जीवन की संकीर्ण सीमा के पार कर सकता हैं। आपका चिंतन जितना सकारात्मक होगा उसकी छबि आपके दिमाग पर स्पष्ट सन्देश देंगी। यही आपके जीवन के तथ्यों और अनुभवों के रूप में प्रकट होगी। हमारा मन कल्पनाशील हैं ,उसे कल्पना में उड़ना पसंद हैं, इसलिए उसे तरंगी मन भी कहते हैं। आपकी धारणा जितनी परिपक्व होगी उसका परिणाम भी सचोट व् प्रत्यक्ष होगा। , पूर्ण रूपी स्वीकृति का कोई विवाद नहीं होताा और परिणाम भी आपके पक्ष को मजबूत करता हैं। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
MahaShivratri Parv | महाशिवरात्रि पर्व | शिव समान दाता नहीं कोई, वो प्रसन्न हो जाये तो स्वर्ण नगरी प्रदान कर देते है और अप्रसन्न होने पर कामदेव की भांति भष्म कर देते है। आज का कार्यक्रम शिव के नाम आइये उनकी भक्ति में खो जाये।  --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
Dusron Ke Bich Khas Hona Hai To Vicharon Mein Laye Badlaav09 | दूसरों के बिच खास होना हैं तो विचारों में लाये बदलाव | विचार ही हमारे  जीवन को सफल और निष्फल बनाते है। सफलता तबतक हमें सफल नहीं करती  जबतक की हम सफलता की blue print तैयार नहीं करते।  निष्फलता का भी वैसे ही हैं। इसलिए सकारत्मकता हमारे  जीवन को  उन्नत करता है। Thoughts make our life successful and fruitless. Success does not make us successful unless we create a blue print of success. They are the same for failure. So positiveness enhances our lives | My Contact : 097254 66546 --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
विषकन्या | Poison girl |वैदिक साहित्य, लोक कथाओं और इतिहास के अनुसार विषकन्या उस स्त्री को कहा जाता है, जिसे बचपन से ही थोड़ा – थोड़ा विष देकर जहरीला बनाया जाता है । इन्हें विषैले वृक्ष और जीव – जंतुओं के बीच रहने का अभ्यस्त बनाया जाता है । इसी के साथ ही स्त्रियोचित गुणों जैसे गायन, नृत्य और संगीत की शिक्षा भी जाती है । इन्हें सभी प्रकार की छल विद्याओं में माहिर बनाया जाता है, ताकि राजाओं द्वारा इनका इस्तेमाल करके शत्रु राजा को छलपूर्वक मृत्यु के घाट उतारा जा सके । विषकन्या कई प्रकार से शत्रु राजाओं के शरीर में अपना विष पहुँचाने की अभ्यस्त होती है । जैसे विषकन्याओं का श्वास बहुत ही जहरीला होता है । यदि कोई उनका निश्वास अपने अन्दर ग्रहण करें तो कुछ ही क्षणों में वह बीमार हो सकता है या उसकी मृत्यु हो सकती है । विषकन्यायें अपने मुख में विष रखकर भी चुम्बन लेने के बहाने शत्रु के शरीर में विष पहुँचा सकती है । --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
आचार विचार और सुविचार | Conduct Ideas and Considerations | शरीर को सुरुचि भोजन और आत्मा को सुविचार  पुष्ट बनाता है। जैसे अनुचित आहार  से शरीर बिगड़ता है ठीक इसी प्रकार से अनुचित विचार से मन और आत्मा दूषित हो जाते है। अभिव्यक्ति आपके आचार विचार और व्यवहार, चरित्र - चिंतन , अध्ययन , अनुभव और संस्कारो का परिचय है।  --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
सौंधी खुशबू | Saundhi Khushboo | ये कहानी है संवेदना के छाव की , किसी के साथ को सहेजने की, भीनी भीनी नमी को महसूस करने की। एक अकेला पौधा हो या एक अकेला मनुष्य अपने जीवन के खालीपन को भरने के लिए उत्सुक होता है।  एक खोज रहती है। खिलना और मुरझाना उस बात पर निर्भर करता है की आप कितना स्वयं से जुड़ते है और बिछड़ते है।  किसी जोड़े में से एक का बिछड़ना कितना कष्टदायक होता है। ये बात रामायण में बताई गई है की सारस पक्षी के एक जोड़े  में से एक को आखेटक के द्वारा मारा जाना वाल्मीकिजी ने जब यह देखा तो उन्होंने निषाद को श्राप दिया की जिस प्रणयरत इस जोड़े को तूने मारा है " तुझे कभी शांति नहीं मिलेगी " --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/message Support this podcast: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kumar-abhishek/support
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