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मार्ग सत्य जीवन
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मार्ग सत्य जीवन

Author: मार्ग सत्य जीवन

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मार्ग सत्य जीवन सत्य वचन कलीसिया की सेवकाई है। यह उत्तरी भारत में कलीसिया के आध्यात्मिक विकास के लिए मुफ्त संसाधन उपलब्ध कराती है। मा.स.जी. पर पाए जाने वाले सन्देश सत्य वचन कलीसिया के अगुवों द्वारा प्रचार किए गए हैं। आप इन संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं, और स्पष्ट करें कि आप मा.स.जी. के संसाधनों का उपयाग कर रहे हैं।
Marg Satya Jeevan (MSJ) is a ministry of (SVC). It provides free Hindi resources for the spiritual growth of the church in North India. The sermons on the MSJ website are preached by the Elders of SVC. Please feel free to use the resources, and please duly acknowledge MSJ.
779 Episodes
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विश्वासयोग्य परमेश्वर हमारे पापों को क्षमा करता है। भजन संहिता 32:1-11 The Faithful God Forgives Our Sins. Psalm 32:1-11 #margsatyajeevan​​ ​​ #मार्गसत्यजीवन #sermonclips #sermonjam https://margsatyajeevan.com/  https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
बाइबल का परमेश्वर सर्वाधिकारी है। The God Of The Bible Is Sovereign Over All.  #margsatyajeevan​​ ​​ #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #sermonjam #sermoclips #msj  https://margsatyajeevan.com/  https://www.instagram.com/margsatyaje...  https://www.facebook.com/margsatyajee...  https://anchor.fm/margsatyajeevan --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
सामर्थी परमेश्वर विश्वासियों का दृढ़ गढ़ है, इसलिए उस पर भरोसा रखो। भजन संहिता 46:1-11  The Mighty God Is The Refuge Of Believers, Therefore Trust In Him. Psalm 46:1-11  1. परमेश्वर विषम परिस्थितियों में भी  सामर्थी  है।  2. परमेश्वर यहोवा अपने लोगों के मध्य उपस्थित है। 3. परमेश्वर ही अन्तत: महान होगा।  #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #Psalms #hindisermon https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyaje... https://www.facebook.com/margsatyajee... --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
अपने शत्रु के लिए प्रार्थना करने का क्या अर्थ है भक्तिमय अध्ययन: जॉन पाइपर के द्वारा डिज़ाइरिंग गॉड: ठोस आनन्द What It Means to Pray for Your Enemy Devotional by John Piper DESIRING GOD: Solid Joys --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
सुसमाचार वृद्धि हेतु प्रार्थना करो।  1 तीमुथियुस 2:1-7   Pray For Gospel Growth  1Timothy 2:1-7   #margsatyajeevan​​ ​​ #broharshitsingh #1Timothy  https://margsatyajeevan.com/  https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/  https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/uetlmYeNVkw --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
धन के लोभ से भागो! जो मिला है उसमें संतुष्ट रहो।  मत्ती 6:9-15    Flee From The Greed of Money! Be Satisfied With What You Have Received.  Matthew 6:9-15 --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
एक फल रहित नामधारी शिष्य विनाश की ओर अग्रसर है ।  मत्ती 5:13-16    A Fruitless Namesake Disciple Is Heading  Towards Destruction.  Matthew 5:13-16 https://youtu.be/nVYFaSPjiPo --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
सबसे छोटा विश्वास डिज़ाइरिंग गॉड: ठोस आनन्द भक्तिमय अध्ययन: जॉन पाइपर के द्वारा डिज़ाइरिंग गॉड: ठोस आनन्द The Smallest Faith Devotional by John Piper DESIRING GOD: Solid Joys --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
कष्ट सहने के लिए पाँच उद्देश्य भक्तिमय अध्ययन: जॉन पाइपर के द्वारा डिज़ाइरिंग गॉड: ठोस आनन्द Five Purposes for Suffering Devotional by John Piper DESIRING GOD: Solid Joys --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
धन्य हैं वे जो मेल कराने वाले हैं, क्योेंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।   मत्ती 5:9   Title :The Disciples of Jesus are Eager to be Peacemakers.  Blessed are the peacemakers, for they shall be called sons of God.  Matthew 5:9  https://youtu.be/ISJCKBRZlaM --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
आप अन्त में हार नहीं सकते हैं You Cannot Lose in the End. “तुम्हारे पास पहरेदार हैं; जाओ, जैसे भी उसे सुरक्षित रख सको, वैसा ही करो” (मत्ती 27:65) जब यीशु की मृत्यु हुई और उसको गाड़ा गया और उसके कब्र पर एक बड़ा पत्थर लुढ़काया गया, तब फ़रीसी पिलातुस के पास आए और उन्होंने पत्थर को मुहरबन्द करने और क़ब्र की सुरक्षा के लिए अनुमति माँगी। उन्होंने व्यर्थ में अपनी ओर से उत्तम प्रयास किया था। यह तब निष्फल था, यह आज भी निष्फल है, और यह सदैव निष्फल रहेगा। लोग भले ही जितना प्रयास कर लें, वे यीशु को दबाकर नीचे नहीं रख सकते हैं। वे उसे गाड़कर नहीं रख सकते हैं। यह बात समझना कठिन नहीं है कि: वह इसे तोड़कर बाहर आ सकता है क्योंकि उसे बलपूर्वक अन्दर नहीं भेजा गया था। उसने यह सब होने दिया कि झूठ के सहारे उस पर दोष लगाया जाए, तथा उसको पीड़ित किया जाए, तिरस्कृत किया जाए तथा उससे घृणा की जाए तथा इधर-उधर धक्का देकर गिराया जाए और मार डाला जाए। मैं अपना प्राण देता हूँ कि उसे फिर ले लूँ। कोई उसे मुझे से नहीं छीनता, परन्तु मैं उसे अपने आप ही देता हूँ। मुझे उसे देने का अधिकार है, और फिर ले लेने का भी अधिकार है। यह आज्ञा मैंने अपने पिता से पाई है। (यूहन्ना 10:17-18) --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
उचित लज्जा क्या है? What Is Well-Placed Shame? क्योंकि जब तुम पाप के दास थे तो धार्मिकता की ओर स्वतन्त्र थे। जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो उनसे उस समय पर क्या लाभ प्राप्त करते थे? क्योंकि उनका परिणाम तो मृत्यु है। (रोमियों 6:20-21) जब एक ख्रीष्टीय की आँखे अपने पुराने व्यवहार द्वारा परमेश्वर का अनादर करने वाली दुष्टता के प्रति खोली जाती हैं, तो वह ख्रीष्टीय उचित रीति से लज्जा का आभास करता है। पौलुस रोम की कलीसिया से कहता है, “जब तुम पाप के दास थे . . . जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो  उनसे उस समय पर क्या लाभ प्राप्त करते थे?” बीती बातों के विषय में मुड़कर देखने और पीड़ा की चुटकी को अनुभव करने का एक उचित स्थान है कि हम एक समय ऐसा जीवन जी रहे थे जो परमेश्वर का अत्यधिक अनादर करने वाला था। यह सच है, कि इस बात पर विचार करते रहने के द्वारा हमें लकवाग्रस्त नहीं होना चाहिए। किन्तु एक संवेदनशील ख्रीष्टीय का हृदय युवावस्था की मूर्खता के विषय में बिना लज्जा की गूँज को अनुभव किये नहीं सोच सकता है, भले ही प्रभु के साथ हमारा उचित सम्बन्ध हो। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
महान राजा का दाखरस The Great King’s Wine. क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं जो हमारी निर्बलताओं में हमसे सहानुभूति न रख सके। वह तो सब बातों में हमारे ही समान परखा गया, फिर भी निष्पाप निकला। (इब्रानियों 4:15) मैंने कभी भी किसी को यह कहते हुए नहीं सुना है कि, “मेरे जीवन की वास्तविक गहन शिक्षाएँ शान्ति और सुख के समय में आयी हैं।” किन्तु मैंने दृढ़ सन्तों को यह कहते हुए सुना है कि, “परमेश्वर के प्रेम की गहराइयों को समझने और उसके साथ गहन सम्बन्ध में बढ़ने में मेरी प्रत्येक महत्वपूर्ण उन्नति, दुख के माध्यम से आई है।” यह एक गम्भीर बाइबलीय सत्य है। उदाहरण के लिए: “[ख्रीष्ट] के कारण मैंने सब वस्तुओं की हानि उठाई है और उन्हें कूड़ा समझता हूँ जिस से  मैं ख्रीष्ट को प्राप्त करूँ” (फिलिप्पियों 3:8)। इसको दूसरो शब्दों में कहें तो: दुख नहीं तो लाभ नहीं। या फिर: अब सब कुछ को बलिदान होने दें, यदि इससे मुझे और अधिक ख्रीष्ट प्राप्त होता है। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
परमेश्वर से बात करें, केवल उसके विषय में नहीं Talk to God, Not Just About Him. भजन 23 का ढाँचा शिक्षाप्रद है। भजन 23:1-3 में दाऊद परमेश्वर को “वह” कहता है: यहोवा मेरा चरवाहा है… वह मुझे बैठाता है… वह मेरी अगुवााई करता है… वह मेरे जी में जी ले आता है। तब 4 और 5 पद में वह परमेश्वर को “तू” कहता है: मैं हानि से नहीं डरूँगा क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरी छड़ी और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है। तू मेरे लिए मेज़ लगाता है। तू ने मेरे सिर पर तेल उण्डेला है। तब पद 6 में वह पुनः परमेश्वर को “वह” कहता है: मैं यहोवा के घर में सर्वदा वास करूँगा। इस ढाँचे से जो शिक्षा हम ले सकते हैं वह यह है कि बिना परमेश्वर से  बात किए उसके विषय में अधिक बात करना अच्छा नहीं है। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
शैतान को उसकी पराजय से अवगत कराएँ Make Satan Know His Defeat. शैतान का सामना करो तो वह तुम्हारे पास से भाग जाएगा। (याकूब 4:7) हमारे दिनों में शैतान जितना अधिक वास्तविक — और जितना अधिक स्पष्ट रूप से सक्रिय होता—  प्रकट होता है, उतना ही अधिक उस पर भरोसा करने वालों के लिए ख्रीष्ट की विजय बहुमूल्य होगी। नया नियम सिखाता है कि जब ख्रीष्ट मरके जी उठा, तो शैतान निर्णायक रूप से पराजित हुआ। उसे सीमित स्वतन्त्रता का समय दिया गया है, किन्तु परमेश्वर के लोगों के विरुद्ध उसकी शक्ति टूट गई है और उसका विनाश निश्चित है। “परमेश्वर का पुत्र इस अभिप्राय से प्रकट हुआ कि वह शैतान के कार्य को नष्ट करे” (1 यूहन्ना 3:8)। “अत: जिस प्रकार बच्चे मांस और लहू में सहभागी हैं, तो [ख्रीष्ट] आप भी उसी प्रकार उनमें सहभागी हो गया, कि मृत्यु के द्वारा उसको जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली है, अर्थात् शैतान को, शक्तिहीन कर दे” (इब्रानियों 2:14)। “[परमेश्वर] ने प्रधानों और अधिकारियों को उसके द्वारा निरस्त्र कर दिया तब उन पर विजय प्रप्त करके उनका खुल्लम-खुल्ला तमाशा बनाया” (कुलुस्सियों 2:15)। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
अनुग्रह को सेंतमेत में होना चाहिए Grace Must Be Free. तेरे पास क्या है जो तुझे नहीं मिला? यदि वह तुझे मिला है तो फिर घमण्ड क्यों करता है मानो तुझे नहीं मिला? (1 कुरिन्थियों 4:7) उद्धार को एक घर के रूप में चित्रित करें जिस में आप रहते हैं। यह आपको सुरक्षा प्रदान करता है। यह खाने पीने की वस्तुओं से भरा हुआ है जो सदा के लिए रहेगा। यह न कभी सड़ता है और न ही टूटता है। इसके झरोखें सर्व-संतोषजनक महिमा के परिदृश्यों पर खुलते हैं। परमेश्वर ने इसका निर्माण अपना और अपने पुत्र की बड़ी हानि उठाकर किया है, और उसने इसे आपको सेंतमेत में और स्पष्ट रीति से दे दिया है। इस “क्रय” के अनुबन्ध को एक “नई वाचा” कहा जाता है। इसका प्रतिबन्ध इस प्रकार से हैं: “यह घर आपका हो जाएगा और आपका बना रहेगा यदि आप इसे एक उपहार के रूप में स्वीकार करेंगे और पिता और पुत्र में आनन्दित होंगे जब वे आपके साथ घर में वास करते हैं। आप पराए देवताओं को आश्रय देकर या अपने हृदय को उससे हटाकर अन्य धन की ओर लगाकर परमेश्वर के घर की निन्दा नहीं कर सकते हैं, परन्तु आप इस घर में परमेश्वर की संगति में अपनी सन्तुष्टि को पाएँगे।” --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
यीशु को स्मरण करने की दो रीतियाँ Two Ways to Remember Jesus. मेरे सुसमाचार के अनुसार दाऊद के वंशज मृतकों में से जी उठे यीशु ख्रीष्ट को स्मरण रख। (2 तीमुथियुस 2:8) पौलुस यीशु को स्मरण करने की दो विशिष्ट रीतियों का उल्लेख करता है: मृतकों में से जी उठे के रूप में उसे स्मरण करो। और उसे दाऊद की सन्तान के रूप में स्मरण करो। यीशु के विषय में ये दो बातें क्यों हैं? क्योंकि यदि वह मृतकों में से जी उठा है तो वह जीवित है और मृत्यु पर विजयी है — हमारी मृत्यु पर भी! “यदि उसका आत्मा जिसने यीशु को मृतकों में से जीवित किया तुम में निवास करता है, तो वह जिसने ख्रीष्ट यीशु को मृतकों में से जीवित किया, तुम्हारी मरणहार देहों को भी अपने आत्मा के द्वारा जो तुम में वास करता है, जीवित करेगा” (रोमियों 8:11)। जिसका अर्थ है कि दुख उठाना कितना भी गम्भीर क्यों न हो जाए, इस पृथ्वी पर वह अधिक से अधिक आपका घात ही कर सकता है। परन्तु यीशु ने उस शत्रु के डंक को निकाल दिया है। वह तो जीवित है। और आप भी जीवित रहेंगे। “उन से मत डरो जो शरीर को घात करते हैं पर आत्मा को घात नहीं कर सकते” (मत्ती 10:28)। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
न्याय के समय की पुस्तकें The Books at the Judgment. पृथ्वी के सब निवासी [पशु] की पूजा करेंगे, अर्थात प्रत्येक व्यक्ति जिसका नाम उस मेमने के जीवन की पुस्तक में, जो जगत की उत्पत्ति के समय से घात किया गया है नहीं लिखा गया है। (प्रकाशितवाक्य 13:8) जिनका नाम जीवन की पुस्तक में लिखा गया है उद्धार उन सब के लिए सुरक्षित है। जीवन की पुस्तक में नाम लिखा जाना हमारे उद्धार को सुरक्षित इसलिए करता है क्योंकि इस पुस्तक को कहा जाता है, “मेमने  के जीवन की पुस्तक जो घात किया गया है।”  इस पुस्तक में लोगों के नाम उनके कार्यों के आधार पर नहीं लिखे जाते हैं। वे नाम तो ख्रीष्ट के घात किए जाने के आधार पर लिखे गए हैं। परन्तु यूहन्ना प्रकाशितवाक्य 20:12 में कहता है, “तब मैंने छोटे बड़े सब मृतकों को सिंहासन के समक्ष खड़े हुए देखा, और पुस्तकें खोली गईं, तथा एक और पुस्तक खोली गई जो जीवन की पुस्तक है, और उन पुस्तकों में लिखी हुई बातों के आधार पर सब मृतकों का न्याय उनके कामों के अनुसार किया गया।” तो, “पुस्तकों” में निहित हमारे जीवन के अभिलेखों का हमारे न्याय में क्या लेना-देना होता है, यदि हम ख्रीष्ट के घात किये जाने के आधार पर बचाए जाते हैं? --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
नई वाचा में नई बात क्या है। What’s New About the New Covenant. “परन्तु जो वाचा मैं उन दिनों के बाद इस्राएल के घराने के साथ बान्धूँगा वह यह है,” यहोवा कहता है, “मैं अपनी व्यवस्था उनके मनों में डालूँगा और उसे उनके हृदयों पर लिखूँगा; और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँगा तथा वे मेरी प्रजा ठहरेंगे।” (यिर्मयाह 31:33) यीशु प्रेम और आज्ञाओं के मध्य में किसी भी सम्पूर्ण पृथकता को नष्ट करता है। वह कहता है, “यदि तुम मुझ से प्रेम  करते हो, तो मेरी आज्ञाओं  का पालन करोगे . . . जिसके पास मेरी आज्ञाएँ  हैं और वह उनका पालन करता है, वही मुझ से प्रेम  करता है, और जो मुझ से प्रेम करता है, उस से मेरा पिता प्रेम करेगा” (यूहन्ना 14:15, 21)। “यदि तुम मेरी आज्ञाओं  का पालन करोगे तो तुम मेरे प्रेम  में बने रहोगे, वैसे ही जैसे मैंने अपने पिता की आज्ञाओं का पालन किया है, और उसके प्रेम में बना रहता हूँ” (यूहन्ना 15:10)। आज्ञाओं और आज्ञाकारिता के विषय में विचार करने के कारण यीशु को अपने पिता के प्रेम का आनन्द लेने से नहीं रोका गया। और वह अपेक्षा करता है कि उसके विषय में जब हम यह सोचते हैं कि वह आज्ञाएँ  देता है, यह उसके साथ हमारे प्रेम के सम्बन्ध को भी जोखिम में नहीं डालेगा। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
जब आप लड़खड़ाते हैं तो कैसे प्रतिउत्तर दें How to Respond When You Falter. क्योंकि जिस भलाई की मैं इच्छा करता हूँ, वह तो नहीं कर पाता; परन्तु जिस बुराई की इच्छा नहीं करता, वही करता रहता हूँ। (रोमियों 7:19) ख्रीष्टीयगण केवल पराजय में ही जीवन नहीं जीते हैं। और न ही हम सर्वदा पाप पर सिद्ध विजय में जीते हैं। तो उन समयों में जब हम पाप पर विजयी होने में असफल होते हैं, तो रोमियों 7:13-25  दिखाता है कि एक स्वस्थ्य ख्रीष्टीय को सामान्य रीति से कैसे प्रतिउत्तर देना चाहिए। हमें कहना चाहिए: मैं परमेश्वर की व्यवस्था से प्रेम करता हूँ (पद 22) मैंने जो कार्य अभी किया है उससे मैं घृणा करता हूँ (पद 15) मैं कैसा अभागा मनुष्य हूँ! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा? (पद 24) परमेश्वर का धन्यवाद हो! विजय मेरे प्रभु यीशु ख्रीष्ट के द्वारा आएगी। (पद 25) दूसरे शब्दों में, कोई भी ख्रीष्टीय पराजय में जीना नहीं चाहता है। कोई भी ख्रीष्टीय पराजय में जीने से सन्तुष्ट नहीं रहता है। किन्तु यदि हम कुछ समय के लिए पराजित हुए हैं, तो हमें इसके विषय में झूठ नहीं बोलना चाहिए। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/marg-satya-jeevan/message
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Comments (2)

Ashish John

awesome 👍

Sep 13th
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Ashish John

thanks for making and producing hindi content gospel based

Aug 15th
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