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फैज़ अहमद फैज़। की लिखी हुई नज़्म।
फैज़ साहेब की किताब सारे सूखन हमारे से।
परवीन शाकिर की एक गजल।
विजय अकेला की किताब लश्कर से एक कविता।
मानव कौल की किताब से।
सुना है छूटी हुई चीजों की जड़े उग आती है! _मानव कौल।
मानव कौल की किताब से।
मानव कौल की कहानी नकल नवीश से।
मानव कौल की कविता। उनकी किताब से।
मानव कौल की किताब से।
Ur best
तन्हा कराहने का तुम्हे कोई हक नही है।
मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हे, मेरे कमरे में किताबो के सिवा कुछ भी नही। #jaunelia#jaunshayri#jaunelia shayri
अब तुम याद दिलदराना आती हो।
काश हम उसके पार उतर सकते,काश, ऐ काश, हम ठहर सकते।
जौन साहब की लिखी हुई नज़्म के कुछ बंद पेश है।
जौन साहब के लिए लिखी हुई एक गजल। कृष्ण कल्पित जी के द्वारा।
जौन साहब की कुछ बातें , उनकी पहचान, उनकी जिंदगी उन्हीं के शेर से।





