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Author: Breaking Views

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ब्रेकिंग न्यूज की इस भीड़ में संजय पुगलिया के साथ खबरों के 'राजपथ' पर सुनिए 'ब्रेकिंग व्यूज'
24 Episodes
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Very surprising things are happening in the world of technology. China is giving decrees destroying its own private tech companies. Companies with online education are ordered not to run the company for profit. They cannot bring IPO. Foreign capital also cannot be raised at all. Most of the companies under attack are listed in the US, Hong Kong, Shanghai and operate in the consumer internet space. But, why is there a threat to 60 IPOs of China's tech companies? Tune in, as The Quint's Editorial Director, Sanjay Pugalia explains. 
Prime Minister Narendra Modi's Cabinet saw a mega overhaul on 7 July. Several heavyweight ministers like Ravi Shankar Prasad, Dr. Harsh Vardhan, Prakash Javadekar, Ramesh Pokhriyal, and Santosh Gangwar were dropped from the Cabinet, while several new faces, including Jyotiraditya Scindia, were inducted.  Tune in, as the Editorial Director of The Quint explains the key factor for the reshuffle. 
दुनियाभर में Coronavirus की दहशत के बीच भारत मे Jio और Facebook की एक डील हुई, जिसने पूरे बिजनेस जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा. इस मेगा डील की क्या खास बातें हैं और आगे इस डील से क्या फायदा होगा, इसे समझने के लिए क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने Airtel के CEO रहे संजय कपूर से खास बातचीत की
दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुई डील पर भारत समेत पूरे दुनिया की नजर है. फेसबुक ने रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म में 43,574 करोड़ का निवेश किया है. रिलायंस जियो और फेसबुक की डील की सबसे बड़ी बात ये नहीं है कि फेसबुक या इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के साथ बड़ा कारोबार होगा. जियो का सबसे बड़ा कारोबार होगा WhatsApp के साथ.  दरअसल, अभी फेसबुक भारत में एडवरटाइजिंग रेवेन्यू कमाता है जबकि बाजार में जिनके पास मोबाइल है उन पर कंपनी का 90 फीसदी कब्जा है. लेकिन कंपनी के पास अभी कोई ट्रांजेक्शन मॉडल नहीं है. वहीं दूसरी तरफ रिलायंस जियो के मोबाइल-फोन के साथ एक बहुत बड़ा सब्सक्राइबर बेस है लेकिन ये लो वैल्यू वाला है 40 फीसदी का मार्केट शेयर है, दिक्कत ये है कि रिलायंस को ट्रांजेक्शन के बगैर मोटी कमाई नहीं हो सकती. ऐसे में इस डील को दो जरूरतमंद कंपनियों की शानदार जुगलबंदी कहा जा सकता है. इसके पीछे का सारा मॉडल, गणित इस वीडियो में समझिए.
कोरोना कहां कहां कयामत लाएगा, इसका अंदाजा तो लगाया जा रहा था, लेकिन दुनिया को इसका पूरा आइडिया नहीं था. अमेरिका के क्रूड फ्यूचर मार्केट में मई महीने के कॉन्ट्रैक्ट का प्राइज 20 अप्रैल को जीरो से भी नीचे चला गया. यानी प्रोड्यूसर खरीदारों को डिलीवरी के लिए भुगतान कर रहे थे.
देशभर में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया है. ये तो पहले ही लग रहा था कि लॉकडाउन बढ़ेगा, लेकिन उम्मीद थी कि पीएम, परेशान लोगों के लिए कुछ राहतों का ऐलान करेंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. पीएम ने अपने संबोधन में जो कहा और नहीं कहा, उन बातों का मर्म समझ लीजिए.
#Coronavirus महामारी और लॉकडाउन के इस समय में, सभी के मन में कई सवाल हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर इसका इलाज कब सामने आएगा? इसका वैक्सीन कब बन कर तैयार होगा और लोगों तक कब तक पहुंचेगा? क्योंकि जब तक ये वैक्सीन नहीं आएगा, तब तक दुनिया नॉर्मल नहीं हो पाएगी. #BreakingViews में बता रहे हैं संजय पुगलिया
#CoronavirusLockdown कब खत्म होगा, हमें नहीं पता. ऐसे में बड़ी राहत पैकेज का ऐलान करना और अगर उस ऐलान में देर होने वाला है तो सरकार की तरफ से एक्शन क्या होगा- ये बताना उतनी ही बड़ी जरूरत है जितनी जरूरत कोरोना के लिए टेस्ट किट्स को जुटाना है. देखिए ब्रेकिंग व्यूज Sanjay Pugalia के साथ
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महत्वपूर्ण ऐलान किए. उन्होंने जनता के लिए सभी तरह के लोन सस्ते किए. रेपो रेट में कटौती से आपकी ईएमआई घटेगी. साथ ही तीन महीने तक ईएमआई देने में राहत का भी ऐलान किया गया. देशभर में कोरोनावायरस की वजह से 21 दिन के लॉकडाउन के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज और कई राहतों का ऐलान किया था. इसके बाद शुक्रवार सुबह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कर्ज से जुड़े फैसले सुनाए.
लॉकडाउन के 36 घंटों के बाद सरकार ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया. इसका फोकस है कि गरीबों को तत्काल पैसे पहुंचाकर राहत पहुंचाने का काम किया जाए. इस पैकेज को लेकर दो कमेंट आए हैं, पहला कि वेल बिगेन हाफ डन और दूसरा ये है कि इरादा बहुत अच्छा है, लेकिन लॉकडाउन के इस दौर में इसे कैसे लोगों तक पहुंचाया जाएगा. पैकेज में क्या है खास? इस पूरे पैकेज पर चर्चा से पहले इसका एक हाईलाइट देख लें. जिन महिलाओं को एलपीजी मिल रही थी, उन 8 करोड़ महिलाओं को अब तीन महीनों के लिए फ्री में एलपीजी मिलेगी. इसी तरह किसानों को तुरंत दो हजार रुपये की किश्त दे दी जाएगी. पीएम किसान योजना के तहत उन्हें पहले से ही 6 हजार रुपये देने की योजना चल रही थी. वहीं जो नरेगा के मजदूर हैं, उनकी मजदूरी को बढ़ा दिया गया है. उनके लिए ऐसा काम क्रिएट किया जाएगा, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा सके.
कोरोनावायरस का कहर देश में जारी है. पूरी दुनिया इससे प्रभावित हुई है, भारत सरकार ने COVID-19 को और फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठाये हैं, कई राज्य लॉकडाउन हैं. ऐसे में बाजार की हालत गंभीर और बदतर हो चली है. युद्ध जैसी स्थिति है लेकिन सरकार की धीमी गति है. कोरोनावायरस के कारण आर्थिक संकट बढ़ रहा है और इसमें कुछ बातों को अच्छे से समझना जरूरी है. जब भी इतने बड़े कदम उठाये जाते हैं तो समाज के कमजोर तबकों के लोगों को ज्यादा दिक्कत न हो और इकनॉमिक एक्टिविटी न रुक पाए और अगर रुक भी जाए इससे होने वाले नुकसान को किस हद तक रोका जा सकता है इसपर फोकस किया जाता है.
देश में कोरोनावायरस के कई मामले सामने आ चुके हैं, ऐसे में लोगों में पैनिक की स्थिति बनी हुई है. लेकिन एक और संकट है जो देश के लिए बहुत क्रिटिकल है वो है टेलिकॉम सेक्टर में चल रहा संकट, ये चीज कोरोनावायरस के चलते दब गई है लेकिन उसपर ध्यान देना जरूरी है. टेलिकॉम सेक्टर की स्थिति उस मरीज के जैसी है जो एक बड़ी बीमारी के चौथे चरण पर पहुंच चुका है, टेलिकॉम सेक्टर के पास सिर्फ 2 हफ्ते हैं जिसमें ये पता लगेगा कि ये बचेगा या नहीं. टेलीकॉम संकट कोरोनावायरस के समय में अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़े खतरे के रूप में उभरकर आया है.
दुनियाभर के बाजार में फिलहाल जो हो रहा है वो अभूतपूर्व है. इस तरह की बदहवासी कभी देखने को नहीं मिली थी. भारत के शेयर मार्केट खुलते ही 10% के लोअर सर्किट में आ गए. नौबत ये आ गई की उनको बंद करना पड़ा. करीब 45 मिनट बाद सर्किट हटाया गया जिसके बाद बाजार तेजी से ऊपर गया. इस तरह का हाहाकार और फिर चमत्कार पहले कभी नहीं देखा गया. शेयर बाजार में शुक्रवार 13 मार्च को करीब 10% गिरावट थी लेकिन जब बाजार बंद हुआ तो 4 % बढ़त के साथ बंद हुआ. फिर भी साप्ताहिक नुकसान 2009 के बाद से अब तक का रिकॉर्ड है. पिछले 2 महीने में जो बढ़त थी, उसकी तुलना में भी बाजार 20% नीचे है. कोरोनावायरस की वजह से दुनियाभर के बाजार पर असर पड़ा है. पिछले दिनों में एल्गो फंड में जबरदस्त बिकवाली थी. बाजार के रिकवर कर लेने के बावजूद पैनिक की स्थिति खत्म नहीं हुई है. कहीं न कहीं लोगों को ये एहसास हो गया है कि बाजार ने निचला स्तर छू लिया है. सुनिए ब्रेकिंग व्यूज संजय पुगलिया के साथ.
ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. अब हिसाब ये लगाया जाए कि उनको वहां क्या मिलेगा. अगर वो मुख्यमंत्री बनते हैं तब तो कहा जाएगा कि उन्होंने ऐसा गेम खेला जिसमें वो कामयाब हो गए और कुछ विधायक अपने साथ लाने के कारण उनको मुख्यमंत्री बना दिया. अब ऐसा इसलिए नहीं हो सकता क्योंकि बीजेपी ने उनको राज्यसभा की उम्मीदवारी दे दी है यानी वो राज्यसभा जाएंगे और एक केंद्रीय मंत्री बन जाएंगे. मंत्रिमंडल में उनको कैबिनेट का दर्जा मिल सकता है. लेकिन अगर मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो ऐसे में राज्य की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका क्या होगी. अभी तक जो बात चल रही थी वो यही थी. सारा झगड़ा इसी बात का था कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह उनको मध्य प्रदेश की राजनीति में वो जगह नहीं दे रहे हैं, जिसके ज्योतिरादित्य काबिल हैं.  सुनिए ब्रेकिंग व्यूज संजय पुगलिया के साथ.
कोरोनावायरस के चलते पूरी दुनिया में एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट आ गया है. सऊदी अरब ने क्रूड के दाम अचानक करीब 35% गिरा दिए, जिसके बाद क्रूड करीब 30$ प्रति बैरल के आसपास आ गया. दुनियाभर में ऑयल प्राइस वॉर शुरू होने के बाद सऊदी अरब ने ये फैसला किया है. दुनियाभर के बाजारों में इस फैसले के बाद असर देखने को मिलने लगा है. अमेरिका में 10 साल के ट्रेजरी बॉन्ड का यील्ड गिरकर 0.50% के नीचे आ गया है. 30 साल का ट्रेजरी बॉन्ड गिरकर 1% से नीचे आ गया है. अब खतरा मंडराने लगा है कि पूरी अमेरिकी अर्थव्यवस्था नेगेटिव ब्याज दर के जोन में तो नहीं चली जाएगी. पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर इसका असर देखने को मिलने लगा है.  सुनिए संजय पुगलिया के साथ ब्रेकिंग व्यूज पॉडकास्ट.
क्या यस बैंक को बचाने का सरकार बेहतर तरीका जुटा सकती थी? अब इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है. निकासी पर प्रतिबंध (मोरेटोरियम) का फैसला RBI का है लेकिन बिना सरकार की सहमति के ये फैसला नहीं हो सकता है. मोरेटोरियम की वजह से बैंकिंग में अविश्वास का माहौल बना है. SBI के CFO ने सफाई दी है कि 1 महीने में सिर्फ 50 हजार निकासी का प्रतिबंध जल्दी हट सकता है. इस प्रतिबंध को लगाने की वजह से लोगों में डर का माहौल बना है इसलिए अब वो इसे हटाने के बारे में सोच रहे हैं. सुनिए संजय पुगलिया के साथ ब्रेकिंग व्यूज पॉडकास्ट.
आरबीआई की सिफारिश पर भारी वित्तीय संकट से जूझ रहे प्राइवेट सेक्टर के बैंक YES BANK पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. इस प्रतिबंध के बाद बैंक का कोई भी खाताधारक अपने अकाउंट से 50 हजार रुपये से अधिक रकम नहीं निकाल सकता. सरकार के यह आदेश 5 मार्च 2020 को शाम छह बजे लागू हो गया. ये प्रतिबंध फिलहाल 5 मार्च से 3 अप्रैल तक के लिए है. इस दौरान YES BANK के किसी ग्राहक के कितने भी अकाउंट क्यों न हों वे इस दौरान 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकते. सुनिए संजय पुगलिया के साथ ब्रेकिंग व्यूज पॉडकास्ट.
दुनियाभर में कोरोनावायरस को लेकर खौफ छाया हुआ है. भारत में भी अब तक इसके 31 मामले सामने आ चुके हैं. हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति है लेकिन इसे हेल्थ इमरजेंसी कहना कितना सही होगा, ये समझने वाली बात है. क्योंकि भारत में हमेशा से हेल्थ इमरजेंसी वाले हालात रहे हैं. भारत में भी कोरोनावायरस का खतरा बढ़ने के साथ ही हमें बेहद सावधान रहने की जरूरत है. लेकिन हमारी सरकार की प्राथमिकताएं अलग हैं. नेताओं के भाषणों में, उनके एजेंडे पर आतंकवाद जैसे मुद्दे छाए रहते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि हमारे देश में बीमारियों की वजह से ज्यादा जानें जाती हैं. सुनिए संजय पुगलिया के साथ ब्रेकिंग व्यूज पॉडकास्ट.
कश्मीर पर बयान, धार्मिक आजादी पर बयान और ट्रेड डील पर खास काम न हो पाना. डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा से बहुत क्रांतिकारी चीज निकलती नजर नहीं आई. ट्रंप के भारत दौरे का निचोड़ ये रहा कि ट्रंप और मोदी की केमिस्ट्री कमाल की है. वो मोदी जी से प्रभावित हैं. आप कह सकते हैं कि भले ही वो ट्रेड डील पर सख्त हैं लेकिन मोदी के नए-नए भक्त हैं. दोनों देशों की दोस्ती स्ट्रैटजिक मामलों, जियो पॉलिटिकल मामलों में, डिप्लोमेटिक मामलों में नई ऊंचाई पर पहुंची है. इकनॉमिक फ्रंट पर वर्क इन प्रोग्रेस है. भारत को और प्राथमिकता चाहिए. शायद ट्रंप ये चुनाव के बाद समझ जाएं.  इस सब के बारे में सुनिए क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया से ब्रेकिंग व्यूज में. 
डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा का पहला दिन काफी अच्छा गया. ऐसा इसलिए क्योंकि नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप दोनों ने एक-दूसरे की जमकर तारीफें की. केमिस्ट्री ऐसी थी कि डोनाल्ड मोदी हो गए और नरेंद्र ट्रंप! 'नमस्ते ट्रंप' से डोनाल्ड ट्रंप को क्या मिला? राष्ट्रपति ट्रंप को भीड़ पसंद है. चुनाव प्रचार के लिए वो फुटबॉल मैच, प्रोफेशनल फाइट या ऑटो रेसिंग में भीड़ की वजह से चले जाते हैं. मोटेरा स्टेडियम में 1-सवा लाख लोगों का जमावड़ा था, जिसे ट्रंप ने संबोधित किया. ये उनके लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड है जो नरेंद्र मोदी ने उन्हें तोहफे में दिया. और कैसा बीता ट्रम्प के भारत दौरे का पहला दिन जानिए द क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया से ब्रेकिंग व्यूज पॉडकास्ट में.
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