DiscoverHindi Cafeकाला छाता - रमा यादव द्वारा लिखित कहानी
काला छाता - रमा यादव द्वारा लिखित कहानी

काला छाता - रमा यादव द्वारा लिखित कहानी

Update: 2022-08-28
Share

Description

#hindistory #hindikahani #kahani
Shoonya theatre Group presents Hindi Kahani/Story "काला छाता " written by Rama Yadav .

We bring to you short Hindi stories which would fill you with different human emotions , each story is hand picked and carefully crafted for the listener.

काला छाता
छोटी कहानी – पढ़कर अपना मत अवश्य दें

बारिश ने झड़ी लगा रखी थी...पर आज हर हाल में ही उसे घर से निकलना था वो अपने उस टीचर से मिलने को उतावली थी जिसने उसे सिखाया था कि पढ़ाया कैसे जाता है , खुद को गलाकर ...अपना सब कुछ देकर ...वो अपने जीवन के अंतिम कुछ दिनों को जी रहे थे ... और वो एक बार उन्हें देख लेना चाहती थी ..बारिश में भीगती वो वहां पहुंची जहाँ उसके प्रोफेसर का घर था पलंग पर लेटे प्रोफेसर रवि सिन्हा का चेहरा वैसे ही दमक रहा था जैसा उसने उन्हें पहले दिन पाया था ....वो शायद बिना सूचना दिए ही पहुँच गयी थी ...प्रोफेसर सिन्हा ने अपनी माँ की ओर देखा जो उनके पास ही बैठी थी ...माँ समझती हुईं सी उठी ..और उन्हें उनकी शर्ट दे दी .. तमाम ताकत लगाकर प्रोफेसर सिन्हा ने उसे अपनी सफ़ेद बनियान के ऊपर पहन लिया ...वहां खडी – खडी वो अभी एक बरस पहले की यादों में खो सी गयी ....

उस दिन भी ...बारिश हो रही थी ....पर उसे आज कॉलेज जाना ही था ...घर पर छतरी एक ही थी और उसे कोई और ले जा चुका था ..भीगते हुए जाना अजीब तो लगता पर इसके अलावा कोई और चारा नहीं था ...अब तक की उसकी सारी बारिशे ऐसे ही बिना छाते के निकली थीं ..पर इस बार उसे कुछ अलग सा लग रहा था ..बहुत ही हलके गुलाबी रंग का लखनवी कढ़ाई का कुरता उस पर बहुत फब रहा था ...ये उसकी लाइफ का पहला शलवार – कुरता था अब तक वो साधारण सी दिखने वाली स्कर्ट या जींस ही पहना करती थी , ये कुरता और शलवार उसमें एक सुंदर लड़की होने का अहसास दुगना कर रहा था ...आज उसकी एम. ए की क्लास का पहला दिन था छतरी न होना अजीब लग सकता है , पर कभी उसे उसकी ज़रुरत भी वैसी महसूस नहीं हुई ..बारिश में भीगना बहुत अच्छा लगता रहा ..आज पहली ही बार ये अहसास हुआ कि छतरी के बिना घर से बहार पाँव निकालना कितना असम्भव सा है ... ..फिर भी घर से तो निकलना ही है ..यू स्पेशल का टाइम होने में बस पंद्रह मिनट बाकि हैं और तेज़ – तेज़ चलेगी तभी पंद्रह मिनट में बस स्टैंड तक पहुँच पायेगी ..उसके पास चप्पल भी कोल्हापुरी थी ..जो कि बारिश के मौसम से बिलकुल मेल नहीं खाती थीं ..उसने चप्पल पहनी ..पास रखे दूध के ग्लास से गट-गट दूध पिया बैग टांगा और आवाज़ लगायी – ‘’माँ ...मैं जा रही हूँ दरवाज़ा बंद कर लेना’’ ..और बारिश से बेपरवाह अपनी गुलाबी शिफोन की चुन्नी को संभालती निकल पड़ी l उसके कदम जल्दी – जल्दी उस ओर बढ़ रहे थे जहाँ यू स्पेशल आती थी ..तेज़ बारिश में भींगना और पैर से पानी को धकेलते चलना उसे बहुत अच्छा लग रहा था ..वो बस स्टैंड पर समय से पहले पहुँच गयी ..सभी लोग अपनी – अपनी छतरियों में सुरक्षित थे ...एक लड़की उसे पहचानती थी ..अब वो दोनों एक छतरी के नीचे थे l


स्टैंड पर बस के आते ही सब लाइन बनाकर बस में बैठ गए ..उसके साथ जो लड़की थी वो एक दूसरी सीट पर बैठ गयी ..ये एक अनजान लड़की के साथ बैठी न जाने किन ख्यालों में खोयी थी ..अचानक एक अपरिचित व्यक्तित्व ने उसका ध्यान अपनी ओर खींच लिया .. ये लगभग अड़तीस – चालीस साल का युवा था ..उस युवा के माथे पर अद्भभुत तेज था ..काले रंग की बड़ी सी छतरी उसके एक हाथ में थी और एक खादी का झोला उसने अपने कंधे पर टांगा था वो उस बस में सबसे अलग लग रहा था ....उसका पक्का रंग उसके तेज को और बढ़ा रहा था ...लड़की ने आदर वश जाने ये कबमें पूछ लिया कि – ‘’आप बैठेंगे क्या ? उसे खुद भी न पता चला ..युवा ने बड़ी विनम्रता से कहा नहीं ..आप बैठिये ...’’
बस से उतरकर अब वो अपनी क्लास की और बढ़ रही थी , क्लास का ये पहला ही दिन था ..उसने क्लास रूम में जाकर अपनी सीट सुरक्षित करली ...पहला लेक्चर किन्ही प्रोफेसर रवि सिन्हा का था ..सभी आपस में बात कर रहे थे कि बहुत ही अच्छा पढ़ाते हैं ..क्लास की घंटी बज गयी थी ...सब शांत थे ..लड़की ने अचानक एक अपरिचित आवाज़ सुनी ..शब्द था - नमस्कार ..ये उसके इस क्लास के टीचर रवि सिन्हा का शब्द था जो आज सुबह उसे बस में दिखे थे ....
लड़की इन्हीं ख्यालों में खोयी थी कि प्रोफेसर सिन्हा ने उसे अपना काला छाता देते हुए कहा ..ये अब तुम्हारा हुआ ..अब मुझे इसकी जरूरत कभी नहीं पड़ेगी ..लड़की ने छाता ले लिया ..और अपने प्रोफेसर को प्रणाम कर चुपचाप वहां से निकल पड़ी ...
(सर्वाधिकार सुरक्षित शून्य नाट्य समूह )

Follow us on
Instagram : https://www.instagram.com/shoonya_theatre/
Facebook : https://www.facebook.com/pg/ShoonyaProductions/
Website : https://www.shoonyatheatregroup.com/
Comments 
In Channel
loading
00:00
00:00
x

0.5x

0.8x

1.0x

1.25x

1.5x

2.0x

3.0x

Sleep Timer

Off

End of Episode

5 Minutes

10 Minutes

15 Minutes

30 Minutes

45 Minutes

60 Minutes

120 Minutes

काला छाता - रमा यादव द्वारा लिखित कहानी

काला छाता - रमा यादव द्वारा लिखित कहानी

Shoonya Theatre Group