Description
किस्सा 60 - जब भारत ने की ईरान के ‘मैत्री प्रस्ताव’ की उपेक्षा
2020-01-0905:02
किस्सा 59 - जब डॉ. कलाम को मिला फ्रांस के साथ काम करने का ‘सीधा प्रस्ताव’
2020-01-0704:59
किस्सा 58 - जब वामपंथियों की ‘करतूतों’ से जल उठा था देश
2020-01-0504:26
किस्सा 57 - जब बिना दर्शकों के खेला गया भारत-पाकिस्तान का वो मैच
2020-01-0304:11
किस्सा 56 - जब ‘शास्त्री जी’ ने मीना कुमारी को पहचानने से कर दिया इन्कार
2020-01-0104:38
किस्सा 55 - जब मोरारजी को मिली ‘देशवासियों के रवैये में बदलाव’ की सलाह
2019-12-3004:56
किस्सा 54 - जब एक शब्द के प्रयोग पर ‘अटल जी’ ने विपक्ष को चेताया
2019-12-2704:50
किस्सा 53 - जब लोकनायक के नेतृत्व में आगे बढ़ा वास्तविक ‘छात्र आंदोलन’
2019-12-2504:48
किस्सा 52 - जब डोगरा लड़ाकों के पराक्रम से सुरक्षित हुआ ‘पुंछ’ इलाका
2019-12-2303:57
किस्सा 51 - जब वामपंथी दुष्प्रचार के खिलाफ खड़े हुए ‘गुरूद्वारें’
2019-12-2104:05
किस्सा 50 - जब जापान के हारने पर भी ‘नेताजी’ नहीं हारे
2019-12-1903:34
किस्सा 49 - जब भाई अजीत ने किए सचिन के पहले दौरे से जुड़े दस्तावेज़ों पर दस्तखत
2019-12-1802:44
किस्सा 48 - जब सुषमा जी बोलीं- ‘मेरी सुरक्षा छोड़िए, पहले दूसरों को देखिए’
2019-12-1703:58
किस्सा 47 - जब अपने प्रियजन के निधन के बावजूद राॅकेट बनाते रहे ‘डॉ. कलाम’
2019-12-1603:24
किस्सा 46 - जब बचपन की गलत आदत को भी ‘गांधीजी’ ने साहस से स्वीकारा
2019-12-1503:24
किस्सा 45 - जब रूस ने भारत को दिया था चीन के खिलाफ ‘साथ का भरोसा’
2019-12-1403:08
किस्सा 44 - जब घुसपैठिये देश में बेधड़क घुसते रहे और सरकार सोती रही
2019-12-1303:23
किस्सा 43 - जब संजय गांधी की ‘चप्पलें’ हाथ में लेकर चले मुख्यमंत्री तिवारी
2019-12-1203:21
किस्सा 42 - जब वकार की बात का जवाब ‘सचिन’ ने शतक से दिया
2019-12-1103:26
किस्सा 41 - जब अपने सैनिकों के लिए जान की परवाह भी नहीं की ‘नेताजी’ ने
2019-12-1002:56
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