DiscoverStorybox with Jamshed Qamar Siddiquiतुम्हारे पास कोई दास्तां है? | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद
तुम्हारे पास कोई दास्तां है? | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

तुम्हारे पास कोई दास्तां है? | स्टोरीबॉक्स विद जमशेद

Update: 2025-05-25
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Description

उसकी नींद का कमरा अजीब-अजीब सपनों के काले पर्दों से ढका था. घबरा कर उठ जाना जाने नियति थी या आदत लेकिन हर बार यूँ पसीने से लथपथ घबराई सी हालत में उठने के बाद वह सबसे पहले अपना चेहरा देखने की कोशिश करती. जब भी वह जागती तब गाल पर, हथेलियों पर, कलाईयों पर अलग अलग से निशान मिला करते. सुंदर होना उसके लिए अभिशाप बन गया था. सुनिए सुष्मा गुप्ता की लिखी कहानी 'तुम्हारे पास कोई दास्तां है' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
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