DiscoverBhagavad Gita Hindiप्राक्कथन
प्राक्कथन

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Update: 2017-01-3197
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श्रीकृष्ण जिस स्तर की बात करते हैं, क्रमश: चलकर उसी स्तर पर खड़ा होनेवाला कोई महापुरुष ही अक्षरश: बता सकेगा कि श्रीकृष्ण ने जिस समय गीता का उपदेश दिया था, उस समय उनके मनोगत भाव क्या थे? मनोगत समस्त भाव कहने में नहीं आते। कुछ तो कहने में आ पाते हैं, कुछ भाव-भंगिमा से व्यक्त होते हैं और शेष पर्याप्त क्रियात्मक हैं– जिन्हें कोई पथिक चलकर ही जान सकता है। जिस स्तर पर श्रीकृष्ण थे, क्रमश: चलकर उसी अवस्था को प्राप्त महापुरुष ही जानता है कि गीता क्या कहती है। वह गीता की पंक्तियाँ ही नहीं दुहराता, बल्कि उनके भावों को भी दर्शा देता है; क्योंकि जो दृश्य श्रीकृष्ण के सामने था, वही उस वर्तमान महापुरुष के समक्ष भी है। इसलिये वह देखता है, दिखा देगा; आपमें जागृत भी कर देगा, उस पथ पर चला भी देगा।




‘पूज्य श्री परमहंस जी महाराज’ भी उसी स्तर के महापुरुष थे। उनकी वाणी तथा अन्त:प्रेरणा से मुझे गीता का जो अर्थ मिला, उसी का संकलन ’यथार्थ गीता’ है। – स्वामी अड़गड़ानन्द




#Krishna #Mahabharata #Yoga #Meditation

Comments (9)

vikash mutha

🙏🏻🙏🏻🙏🏻

Jun 14th
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Shreya Mirani

big education for every human

Oct 3rd
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Utkarsh Singh

amazing......voice

Sep 17th
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Ritik Roushan

super sir

Apr 16th
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SVM Deoria

अति सुंदर

Mar 14th
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subhash sangnallikar

nice voice sir.

Feb 6th
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Aryan Durgavle

Thank you so much Sir.. Apne bohat hi simple kar diya life... After a long time I got Bhagavad Gita in Audio..

Jan 21st
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Arvind Patel

अतिसुन्दर व्याख्यान

Dec 3rd
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Mukesh Sharma

अति सुंदर विख्यान

Sep 4th
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2017-01-3101:06:08

उपशम

उपशम

2017-01-3101:15:30

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