DiscoverSBS Hindiविदेशों में अपनी कठपुतली कला से प्रशंसा पा चुके रमेश रावल भारत में पप्पेटरी थिएटर को आगे बढ़ाना चाहते हैं
विदेशों में अपनी कठपुतली कला से प्रशंसा पा चुके रमेश रावल भारत में पप्पेटरी थिएटर को आगे बढ़ाना चाहते हैं

विदेशों में अपनी कठपुतली कला से प्रशंसा पा चुके रमेश रावल भारत में पप्पेटरी थिएटर को आगे बढ़ाना चाहते हैं

Update: 2024-12-17
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गुजरात में अहमदाबाद के रहने वाले 70 वर्षीय रमेश रावल जब भी अपने घर में बक्से को खोल कर देखते हैं तो आँखे नम हो जाती हैं। इन बक्सों में इनकी 40 सालों की मेहनत हैं, लगभग 3000 पपेट या कठपुतलियां जो इन्होने बनायीं हैं वो रखी हुई हैं. इस उम्मीद के साथ कि कभी इनके कद्रदान भी आएंगे। तंगहाली में अपना जीवन जीते हुए भी रमेश जी ने कठपुतलियों का साथ नहीं छोड़ा है। रमेश रावल एक पपेट आर्टिस्ट हैं।
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