शिव पुराण – देवताओं का हिमालय के पास जाना | श्रीरुद्र संहिता - तृतीय खंड | अध्याय 3
Description
शिव पुराण के श्रीरुद्र संहिता के इस अध्याय में बताया गया है कि जब सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में भगवान शिव का अपमान सहन न कर योगाग्नि द्वारा अपना शरीर त्याग दिया, तब समस्त देवता विष्णु जी के साथ हिमालय के पास पहुँचे। उन्होंने हिमालय से प्रार्थना की कि देवी सती पुनः उनके घर जन्म लें और भगवान शिव की अर्धांगिनी बनें।
श्रीविष्णु के वचनों से हिमालय अत्यंत प्रसन्न हुए और देवी जगदंबा की आराधना की। इस प्रसंग में देवताओं द्वारा की गई जगदंबा उमा की भव्य स्तुति का वर्णन मिलता है — जिसमें उन्हें गायत्री, सावित्री, सरस्वती, लक्ष्मी और वेदों की अधिष्ठात्री देवी के रूप में संबोधित किया गया है।
यह अध्याय दर्शाता है कि देवी सती का पुनर्जन्म पार्वती के रूप में हुआ और कैसे उनके तप, भक्ति और शिव के प्रति अटूट प्रेम ने सम्पूर्ण सृष्टि को पुनः संतुलन प्रदान किया। यह कथा भक्ति, त्याग और शक्ति के दिव्य संगम की प्रतीक है।
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