DiscoverHarshvardhan JainEmotionally insecure | लड्डू की साइज फटने की साइज के बराबर होती है | Harshvardhan Jain
Emotionally insecure | लड्डू की साइज फटने की साइज के बराबर होती है | Harshvardhan Jain

Emotionally insecure | लड्डू की साइज फटने की साइज के बराबर होती है | Harshvardhan Jain

Update: 2023-02-28
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Description

Fear creates insecurity. Vision creates security of profitability. Create your ambition higher than your fears to create success bigger than your calculations.




कल्पनाएं हमारे भविष्य का प्रतिबिंब होती हैं। हम जैसी कल्पनाएं करते हैं, वैसे ही विचार हमारे भविष्य की पटकथा लिखते हैं। हमारी जिंदगी कोरा कागज होती है। हम जैसे विचारों को ग्रहण करते हैं, वैसी ही कल्पनाएं प्रकट होती हैं, वैसे ही हमारे शब्द होते हैं, हमारा व्यवहार भी वैसा ही होता है और हमारे भविष्य का सूर्योदय भी वैसा ही होता है। भविष्य बदलने के लिए हमें अपनी कल्पनाओं को बदलना होगा। हम जिस तरह के विचार अपने मन को देते हैं, हमारा मन उन्हीं विचारों को फिल्टर करके नई विचाराधारा बना देता है। हमारा व्यवहार हमारे विचारों से ही बनता है। हमारी पहचान हमारे विचारों से ही बनती है। हम जितना खुद को सम्मान देते हैं, वही सम्मान हमें दूसरों की नजरों में दिखाई देता है। यदि हम अपनी कल्पनाओं में डर को समाहित कर लें, तो हमारे व्यवहार में डर की झलक दिखाई देती है क्योंकि डर पीछे खींचने वाला एक विषैला वायरस है, जो हमें आत्मनिर्भर बनने से रोकता है। 




यदि हम असफलता के डर से भयभीत रहते हैं, तो यही डर हमें सफल होने से रोकता है। डर का आतंक लोगों को कमजोर बना देता है। डर लोगों को अपने पैरों पर खड़े होने से रोकता है, अपने फैसले खुद करने से रोकता है, डर सही समय पर सही निर्णय लेने से रोकता है। आदतें बहुत ताकतवर होती हैं। आदतें सकारात्मक हों तो भविष्य को शानदार बना देती हैं और यदि आदतें नकारात्मक हों या निराशावादी हों तो भविष्य को निराधार बना देती हैं। हम अपनी आदतों का ही परिणाम होते हैं। इसलिए आदतों को हमेशा शानदार बनाने की कोशिश करनी चाहिए। जिससे हमारा चरित्र शानदार बन जाता है और शानदार चरित्र का व्यक्ति शानदार सफलता का स्वामी बन जाता है। 




हमें अपने डर और निराशा के बजाय सफलता की संभावनाओं को गले लगाना चाहिए क्योंकि संभावनाएं उपलब्धियों का आधार बनती हैं। जितना आप संभावनाओं के गीत गाते हैं, उतना ही उपलब्धियों के स्वर गूंजते हैं। आपके भविष्य की सीमाएं आपके द्वारा खोजी गई संभावनाओं पर निर्भर करती हैं। आप जितना बड़ा सोच सकते हैं, उतनी ही बड़ी संभावनाएं मिलती हैं। इसलिए डर की नहीं, बल्कि सफलता के लिए जिद की जरूरत होती है। डर के कंधे पर सवार होने के बजाय अपने सपनों के कंधे पर सवार होकर आसमान में उड़ान भरना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इसलिए हमेशा कुछ खो जाने का डर छोड़कर भविष्य में सागर के समान उपलब्धियां पाने की सोच पैदा करने की जरूरत है। जितना ज्यादा भविष्य को संभावनाओं के तराजू में तोलेंगे, आपकी सफलता का पलड़ा हमेशा भारी रहेगा।




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