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Gyaan Dhyaan

Author: Aaj Tak Radio

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Gyaan Dhyaan is a Hindi podcast by Aaj Tak Radio on general knowledge, education, trivia and history in the form of explainers.

Aasmaan kyu hai neela, paani kyu geela geela, gol kyu hai dharti. For more such questions come to this window of Gyaan. Simple explainers on complex issues and trivia—designed for you. It could be related to science, history, sociology, general awareness and all possible fields.

ये हमारी वो खिड़की है, जहां से ज्ञान का प्रसाद मिलता है. यहां पेचीदा मसलों को आसान भाषा में समझाया जाता है और अनूठी जानकारियां दी जाती हैं. बीच बीच में ऐसी बातें भी होंगी जो आपकी लाइफ़ आसान बनाएंगी. सब कुछ सरल हिंदी में. तो आइए ज्ञान की बातें ध्यान से सुनिए.
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सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बावजूद संसद परिसर में कैसे घुसे उपद्रवी? सदन में क्या हुआ?
How is the opposition caught up in the current controversy, and will the BJP take advantage of it? What is insult-based politics.
क्या आपको कामकाज की वजह से घंटों सफ़र में बिताने पड़ते हैं? क्या आप घूमने के शौकीन हैं जो हर वीकेंड कहीं दूर निकल जाते हैं? अगर हां, तो सफ़र में सिर्फ बैठे न रहें. थोड़ा चल-फिर लें. वरना पैर में खून के थक्के बन सकते हैं. सेहत के इस एपिसोड में डॉक्टर से जानिए कि लंबे सफ़र में देर तक बैठने से खून के थक्के क्यों जमने लगते हैं. खून के थक्के जमने से किस तरह की स
दुनिया में सबसे ज़्यादा बिकने वाली ड्रिंक्स में से एक बीयर का इतिहास हज़ारों साल पुराना है. कमाल की बात ये है कि लोग आज भी इसे मज़े से पीते हैं. और पिए भी क्यों न, ये आसानी से मिल जाती है, बाकी स्पिरिट्स की तुलना में इसमें अल्कोहल की मात्रा कम होती और स्वाद में एक से बढ़कर एक वैरायटी. ये सब हो पाता है, इसको बनाने के बड़े लम्बे प्रोसेस की बदौलत. लेकिन क्या आपको पता है कि अब बीयर को बनाने में घोड़े की खाद का भी इस्तेमाल होने लगा है. आज के ‘ज्ञान ध्यान’ में आपको इसी के बारे में बताएंगे, बीयर अस्तित्व में कैसे आई? ये बनाई कैसे जाती है? कितनी तरह की होती हैं और घोड़े की खाद से इसका क्या नाता है? रिसर्च : माज़ सिद्दीक़ी साउंड मिक्सिंग : अमन पाल
पेड़ केवल हमें ऑक्सीजन ही नहीं देते, बल्कि वे अपने आसपास की पूरी कम्युनिटी का भी ध्यान रखते हैं. वे आपस में जुड़कर एक बड़ा नेटवर्क बनाते हैं. इस नेटवर्क के ज़रिए पेड़ एनर्जी, पानी और न्युटरियंट्स भी शेयर करते हैं. बड़े और बूढ़े पेड़ छोटे और कमजोर पौधों की मदद करते हैं ताकि वे भी सही तरीके से बढ़ सकें. पेड़ एक दूसरे से कैसे बात करते हैं? इसके पीछे की साइंस क्या कहती है? जब पेड़ खतरे में होते हैं, तो वे एक दूसरे को कैसे मैसेज भेजते हैं? सुनिए 'ज्ञान ध्यान' में.
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में फिर से तनाव बढ़ गया है. इस हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि रद्द की, और जवाब में पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस से भारतीय विमानों की उड़ान पर रोक लगा दी. पकिस्तान ने भले ही ये फैसला भारत की मुश्किलें बढ़ाने के लिए लिया हो, लेकिन असल में इससे मुसीबत खुद पकिस्तान के लिए ही खड़ी हो गई है. ये एयरस्पेस बैन पकिस्तान को किस तरह प्रभावित करेगा? एयरस्पेस बैन असल में होता क्या है? इसका भारत के यात्रियों और एविएशन इंडस्ट्री पर क्या असर पड़ेगा? सुनिए ज्ञान ध्यान में.
1971 की जंग के बाद भारत और पाकिस्तान ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे - शिमला समझौता. बांग्लादेश की आज़ादी, 90 हज़ार पाक सैनिकों का सरेंडर और एक नई सीमा रेखा, ये सभी इसी समझौते के हिस्से थे. लेकिन हाल फ़िलहाल में हुई कुछ घटनाओं के बाद पाकिस्तान ने इस समझौते को सस्पेंड कर दिया है. आज के 'ज्ञान ध्यान' में आपको शिमला समझौते के बारे में बताएंगे, ये है क्या? दोनों देशों के बीच ये क्यों हुआ था? और इसके टूटने से क्या फर्क पड़ सकता है? रिसर्च: माज़ सिद्दीक़ी साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
ज्ञान ध्यान के इस एपिसोड में बात कर रहे हैं एक चौंकाने वाले लेकिन ज़रूरी सवाल की. क्या है AI चैटबॉट्स और धरती के तापमान का रिश्ता? जब हम ChatGPT जैसे टूल्स से ईमेल या कहानियां लिखवाते हैं तो उसका असर सिर्फ स्क्रीन तक नहीं रहता. बल्कि वह हमारे पर्यावरण पर भी असर डालता है. कैसे हर सवाल के जवाब के पीछे पानी और बिजली की बड़ी खपत होती है. और कैसे यह ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देती है. इन बातों को आसान भाषा में समझिए. समाधान तकनीक को रोकना नहीं है. बल्कि ज़िम्मेदारी से उसका इस्तेमाल करना है. प्रड्यूसर: अर्चिता पुराणिक साउंड मिक्सिंग: रोहन भारती
बचपन से हम चंदा मामा की लोरियां सुनते आ रहे हैं. बड़े हुए तो चांद पर गीत और शायरी सुनने को मिलने लगे. शायद ही चांद से ज्यादा वर्सटाइल कुछ और हो. अगर आपने कभी ध्यान दिया हो तो इस खूबसूरत चांद पर कई गड्ढे और धब्बे भी मौजूद हैं. आपने किसी सैटेलाइट इमेज में ये गड्ढे देखे भी होंगे. आज के 'ज्ञान ध्यान' में हम चांद के इन्हीं दागों यानी क्रेटर्स के बारे में आपको बताएंगे. ये क्रेटर्स होते क्या हैं, ये बने कैसे और ये आज तक चांद की सतह पर कैसे टिके हुए हैं? रिसर्च: प्रांजलि गुप्ता साउंड मिक्सिंग: अमन पाल
ये तो हम सब जानते हैं कि हर देश के लोग किसी एक भाषा को अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने लहज़े में बोलते हैं. और थोड़े अभ्यास से ये लहज़ा सीखा भी जा सकता है. लेकिन क्या बिना सीखे किसी और देश की लैंग्वेज में बातचीत करना इंसानो के लिए संभव है? आपने न्यूज़ चैनल्स पर ऐसी चौंकाने वाली खबरें तो सुनी होंगी जिनमें कोई व्यक्ति अचानक अपनी ज़बान छोड़कर, किसी और भाषा में बात करने लगता है. ऐसा ही कुछ हुआ था जर्मनी की एनेलीज़ मिशेल के साथ. ये किसी जादू से कम नहीं लगता. लेकिन क्या ये सच में कोई जादू है? या फिर दुनिया में सबसे कॉम्प्लेक्स इंसानी दिमाग का कोई झोल? क्या है इसके पीछे की साइंस? सुनिए 'ज्ञान ध्यान' में.
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ बरसों पुरानी सिंधु जल समझौते को ख़त्म करने का ऐलान किया है. दोनों देशों के बीच ये संधि कब और किन परिस्थितियों में हुई थी, इसकी शर्तें क्या थीं और इसे ख़त्म करने से भारत-पाक़िस्तान का क्या नफ़ा-नुक़सान होगा, सुनिए 'ज्ञान ध्यान' के इस एपिसोड में. साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
जब अरुणाचल प्रद्श में सूरज दो घंटे से चमक रहा होता है, तब गुजरात अंधेरे में सो रहा होता है, लेकिन घड़ी दोनों जगह एक ही समय दिखा रही होती है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों? एक ही देश में दिन-रात के इतने अंतर के बावजूद हम एक ही टाइम ज़ोन क्यों फॉलो करते हैं? क्या भारत को दो टाइम ज़ोन अपनाने चाहिए? सुनिए ‘ज्ञान ध्यान’ में. रिसर्च : मान्या बत्तरा साउंड मिक्सिंग : रोहन भारती
आज-कल की डिजिटल दुनिया जितना विकास कर रही है, उतनी ही खतरनाक भी होती जा रही है. सोशल मीडिया पर हो रहे मज़ाक और ट्रोलिंग बढ़कर गंभीर मानसिक तनाव और क्राइम का रूप ले लेते हैं. और डिजिटल दुनिया की इसी डार्क साइड को साइबर बुलिंग कहा जाता है. साइबर बुलिंग के मामले अब तो काफी बढ़ चुके हैं. इसलिए साइबर बुलिंग के खतरे को समझना अब ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. ‘ज्ञान ध्यान’ के इस एपिसोड में आपको बताएंगे कि साइबर बुलिंग कितनी आम हो चुकी है?, इससे बचने के क्या उपाय हैं? और अगर ये आपके किसी अपने के साथ हो तो क्या किया जाए.
कोर्ट-कचहरी का नाम सुनते ही आम आदमी घबरा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कानून ने आपको एक ऐसी ढाल दी है जिससे आप बिना केस लड़े भी अपनी बात अदालत तक पहुंचा सकते हैं? इसी का नाम है कैविएट याचिका. ये याचिका अदालत को पहले से अलर्ट करती है कि अगर आपके खिलाफ कोई अर्ज़ी दाखिल हो, तो आपकी बात सुने बिना कोई फैसला न दिया जाए. ‘ज्ञान ध्यान’ के इस एपिसोड में आपको बताएंगे कि कैविएट क्या है, इसे कौन और कब दाखिल कर सकता है, और इसका तरीका क्या होता है? प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग: अमन पाल
सुबह-शाम रसोई में बर्तन खनकने की आवाज़ के साथ ही चाय बनने का उद्घोष हो जाता है. चाय के साथ, दुनिया में कॉफ़ी पीने वालों की भी कोई कमी नहीं है. दुनिया में सैंकड़ों लोग चाय-कॉफ़ी के शौक़ीन हैं. लेकिन इनमें मिलने वाले कैफीन का हमारे शरीर पर काफी गहरा असर होता है. अब कैफीन सिर्फ चाय या कॉफ़ी में नहीं बल्कि दवाइयों और चॉकलेट्स में भी होता है. यही कैफीन हमारे ब्लड में मिलकर पूरे शरीर में फैल जाता है. और इसका सबसे ज़्यादा असर दिमाग पर होता है जो हमें फ्रेश फील कराता है. लेकिन ये कैफीन काम कैसे करता है? इसके फायदे क्या हैं? और ज़्यादा मात्रा में सेवन करने से इससे क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं? सुनिए इन्हीं सवालों के जवाब आज के 'ज्ञान ध्यान' में.
इस बात पर तो सब राज़ी होंगे कि इंटरनेट ने जहां हमारी लाइफ़ आसान कर दी है. वहीं हमारी प्राइवेसी को रिस्क पर भी डाल दिया है. अब आप भले ही मुश्किल सवालों के जवाब चुटकियों में गूगल कर सकते हैं और रात को लेट होने पर अपने घरवालों को लोकेशन भेजकर अपडेट दे सकते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि आपका फ़ोन लोकेशन के अलावा और भी बहुत कुछ ट्रैक करता है? ऐडवर्टाइज़िंग कंपनीज़ कैसे इसके ज़रिए आपको क्यूरेटेड ऐड्स दिखाती हैं? जानने के लिए सुनिए 'ज्ञान-ध्यान' में. साउंड मिक्स- राघव गुप्ता रिसर्च- प्रांजलि गुप्ता
जिंदगी जीने के लिए खाना, पानी और हवा बहुत जरूरी है. उसी तरह से अच्छी नींद लेना भी बहुत जरूरी है ताकि शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहे सके. पूरी नींद ना लेने से हमारी बॉडी सही ढंग से काम नहीं कर सकती. तो ऐसी क्या परेशानियां आती है अगर हम नहीं सोते हैं. सुनिए ‘ज्ञान-ध्यान’ में. रिसर्च- मान्या बत्रा साउंड मिक्स- राघव गुप्ता
इंडिया के वर्ल्ड कप जीतने की ख़ुशी में पूरा देश शामिल है. नहीं यहां क्रिकेट की बात नहीं हो रही. बात हो रही है सेपक टक्रॉ की. चीन से शुरू होकर पूरे दक्षिण पूर्वी एशिया में ये खेल काफी लोकप्रिय है. लेकिन अब भी बस मुट्ठी भर लोग ही हैं जो इस खेल के बारे में जानते हैं. फिलीपींस में सिपा, मलेशिया में सेपक रगा, वियतनाम में दा कौ, लाओस में कटोर हो या थाईलैंड में टकरॉ. ये खेल साउथ ईस्ट एशिया के देशों में सबसे पसंदीदा खेलों में से एक है. एशियन गेम्स में अपनी जगह बनाने वाला ये खेल दर्शकों में रोमांच भर देता है. तो इस खेल को खेलते कैसे हैं. ये असल में शुरू हुआ कैसे? क्या हैं इस खेल के नियम और कैसे बनाई इस खेल ने एशियन गेम्स में अपनी जगह? सुनिए 'ज्ञान ध्यान' में. रिसर्च: श्रुति साउंड मिक्सिंग: रोहन भारती
गर्मी के मौसम में जब पसीना बेहिसाब बहे और सूरज आसमान से आग उगले, तब राहत की सबसे पहली उम्मीद होती है…एसी की ठंडी हवा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एसी असल में काम कैसे करता है? वो कौन-सी तकनीक है जो चुटकियों में गर्म कमरा ठंडा कर देती है? पहला एसी कब, कहां और कैसा बना था? सुनिए ‘ज्ञान ध्यान’ में प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
क्लाइमेट चेंज की वजह से बढ़ती गर्मी और पानी की कमी ने दुनिया को एक गंभीर संकट में डाल दिया है. धरती की सतह पर नदियां, झीलें और तालाब गायब होते जा रहे हैं, जबकि ज़मीन के नीचे से पानी लगातार निकाला जा रहा है. लेकिन असली समस्या तब उत्पन्न होती है जब अंडरग्राउंड वाटर रिचार्ज नहीं हो पाता. कंक्रीट के जंगल की वजह से बारिश का पानी ज़मीन में समाता नहीं, और यही कारण है कि ग्राउंडवाटर लेवल्स रीप्लेनिश नहीं हो पाते. क्या ये समस्या जल्द ही और बढ़ने वाली है? क्या यही दुनिया के विनाश का सबसे बड़ा कारण बनेगी? सुनिए 'ज्ञान ध्यान' में. रिसर्च: श्रुति साउंड मिक्सिंग: अमन पाल
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