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Iti Itihaas

Iti Itihaas
Author: Aaj Tak Radio
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Description
Listen Podcast 'Iti Itihas' With Nitin Thakur in Hindi who will narrate the plethora of fascinating, shocking and startling historical occurrences in a span of just two to two and a half minutes.
In this podcast,Our host will narrate the chronical and archived facts in the form of short stories. The stories may concern a war, tragic downfall of a leader, a conspiracy hatched in a king's court, or an uncanny obsession of a famous performer. We will weave a show about every intriguing event you should be aware of.
'इति इतिहास' हमारा इतिहास का पॉडकास्ट है जिसमें हमारे होस्ट नितिन ठाकुर आपके लिए लाएंगे इतिहास के वो किस्से,घटनाएं और कहानियाँ जो भारी भरकम इतिहास की किताबों में दब गए. उन घटनाओं की कहानी जिनके बारे में लोग कम जानते हैं.
In this podcast,Our host will narrate the chronical and archived facts in the form of short stories. The stories may concern a war, tragic downfall of a leader, a conspiracy hatched in a king's court, or an uncanny obsession of a famous performer. We will weave a show about every intriguing event you should be aware of.
'इति इतिहास' हमारा इतिहास का पॉडकास्ट है जिसमें हमारे होस्ट नितिन ठाकुर आपके लिए लाएंगे इतिहास के वो किस्से,घटनाएं और कहानियाँ जो भारी भरकम इतिहास की किताबों में दब गए. उन घटनाओं की कहानी जिनके बारे में लोग कम जानते हैं.
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इस दुनिया ने एक से बढ़कर एक ठग देखे हैं - किसी ने इन्वेस्टमेंट स्कीम का लालच देकर लोगों को झांसा दिया, किसी ने चेक में हेराफेरी करके बैंकों को निशाना बनाया और किसी ने तो ताजमहल तक बेच डाला. आज की कहानी एक ऐसे ही ठग की, जिसने नाज़ियों को ठगा लेकिन खुद कोर्ट में इस जालसाज़ी को साबित भी किया. मगर क्यों? सुनिए हिस्ट्री के सबसे शातिर ठग का किस्सा ‘इति इतिहास’ में. प्रड्यूसर : माज़ सिद्दीक़ी साउंड मिक्सिंग : अमन पाल
जब कभी भी महान साहित्यकारों की लिस्ट बनाई जाएगी, तो उसमें एक नाम हमेशा रहेगा - रूस के लियो टॉलस्टॉय. साहित्य की दुनिया में कुछ ही लेखकों को इतनी प्रशंसा मिली है, जितनी टॉलस्टॉय को मिली. मगर क्या आप जानते हैं कि जब 67 साल के टॉलस्टॉय पर दुखों का पहाड़ टूटा तो एक साइकिल कैसे उनके काम आई? इति इतिहास में सुनिए War and Peace के लेखक Leo Tolstoy की ज़िंदगी से जुड़ा एक किस्सा. प्रड्यूसर : माज़ सिद्दीक़ी साउंड मिक्सिंग : अमन पाल
पहले विश्व युद्ध के बाद दुनिया की हालत बहुत खराब थी. करोड़ों लोग मारे गए और फ़्रांस ने न सिर्फ़ अपने लोग खोए, बल्कि मैथ का वो ख़ज़ाना भी गंवा दिया जिसे बनाने में सालों लगे थे. कई जाने-माने मैथमेटीशियन या तो युद्ध में मारे गए या फिर इस हालत में नहीं बचे कि दोबारा काम कर सकें. ऐसे मुश्किल समय में कुछ छात्र आगे आए, जिससे एक जीनियस निकोला बोरबाकी का जन्म हुआ. ‘इति इतिहास’ में कहानी निकोला बोरबाकी की. प्रड्यूसर : माज़ सिद्दीक़ी साउंड मिक्सिंग : अमन पाल
वैसे तो Teddy Bears बच्चों के खेलने की चीज़ हैं लेकिन बड़े भी इसके शौक से अछूते नहीं रह सके हैं. बीसवीं सदी का ये सबसे मशहूर खिलौना बन कर उभरा था. जो आज भी उतना ही पॉपुलर है. पहली बार 1902 में एक टॉफी की दुकान में बना ये टेडी बियर, पहले अमेरिका के और फिर दुनिया के लगभग सभी घरों में पहुँच गया. इसे बनाने वाले टॉफ़ी शॉप का ओनर देखते ही देखते करोड़ों का मालिक बन गया. इसे बनाने का आईडिया मिला एक शिकारी ट्रिप, एक बूढ़े भालू और एक ऐतिहासिक फैसले से. लेकिन इस कमाल के खिलौने का अमेरिका के प्रेसिडेंट रुज़वेल्ट से क्या कनेक्शन है? जानेंगे कहानी इति-इतिहास में.
रूस का एक ऐसा होली मैन जिसे ज़हर दिया गया, शूट किया गया, और तो और बर्फीली नदी में भी फेंका गया. मगर फिर भी वो नहीं मरा! कोई कहता था वो किसी को भी हिप्नोटाइज़ कर सकता था, किसी को भी छूकर ठीक कर सकता था. लेकिन कैसे एक छोटे से गांव से आया किसान बन गया शाही परिवार का सबसे ख़ास सलाहकार. और जिसके चलते वो बना दरबार में मौजूद बाकी लोगों की जलन का शिकार. आज के 'इति इतिहास' में कहानी रास्पुतिन की.
आज़ाद हिंद फ़ौज की नींव रखने वाला, जापान में असली करी का स्वाद पहुंचाने वाला और वाइसरॉय लॉर्ड हार्डिंग की हत्या की साज़िश रचने वाला - ये सभी एक ही इंसान हैं. आज के इति इतिहास में कहानी रासबिहारी बोस की, जो एक निडर क्रांतिकारी भी थे और कमाल के बावर्ची भी.
अंग्रेज़ी का एक मुहावरा है, ‘Foot in mouth’. इसका मतलब है ग़लत जगह पर ग़लत बात बोलना. अब ये हानिकारक तो है, लेकिन क्या इतना हानिकारक भी हो सकता है कि किसी की मौत की वजह बन जाए? सुनकर आपको हैरानी होगी लेकिन ऐसा ही कुछ हुआ था रूस के एक कवि Kondraty Ryleyev के साथ. आज के 'इति इतिहास' में कहानी Kondraty Ryleyev की. जिनके मुंह से निकले कुछ शब्द बन गए उनकी ही मौत की वजह. साउंड मिक्सिंग : अमन पाल
नज़र हटी, दुर्घटना घटी - इस लाइन को हमेशा याद रखना चाहिए, क्या पता कब कौनसा नुकसान हो जाए! क्योंकि कभी कभार नुकसान इतना बड़ा होता है कि उसकी भरपाई नहीं हो पाती. इतिहास में एक वकील ने ऐसी ही लापरवाही के चलते बहुत बड़ी गलती कर डाली. 'इति इतिहास' में कहानी क्लेमेंट वालांडीघम की जिनकी ज़िंदगी का सबसे एक्साइटिंग केस बन गया उनका आख़िरी मुक़दमा.
1971 की जंग में पाकिस्तान ने भेजी थी अपनी सबसे ख़तरनाक पनडुब्बी PNS ग़ाज़ी, INS विक्रांत को तबाह करने के लिए. मगर भारतीय नौसेना की एक अफ़वाह और मास्टरस्ट्रैटेजी ने पूरा खेल पलट दिया. सुनिए 'इति इतिहास' में, कैसे एक झूठी कहानी ने ग़ाज़ी को समंदर में डुबो दिया? प्रड्यूसर : अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग : अमन पाल
आइलैंड जानते हैं न? वही जो चारों तरफ़ से पानी से घिरा होता है. अमूमन एक आइलैंड धरती के अंदर होने वाली किसी हरकत की वजह से बनता है. लेकिन क्या आप जानते हैं इतिहास में एक ऐसा आदमी भी था, जो खुद का आइलैंड बनाने निकल पड़ा और वो भी एक राफ़्ट की मदद से? आज के ‘इति इतिहास’ में सुनिए कहानी न्यू अटलांटिस की
भालू सुनते ही दिमाग मेें क्या आता है? जंगल में घूमता या फिर शहद खाता हुआ एक बड़ा सा जानवर. लेकिन क्या आपको पता है इतिहास में एक भालू ऐसा भी था जो आर्मी में जवान बन गया था? यहीं नहीं, वो एक सैनिक की तरह अपनी सारी ड्यूटियां भी पूरी करता था. ‘इति इतिहास’ में सुनिए कहानी इसी सोल्जर भालू की. साउंड मिक्सिंग: अमन पाल
90s के दशक का मशहूर गाना ‘छैय्यां छैय्यां’ और मुग़ल काल के एक सूफ़ी संत के बीच क्या कनेक्शन हो सकता है? ये कहानी जुड़ती है बाबा बुल्ले शाह और उनके गुरु से. बताती है कि कैसे एक आम लड़के ने सूफिज़्म को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. कैसे बुल्ले शाह ने अपने मुर्शिद को मनाने के लिए कई सालों तक मिन्नतें की और कैसे 15वीं शताब्दी का ये गाना आज बॉलीवुड के हिट गानों में से एक बन गया? जानिए कहानी एक महान गुरु और उसके शागिर्द की, इति-इतिहास में.
आजकल लोग अपनी लाइफ़स्टाइल को लेकर बड़े सीरियस होते जा रहे हैं, तरह-तरह के फ़िटनेस ट्रेंड्स अपना रहे हैं- ये डायट, वो डायट, जिम जाना, मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना, वगैरह. सोशल मीडिया की बदौलत लगभग रोज़ ही एक नया ट्रेंड शुरू हो जाता है. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब लोग डायटिंग के लिए कीड़ों का इस्तेमाल करते थे. सुनिए पूरा किस्सा ‘इति इतिहास’ में.
ईसाई धर्म की सबसे बड़ी शाखा, कैथोलिक्स. इस पंथ के हेड पोप का पद हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है. इतना महत्वपूर्ण कि कैथोलिक्स के लिए तो जीज़स के बाद पोप ही हैं. मगर क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि इतिहास में एक बार इस पद पर तीन लोग विराजमान थे. वो भी एक साथ! सुनिए पूरा किस्सा ‘इति इतिहास’ में.
कोल्ड ड्रिंक तो पी ही होगी, लेकिन क्या आपको पता है कि इसी कोल्ड ड्रिंक की एक कंपनी के पास कभी पनडुब्बियां और जंगी जहाज़ भी थे? हां, कोल्ड वॉर के दौरान सोवियत संघ और अमेरिका की तनातनी के बीच एक अनोखा सौदा हुआ, जिसने पेप्सी को बना दिया इन पनडुब्बियों और जहाजों का मालिक. सुनिए 'इति इतिहास' में. साउंड मिक्सिंग : अमन पाल
जूनागढ़ की रियासत के आखिरी नवाब को कुत्ते बहुत पसंद थे. मतलब कुछ ज़्यादा ही पसंद. उनके पास 1 या 2 नही, बल्कि कुल 800 कुत्ते थे. इतना ही नही, हर कुत्ते को एक पर्सनल कमरा, एक अटेंडेंट और इमर्जेंसी के लिए एक टेलीफ़ोन मिला हुआ था. लेकिन ये भी उनके Obsession की झलकी भर है. जानिए पूरा किस्सा ‘इति इतिहास’ में
अमूमन किसी जंग में दो पक्ष एक दूसरे पर हथियारों की बौछार करते हैं. ऐसी ही एक जंग के दौरान ग्रीस और तुर्की ने भी करने का सोचा था. लेकिन हालात कुछ और ही हो गए. ग्रीस ने तुर्की को गोला-बारूद तोहफे में भेज दिए मगर क्यों? सुनिए ‘इति इतिहास’ में.
पुराने ज़माने में न सोशल मीडिया था, न मोबाइल. किसी दोस्त का हाल जानना हो या ऑफिस का काम निपटाना हो, तो चिट्ठी ही सबसे बड़ा सहारा थी. लेकिन एक बार एक ऐसी चिट्ठी लिखी गई, जो सिर्फ बात करने के लिए नहीं थी बल्कि उसने इतिहास ही बदल दिया. इस चिट्ठी की वजह से आज भारतीय रेल की हर बोगी में शौचालय मौजूद हैं. है न हैरानी की बात? कटहल की सब्जी, तेज़ गर्मी और लंबे सफर के इस कॉम्बिनेशन ने एक मुसाफिर को मजबूर कर दिया कि वो अपनी तकलीफ रेलवे को लिख भेजे. उसने जो चिट्ठी भेजी, वो इतनी असरदार थी कि रेलवे को आखिरकार ट्रेनों में टॉयलेट बनवाने पड़े. सुनिए ‘इति इतिहास’ में.
फलों का राजा आम तो हमेशा से लोगों की पसंद रहा है, लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब चीन में आम सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि श्रद्धा और आस्था का प्रतीक बन गया. पूरे देश पर जैसे आम का बुखार चढ़ गया—लोगों ने इसे पूजना शुरू कर दिया, और अगर किसी ने इसकी ठीक से हिफाज़त नहीं की, तो उसे सज़ा तक झेलनी पड़ती थी. सुनिए ‘इति इतिहास’ में. साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह
आपने दिल्ली की कुतुब मीनार तो देखी ही होगी. दिल्ली सल्तनत के इतिहास की कहानी कहती इस मीनार के बारे में कहा जाता है कि इसका नाम सल्तनत के पहले सुल्तान कुतुब उद दीन ऐबक के नाम पर रखा गया. लेकिन क्या वाकई ऐसा है? इति-इतिहास के इस एपिसोड में वो किस्सा, जिसमें छुपा है इस सवाल का जवाब.