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Qissagoi

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Author: Aaj Tak Radio

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Qissagoi (Kissagoi) is a Hindi story podcast hosted by (Sacred Games fame) Dastango Himanshu Bajpai. Himanshu is well known for his storytelling craft and has performed worldwide. His first book 'Qissa Qissa Lucknowaa' was published in 2019 which brought a series of amazing and never-told-before stories from the city of Lucknow. Qissagoi is a compilation of amazing pieces of literature in the form of famous anecdotes, stories and fables from folklore and history.

क़िस्से, हमें हमारे समाज के, समय के, लोगों के, दुनिया के और जीवन के क़रीब लाते हैं. और इसीलिए क़िस्से सुने और सुनाए जाने चाहिए. तो लखनऊ के नवाबी नहीं, अवामी क़िस्से सुनिए दास्तानगो और लेखक हिमांशु बाजपेई से, जो कहानी कहने के अपने सलीक़े के लिए मशहूर हैं. दास्तानगो हिमांशु बाजपेई के साथ सुनिए क़िस्सागोई, आज तक रेडियो पर.
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स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा भारत के क्रांतिकारियों का. जिन मशहूर क्रांतिकारियों को हम कहानियों में पढ़ते सुनते आए हैं उनका मानवीय पक्ष भी था. आपस में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और आज़ाद भी हंसी मज़ाक किया करते थे. और मज़ाक-मज़ाक में आज़ाद ने एक बार ऐसी भविष्यवाणी की जो सच हो गई.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का. जब ऑल इंडिया रेडियो के कई जगह दफ़्तर बने तब ज्यादातर उर्दू के एंकर हुआ करते थे जिन्हें हिंदी की बिल्कुल समझ नहीं थी. ऐसे में हिंदी के लोगों ने ख़ासकर साहित्यकारों ने रेडियो में जाने से परहेज़ रखा था. लेकिन जब एक बार निराला गए तो क्या हुआ ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा मशहूर हास्य कवि बेढब बनारसी का. क़िस्से अपने आपमें जो कहना चाहते हैं वो हम शायद ही कभी सुन पाते हैं. इस क़िस्से में ऐसा बहुत कुछ है जिसे सुना और सुनाया जाना चाहिए. सुनना और गुनना भी बहुत ज़रूरी है. सीखने के लिए शायद सुनना इसीलिए बहुत ज़रूरी है. सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा महात्मा गांधी का. जब देश स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था तब गांधी इस आन्दोलन की आर्थिक ज़रूरतें कैसे पूरी कर रहे थे? इसके लिए समाज पूरी तरह से गांधी के साथ खड़ा था. गांधी की एक पुकार पर लोग धन देने को तैयार रहते थे. लेकिन एक बार गांधी ने एक पैसे से भी ख़ूब धन बना लिया. कैसे ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा मशहूर विद्वान ग्रिफ़िथ साहब का. विदेशी होने के बाद भी भारत की सांस्कृतिक धरोहर के लिए उन्होंने जितना किया वो शायद ही कोई कर सका हो. ग्रिफ़िथ साहब ही थे जिनकी वजह से वेदों का शुरुआती तर्जुमा अंग्रेज़ी में हो सका. ग्रिफिथ साहब को मानस पूरी तरह कंठस्थ थी. उनके मानस प्रेम का एक मज़ेदार किस्सा सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मोहम्मद रफ़ी का. फ़िल्म इंडस्ट्री में जब उनके बारे में कहीं कोई बुराई नहीं सुनने में आती थी तब उनके बारे में एक प्यारी सी शिकायत आई. क्या थी वो शिकायत ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए फ़िराक गोरखपुरी साहब का. मशहूर शायर के ये दो क़िस्से बताते हैं कि क्यों उन्हें हर दिल पसंद माना जाता था. क्योंकि शायर होने के साथ ही फ़िराक साहब सोसायटी की नब्ज़ भी बखूबी समझते थे. इन किस्सों में ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए जिगर मुरादाबादी साहब का. जिगर साहब को एक दफ़े एक शख्स मिला. हम सब किसी परिचित के मिलने पर क्या करते हैं? ज़ाहिर है वैसा ही कुछ जिगर साहब ने भी किया. दुआ सलाम किया. उन्हें लगा कि वो उसे जानते हैं लेकिन ऐसा था नहीं. आगे क्या हुआ ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए सिद्दीकी साहब का. उर्दू के महान आलोचक और आलोचना में उनका कोई सानी ना हुआ. लेकिन सिद्दीकी साहब का कहना था कि आलोचना सलाह के तौर पर दी जानी चाहिए. ना कि अपने ज्ञान के दिखावे के लिए. और इसी के साथ किस्सा उस बच्चे का जिसके रिश्तेदार उसे लगातार ताना देते रहते थे. लेकिन फिर बच्चे ने क्या किया? ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए भारतीय क्रिकेटर सुधीर नायक का. ताबड़तोड़ क्रिकेट की शुरुआत करने वाले इस खिलाड़ी ने दूर देस में खरीदारी की, लेकिन दो जोड़ी मोज़े इस शख्स के भविष्य पर कालिख पोत गए. लाख समझाने के बाद भी लोग इस क्रिकेटर की बात नहीं समझे और तमाम आरोपों के बीच इस खिलाड़ी के जिस्म से खेल रिस गया. कैसे? खुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मशहूर शायर बशीर बद्र साहब का. उनकी जिंदादिली के क़िस्से बहुत मशहूर हैं. आज हम आपके लिए उनके तीन क़िस्से लेकर आए हैं जिससे बशीर बद्र साहब को समझने में बहुत आसानी होगी. उनका मिजाज़ और मयार कितना साफ़ और सुकून देने वाला था ये इन किस्सों में सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए लखनऊ के एक भांड का. नाम था उनका क़ायम भांड. अव्वल दर्जे के कलाकार क़ायम भांड के नाम का लखनऊ में डंका बजता था, लेकिन ऐसी क्या वजह हुई कि इन्हीं क़ायम भांड के आखिरी दिन भूखों गुज़रे. ऐसे कद्दावर कलाकार को भूख से मरने की नौबत क्यों आ गई ये खुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मशहूर क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त का. आजादी के लिए इन्होंने भगत सिंह के साथ मिलकर बम फेंका. आजीवन काला पानी की सज़ा काटी. लेकिन जब आज़ादी मिल गई तब इन्हीं बटुकेश्वर दत्त को दर-दर की ठोंकरें खानी पडीं. ख़र्च चलाने के लिए सिगरेट तम्बाकू बेचनी पड़ी. उनकी बर्बादी का क़िस्सा ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए लखनऊ के एक भांड का. एक वकील साहब जो भांड की कला के बड़े शौकीन थे उन्हें जब पता चला कि भांड के पास आजकल कोई काम नहीं तो उन्होने कैसे उसकी मदद की. लेकिन भांड की खुद्दारी भी अपनी जगह सही थी. फिर क्या हुआ खुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए महाकवि निराला का. उनका असल नाम 'सूर्यकान्त त्रिपाठी' शायद ही लोगों के बीच मशहूर हुआ हो, लेकिन साहित्य के साधक उन्हें महाकवि निराला कहते हैं. एक व्यक्ति से महाकवि तक का सफ़र निराला ने अपनी उन खूबियों की वजह से किया जिनका ज़िक्र आप आज सुनेंगे इस किस्से में
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे, ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में क़िस्सा सुनिए सुभद्रा जोशी और बेग़म अनीस किदवई का. इन दोनों ने भारत के गदर में क्रांतिकारियों की ख़ूब सेवा की. घायल होने पर उन्हें किसी मदद की कमी नहीं होने दी. जो मारे गए उनकी लाशों का अंतिम संस्कार उनके धर्म के अनुसार किया.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए शहीदे आज़म भगत सिंह का. काकोरी केस में बंद क्रांतिकारियों को छुड़ाने के लिए भगत सिंह ने हर कोशिश की. लेकिन उनको क़ामयाबी नहीं मिल पाई. रास्तों तक की रेकी कर ली थी. सब देख भाल करने के बाद अचानक अंग्रेज़ों ने सुरक्षा बढ़ा दी. पूरा किस्सा ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए शमीम अहमद शमीम का. लेखक शमीम अहमद जब महंगाई पर लोकसभा में बोलने के लिए खड़े हुए तो लोगों ने कहा कि कोई किस्सा सुनाइए. शमीम साहब ने ऐसा किस्सा सुनाया कि प्रधानमंत्री के ख़ास लोग भी हंस पड़े. ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मशहूर लेखक कैफ़ी आज़मी और बेगम अख्तर का. ज़्यादातर नज़्म कहने वाले कैफ़ी ने आखिर क्यों ग़ज़ल कहना शुरु किया? और जब कैफ़ी ने इसके पीछे की वजह बताई तो मल्लिका-ए-तरन्नुम भी मुस्कुरा उठीं. क्या हुआ था ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए पहलवान का. इनके फ़र्जी भौकाल की वजह से बस यात्रियों पर क्या गुज़री. कैसे पहले तो इन्होंने अपने दम ख़म और पहलवानी का जज़्बा दिखाया, लेकिन डाकुओं के आते ही जो हाल हुआ कि किस्सा ही बन गया.
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