DiscoverSambandh Ka Ke Kiएपिसोड 19: 'द कलर्स ऑफ़ नैशनलिज़्म' − नंदिता हक्सर
एपिसोड 19: 'द कलर्स ऑफ़ नैशनलिज़्म' − नंदिता हक्सर

एपिसोड 19: 'द कलर्स ऑफ़ नैशनलिज़्म' − नंदिता हक्सर

Update: 2024-07-11
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Description

नंदिता हक्सर का जन्म नए-नए आज़ाद भारत के एक कुलीन परिवार में हुआ। उनके पिता आला सरकारी अफसर थे और नेहरू परिवार से उनके करीबी रिश्ते थे। मगर, कम उम्र से ही सत्ता से दूरी रखते हुए, नंदिता ने वक़ालत की पढ़ाई की और एक मानवाधिकार कार्यकर्ता बन गईं। आज़ादी के सात साल बाद जन्मी नंदिता के सपनों का भारत, सदैव पंडित नेहरू के समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष आदर्शों का भारत रहा है। इन आदर्शों से प्रेरित हो, वे मानवाधिकार-हनन से पीड़ित भारतियों को न्याय दिलाने के काम में जुट गईं − चाहे वो हिंसा के साये में रहते भयभीत अल्पसंख्यक हों, सैनिक-शासन जैसे हालात के चपेट में आए पूर्वोत्तर के नागा निवासी हों, या गरीबी और भुखमरी से ग्रस्त आदिवासी हों। नंदिता हक्सर के इस लम्बे सफर की दास्ताँ है उनका
संस्मरण, 'द कलर्स ऑफ़ नैशनलिज़्म' यानी 'राष्ट्रवाद के रंग।


(आप शो-नोट्स https://sambandh-kakeki.com/ पर भी देख सकते हैं।)


1. 'द कलर्स ऑफ़ नैशनलिज़्म' अमेज़न पर  


2. 'द फ्लेवर्स ऑफ़ नैशनलिज़्म' अमेज़न पर  


3. 'फ्रेम्ड ऐज़ अ टेररिस्ट' अमेज़न पर


4. नंदिता हक्सर की अन्य पुस्तकें अमेज़न पर


(‘सम्बन्ध का के की’ के टाइटिल म्यूज़िक की उपलब्धि, पिक्साबे के सौजन्य से।)

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Himanshu Bhagat