एपिसोड 2: शैडो सिटी – अ वुमन वॉक्स काबुल - तरन खान
Description
वर्ष २००६, अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान हुकूमत को गिरे हुए पाँच साल हो चुके हैं — तरन खान पहली बार हिंदुस्तान से अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पहुँचती हैं तो उनको लगता है कि वे एक अजनबी शहर में आयी हैं, और साथ-साथ यह भी लगता है कि ऐसे शहर में आई हैं जिससे उनका पुराना परिचय हो। काबुल में उनकी पहचान शायरों, फिल्म निर्माताओं, पत्रकारों और शहर के अन्य बाशिंदो से होती है। वक़्त के साथ, वे पाती हैं कि उनकी कल्पना के शहर और उनकी हकीकत के शहर में फ़र्क़ है। आइये सुनते हैं, तरन खान के साथ उनकी किताब 'शैडो सिटी -- अ वुमन वॉक्स काबुल' पर एक चर्चा।
(आप शो नोट्स, sambandhkakeki.com पर भी देख सकते हैं।)
इंस्टाग्राम पर तरन खान
तरन खान द्वारा लिखी गईं पुस्तक —
नॉन फिक्शन
पॉडकास्ट में चर्चित अन्य किताबें --
तरन के दो चहेते गीत
- फिल्म काबुलीवाला का गीत, ऐ मेरे प्यारे वतन
- अहमद ज़हीर का गीत, लैली लैली जान
‘सम्बन्ध का के की’ के टाइटिल म्यूज़िक की उपलब्धि, पिक्साबे के सौजन्य से।