गबन (पार्ट २) by Surbhi Kansal
Update: 2023-10-11
Description
रमानाथ का कलेजा मसोस उठा। यह चन्द्रहार के लिए इतनी विकल हो रही है। इसे क्या मालूम कि
दुर्भाग्य इसका सर्वस्व सलूटने का सामान कर रहा है। जिस सरल बालिका पर उसे अपने प्राणों को न्योछावर करना
चाहिए था, उसी का सवर्चस्व अपहरण करने पर वह तुला हुआ है! वह इतना व्यग्र हुआ, कि जी में आया, कोठे से
कूदकर प्राणों का अंत कर दे।
दुर्भाग्य इसका सर्वस्व सलूटने का सामान कर रहा है। जिस सरल बालिका पर उसे अपने प्राणों को न्योछावर करना
चाहिए था, उसी का सवर्चस्व अपहरण करने पर वह तुला हुआ है! वह इतना व्यग्र हुआ, कि जी में आया, कोठे से
कूदकर प्राणों का अंत कर दे।
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