DiscoverUNPEN - Poetry, Songs & Stories by Sarvajeet D Chandra in Hindustani & Englishतुम्हारे हिस्से की मोहब्बत - सर्वजीत Tumhare Hisse Ki Mohabbat - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra
तुम्हारे हिस्से की मोहब्बत - सर्वजीत Tumhare Hisse Ki Mohabbat - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

तुम्हारे हिस्से की मोहब्बत - सर्वजीत Tumhare Hisse Ki Mohabbat - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

Update: 2023-12-13
Share

Description

तुम्हारे हिस्से की मोहब्बत - सर्वजीत








तुम भूल जाओ बेशक ,याद करो न कभी


उजड़े घर में तुम्हारी खुशबू अब भी आती है


तुम्हारा दीदार, सूखे सावन जैसा इंतज़ार


तुम्हारे हिस्से की तन्हाई अभी बाकी है






तुम छोड़ दो मुझे बेबस ,मँझधार में कहीं


तुम्हारी बेवफ़ाई में विवशता नज़र आती है


सूनी रात, सूने तारों से लिपटा आसमान


तुम्हारे हिस्से की रुसवाई अभी बाकी है






ख़ुदा ने उड़ा दिया साथ बैठे दो परिंदों को


झूलती हुई डाल में तुम्हारी याद ताजी है


ना मिलीं तुम, छान लिया मोहल्ला, आसमाँ


तुम्हारे हिस्से की जुदाई अभी बाकी है






यह सच है कि हमारे इश्क में वो शिद्दत नहीं


मैं हूँ आवारा मदहोश, तू एक हसीं साक़ी है


बेशकीमती नहीं, चलो दो कौड़ी की सही


तुम्हारे हिस्से की मोहब्बत अभी बाकी है








Connect with Unpen on Social Media




One Link : https://campsite.bio/tounpen


Podcast Page https://podcasters.spotify.com/pod/show/unpen


Instagram : https://www.instagram.com/2unpen/


Facebook Page: https://www.facebook.com/IndianPoetry/


Twitter : https://twitter.com/2unpen




Contact Sarvajeet on sarvajeetchandra@gmail.com

Comments 
In Channel
loading
00:00
00:00
x

0.5x

0.8x

1.0x

1.25x

1.5x

2.0x

3.0x

Sleep Timer

Off

End of Episode

5 Minutes

10 Minutes

15 Minutes

30 Minutes

45 Minutes

60 Minutes

120 Minutes

तुम्हारे हिस्से की मोहब्बत - सर्वजीत Tumhare Hisse Ki Mohabbat - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

तुम्हारे हिस्से की मोहब्बत - सर्वजीत Tumhare Hisse Ki Mohabbat - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra

SARVAJEET D CHANDRA