DiscoverKathaDarshanहनुमान कथा : पुनर्जन्म | हनुमान चालीसा के 34 चौपाई का अर्थ | Hanuman Katha : Punarjanam
हनुमान कथा : पुनर्जन्म | हनुमान चालीसा के 34 चौपाई का अर्थ | Hanuman Katha : Punarjanam

हनुमान कथा : पुनर्जन्म | हनुमान चालीसा के 34 चौपाई का अर्थ | Hanuman Katha : Punarjanam

Update: 2021-04-13
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Description

अंत काल रघुबर पुर जाई ।

जहां जन्म हरि भक्त कहाई ॥ 34 ॥


हमारा अन्तकाल होता ही नहीं है, प्रयाणकाल होता है ।  हम मरेंगे तो दूसरा जन्म लेंगे । अन्तकाल का अर्थ यह है कि अब दूसरा जन्म लेना नहीं है । जीवन मे मृत्यु है । मृत्यु होनी ही चाहिए। मृत्यु में काव्य खडा करने वाला, मृत्यु का काव्य बताने वाला गुरु है । मृत्यु है इसलिए जीवन है । मृत्यु को भगवान ने ही बनाया है । 

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हनुमान कथा : पुनर्जन्म | हनुमान चालीसा के 34 चौपाई का अर्थ | Hanuman Katha : Punarjanam

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