DiscoverKathaDarshanहनुमान चालीसा की छब्बीसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ हनुमान कथा - संकट में मदद
हनुमान चालीसा की छब्बीसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ हनुमान कथा - संकट में  मदद

हनुमान चालीसा की छब्बीसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ हनुमान कथा - संकट में मदद

Update: 2021-02-22
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Description

संकट ते हनुमान छुडावै

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥ 26 ॥          


हमें भगवान की मूर्ति में चित एकाग्र करने के लिए कहते हैं। ऐसी भगवान की मूर्ति लो हमारे मन में स्थापित हो भगवान की भक्ति दो प्रकार से करनी चाहिए, अन्तर्भक्ति और बहिर्भक्ति।अन्तर्भक्ति  भगवान का  मन और बुद्धि दोनों से ध्यान करना और भगवान के चरणों में मन और बुद्धि को एकाग्र करना | बहिर्भक्ति यानी जिस भगवान पर प्रेम है, उसका काम करना


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