हनुमान चालीसा की पच्चीसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ | हनुमान कथा खल मूसल
Update: 2021-02-20
Description
नासै रोग हरै सब पीरा,
जपत निरन्तर हनुमत बीरा ॥ 25 ॥
हनुमानजी का जप करने से रोग, भय विकार इत्यादि का नाश हो जाता है। रोग, भय विकार इन तीनों से जीवन त्रस्त बनता है, इसलिए इन तीनों से मुक्ति चाहिए।रोग मुक्ति यह शारीरिक मुक्ति का लक्षण है, भय और विकार मुक्ति मानसिक मुक्ति के लक्षण हैं। प्रत्येक व्यक्ति परेशान हैं, उसकी परेशानी कौन सी है दुख कुछ आये हुए है और कुछ आनेवाले है, उनकी विवंचना भ्रम यही व्यक्ति का दु:ख है।
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