Agantuk | Agyeya
Update: 2025-12-26
Description
आगंतुक। अज्ञेय
आँखों ने देखा पर वाणी ने बखाना नहीं।
भावना ने छुआ पर मन ने पहचाना नहीं।
राह मैंने बहुत दिन देखी, तुम उस पर से आए भी, गए भी,
- कदाचित्, कई बार -
पर हुआ घर आना नहीं।
Comments
In Channel























