Purani Baatein | Shraddha Upadhyay
Update: 2025-10-30
Description
पुरानी बातें | श्रद्धा उपाध्याय
पहले सिर्फ़ पुरानी बातें पुरानी लगती थीं
अब नई बातें भी पुरानी हो गई हैं
मैंने सिरके में डाल दिए हैं कॉलेज के कई दिन
बचपन की यादें लगता था सड़ जाएँगी
फिर किताबों के बीच रखी रखी सूख गईं
कितनी तरह की प्रेम कहानियाँ
उन पर नमक घिस कर धूप दिखा दी है
ज़रुरत होगी तो तल कर परोस दी जाएँगी
और इतना कुछ फ़िसल हुआ हाथों से
क्योंकि नहीं आता था उन्हें कोई हुनर
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