एक कविता रोज़- 1- जिसका कोई नहीं होता उसका ख़ुदा होता है-मुनीर नियाज़ी-lockdown life-lockdown poetry
Update: 2021-04-29
Description
मैं सुनाऊँगी आपको रोज़ एक कविता और साथ ही होगी ढ़ेर सारी बातें। कुछ कही सी कुछ अनकही सी बातें। कुछ आपकी कुछ मेरी बातें। दिल की ढेर सारी बातें।
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