एपिसोड 6: बराबरी सब के लिए
Update: 2023-10-30
Description
यह एपिसोड 6 का हिंदी संस्करण है।
इस एपिसोड में जो कविता हम सुनेंगे, उसे फ़िरोज़पुर-पंजाब की रहने वाली एक बच्ची ने लिखा है. उसने दो-हज़ार-बीस-इक्कीस में चले किसान आंदोलन में लगातार भाग लिया था. दिल्ली की सीमा पर और अपने गाँव के पास-- उसने दोनों जगह की protest में शिरकत की. यूं तो यह कविता बराबरी के बारे में सोचते हुए लिखी गयी थी, पर आप देखेंगे कि उस कवि-बच्ची के शब्द हमारी दुनिया के तमाम पहलुओं की ओर इशारा करते है. जिस तरह से एक बच्चे की दुनिया को माना जाता है, उसके शब्द उससे कहीं ज़्यादा बढ़कर दुनिया को देखते है. क्या बच्चों की दुनिया वाकई में बड़ों की दुनिया से छोटी होती है? क्या ऐसा मानने में हम बच्चों के अनुभवों में मौजूद अनगिन मायनों को नज़रअंदाज़ तो नहीं कर रहे?
अतिथि के बारे में
फराह फारूकी दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के शिक्षा संकाय के इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन में शिक्षा की प्रोफेसर हैं। इससे पहले, उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज के प्राथमिक शिक्षा विभाग में आठ साल तक काम किया। फराह ने शिक्षा, पहचान, ghettoisation, सांस्कृतिक राजनीति और स्कूल ethnographies के मुद्दों पर लिखा है। फराह हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखती हैं। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के प्रबंधक के रूप में उनके अनुभव को एकलव्य ने “एक स्कूल मैनेजर की डायरी” के रूप में प्रकाशित किया था। उन्होंने इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली, आईआईसी क्वार्टरली, लर्निंग कर्व, द कैरवैन, द वायर, शिक्षा विमर्श और कुछ अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे द फ्राइडे टाइम्स (लाहौर) और मैक्स वेबर स्टिफ्टंग (लंदन) जैसी कई पत्रिकाओं में भी प्रकाशन किया है। फराह ने 2006 और 2008 के बीच प्रकाशित कक्षा IV और V के लिए पर्यावरण अध्ययन के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों में मुख्य सलाहकार और लेखक के रूप में योगदान दिया है। उन्होंने शिक्षकों और शिक्षक-प्रशिक्षुओं के लिए भी लिखा है।
Routledge द्वारा प्रकाशित उनकी हालिया पुस्तक का शीर्षक है, Education in a Ghetto: Paradoxes of a Muslim-Majority School (2023)। पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी यहां पाई जा सकती है: https://www.taylorfrancis.com/chapters/mono/10.4324/9781003407140-1/introduction-farah-farooqi
प्रोजेक्ट के बारे में अधिक जानकारी के लिए
हमें Instagram पर फॉलो करें
@themagickeycentre
या हमारी वेबसाइट पर जाएँ
hum-hindustani.in
CREDITS
The Hum Hindustani Poetry Podcast is a production of The Magic Key Centre for the Arts and Childhood.
Conceived, Written, and Hosted by
Samina Mishra
Poems read by
Aanvi, Arudra, Danyal, Haniya, Ishanvi, Labina, Lakshmi, Kashvi, Kyra, Rohan, Ronish, Samaa, Sarah, Sediqa, Ulfa
Children reading the poems mentored by
Anannya Tripathyi
Studio recordings
Amartya Ghosh, Quarter Note Studios
Music
Shireen Ghosh
Vocals
Ishaan Chintamani
Artwork
Alia Sinha
Additional Research
Rhea Kuthoore
Co-Writer
S Gautham
Hindi Translation
Tazeen Ali
Produced by
Vaaka Media
Acknowledgements
Anannya Tripathyi
Gaurav Chintamani
Priya Mathews
Shikha Sen
Simurgh Centre
TESF India
All the children who participated in the Hum Hindustani workshops and wrote the poems
Support for this podcast comes from Rohini Nilekani Philanthropies.
The Hum Hindustani research project is part of TESF India.
इस एपिसोड में जो कविता हम सुनेंगे, उसे फ़िरोज़पुर-पंजाब की रहने वाली एक बच्ची ने लिखा है. उसने दो-हज़ार-बीस-इक्कीस में चले किसान आंदोलन में लगातार भाग लिया था. दिल्ली की सीमा पर और अपने गाँव के पास-- उसने दोनों जगह की protest में शिरकत की. यूं तो यह कविता बराबरी के बारे में सोचते हुए लिखी गयी थी, पर आप देखेंगे कि उस कवि-बच्ची के शब्द हमारी दुनिया के तमाम पहलुओं की ओर इशारा करते है. जिस तरह से एक बच्चे की दुनिया को माना जाता है, उसके शब्द उससे कहीं ज़्यादा बढ़कर दुनिया को देखते है. क्या बच्चों की दुनिया वाकई में बड़ों की दुनिया से छोटी होती है? क्या ऐसा मानने में हम बच्चों के अनुभवों में मौजूद अनगिन मायनों को नज़रअंदाज़ तो नहीं कर रहे?
अतिथि के बारे में
फराह फारूकी दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के शिक्षा संकाय के इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन में शिक्षा की प्रोफेसर हैं। इससे पहले, उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज के प्राथमिक शिक्षा विभाग में आठ साल तक काम किया। फराह ने शिक्षा, पहचान, ghettoisation, सांस्कृतिक राजनीति और स्कूल ethnographies के मुद्दों पर लिखा है। फराह हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखती हैं। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के प्रबंधक के रूप में उनके अनुभव को एकलव्य ने “एक स्कूल मैनेजर की डायरी” के रूप में प्रकाशित किया था। उन्होंने इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली, आईआईसी क्वार्टरली, लर्निंग कर्व, द कैरवैन, द वायर, शिक्षा विमर्श और कुछ अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे द फ्राइडे टाइम्स (लाहौर) और मैक्स वेबर स्टिफ्टंग (लंदन) जैसी कई पत्रिकाओं में भी प्रकाशन किया है। फराह ने 2006 और 2008 के बीच प्रकाशित कक्षा IV और V के लिए पर्यावरण अध्ययन के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की पाठ्यपुस्तकों में मुख्य सलाहकार और लेखक के रूप में योगदान दिया है। उन्होंने शिक्षकों और शिक्षक-प्रशिक्षुओं के लिए भी लिखा है।
Routledge द्वारा प्रकाशित उनकी हालिया पुस्तक का शीर्षक है, Education in a Ghetto: Paradoxes of a Muslim-Majority School (2023)। पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी यहां पाई जा सकती है: https://www.taylorfrancis.com/chapters/mono/10.4324/9781003407140-1/introduction-farah-farooqi
प्रोजेक्ट के बारे में अधिक जानकारी के लिए
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CREDITS
The Hum Hindustani Poetry Podcast is a production of The Magic Key Centre for the Arts and Childhood.
Conceived, Written, and Hosted by
Samina Mishra
Poems read by
Aanvi, Arudra, Danyal, Haniya, Ishanvi, Labina, Lakshmi, Kashvi, Kyra, Rohan, Ronish, Samaa, Sarah, Sediqa, Ulfa
Children reading the poems mentored by
Anannya Tripathyi
Studio recordings
Amartya Ghosh, Quarter Note Studios
Music
Shireen Ghosh
Vocals
Ishaan Chintamani
Artwork
Alia Sinha
Additional Research
Rhea Kuthoore
Co-Writer
S Gautham
Hindi Translation
Tazeen Ali
Produced by
Vaaka Media
Acknowledgements
Anannya Tripathyi
Gaurav Chintamani
Priya Mathews
Shikha Sen
Simurgh Centre
TESF India
All the children who participated in the Hum Hindustani workshops and wrote the poems
Support for this podcast comes from Rohini Nilekani Philanthropies.
The Hum Hindustani research project is part of TESF India.
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